रक्त द्वारा धमनियों पर डाले गए दबाव को ब्लड-प्रेशर या रक्तचाप कहते हैं। हाई ब्लड-प्रेशर किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर अपने साथ अन्य कई बीमारियां लेकर आता है, जिससे शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के लिए कुछ लोग 'वाटर पिल्स' का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ लोग वाटर पिल्स का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए भी करते हैं। लेकिन वाटर पिल्स लेने के कुछ नुकसान भी हैं इसलिए इन्हें लेते समय सावधानी बरतनी जरूरी है।
क्या हैं वाटर पिल्स
वाटर पिल्स को डाइयुरेटिक्स के नाम से भी जाना जाता है। डाइयुरेटिक्स एक ऐसा पदार्थ है जो मूत्र का उत्पादन बढ़ा देता है। डाइयुरेटिक्स, मूत्र के माध्यम से शरीर से तरल पदार्थों को बाहर कर देता है। तरल पदार्थों के ज्यादा निकलने से ब्लड प्रेशर में कमी आ जाती है। वहीं लगातार प्रयोग करने से शरीर का बढ़ा हुआ वजन भी कम हो जाता है। हालांकि कई बार डॉक्टर्स स्वयं वाटर पिल्स को ब्लड प्रेशर के मरीजों को कंट्रोल करने के लिए देते हैं। मगर फिर भी वजन घटाने या ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए वाटर पिल्स का बिना किसी चिकित्सीय सलाह के सेवन खतरनाक हो सकता है।
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कई रोगों में काम आते हैं 'वाटर पिल्स'
डाइयुरेटिक्स की चार श्रेणियां होती हैं और सभी मूत्र के उत्पादन को बढ़ाती हैं। इसका उपयोग सूजन के इलाज, हार्ट फेल्योर, रक्त चाप, लीवर सिरोसिस और गुर्दे संबंधी रोगों के उपचार में भी किया जाता है। इसे बाजार में वजन घटाने वाली दवा के रूप में भी प्रचारित किया जा रहा है। डाइयुरेटिक्स सोडियम (नमक) और पानी को शरीर से निकालती है। ये यूरिन के जरिए गुर्दे से सोडियम को निकालती है। जब गुर्दे से सोडियम बाहर निकलता है तो शरीर का पानी सूखने लगता है। नतीजतन रक्त वाहिकाओं में बह रहे तरल पदार्थ की मात्रा में कमी हो जाती है। इस कारण धमनियों की दीवारों पर दबाव कम हो जाता है।
वजन घटाने का सुरक्षित विकल्प नहीं हैं 'वाटर पिल्स'
मानव शरीर में 60 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है। डाइयुरेटिक्स शरीर के पानी को कम करता है। पानी कम होने से व्यक्ति को वजन कम होने का अनुभव होता है और ऐसा शरीर में तरल पदार्थों की कमी के कारण होता भी है। कम समय में वजन कम करने के लिए लोग डाइयुरेटिक्स का चुनाव करते हैं। डाइयुरेटिक्स शरीर के तरल पदार्थों को कम करता है। इससे चर्बी में कोई कमी नहीं होती। इसलिए इससे कम किया गया वजन ज्यादा दिन तक मेनटेन नहीं रहता और कुछ समय बाद वजन फिर से बढ़ जाता है।
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'वाटर पिल्स' के साइड इफेक्ट्स
शरीर के कई अंग अपना काम करने के लिए पानी पर निर्भर होते हैं। यही नहीं मस्तिष्क में लगभग 70 प्रतिशत पानी होता है, रक्त में लगभग 90 प्रतिशत पानी है और फेफड़ों भी कार्य करने के लिए पानी पर निर्भर होते हैं। ये जानने के बाद आप आराम से ये अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारा शरीर पानी पर कितना निर्भर करता है। शरीर में पानी की कमी होने पर कितना नुकसानदायक हो सकता है। डाइयुरेटिक्स के लगातार इस्तेमाल से कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। ये साइड इफेक्ट निर्जलीकरण जैसे होते हैं। डाइयुरेटिक्स के कुछ साइड इफेक्ट निम्न हैं-
- प्यास का लगना
- थकान का होना
- मतली का आना
- दस्त होना
- मांसपेशियों में कमजोरी होना
- मांसपेशीयों में ऐंठन
- सोच का भ्रमित होना
- दिल की धड़कन का अनियमित होना
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