
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या एक घातक समस्या है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के कारण हर साल 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है। आजकल कम शारीरिक मेहनत और अनियमित जीवनशैली के कारण लोग हाई ब्लड प्रेशर का ज्यादा शिकार हो रहे हैं। जब नसों में ब्लड बहता है तो ये नसों के किनारों पर दबाव बनाता है। ब्लड के इसी दबाव यानि प्रेशर को ब्लड प्रेशर कहते हैं। अगर आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा हो गया है तो ये हार्ट को इसे पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ये दबाव जरूरत से ज्यादा हो जाए तो हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक हो जाता है।
अगर आप अपने जीवनशैली में थोड़ा फेरबदल कर लें, तो ब्लड प्रेशर की समस्या से सिर्फ 2 हफ्ते में राहत पा सकते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
स्वरूपरानी हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. राम आशीष बताते हैं कि ब्लड प्रेशर के मरीज अगर अपनी डाइट में थोड़े बदलाव करें और नियमित एक्सरसाइज करें, तो 14 दिन में ब्लड प्रेशर को 19-20 प्वाइंट्स तक कम किया जा सकता है। इस तरह के पॉजिटिव बदलावों से दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
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हाई ब्लड प्रेशर में कैसा हो आहार
डॉ. आशीष बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए वेगन डाइट यानि शाकाहारी डाइट बहुत फायदेमंद है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपने आहार में लेग्यूम्स यानि फलियां, दालें, सब्जियां, मोटा अनाज, फल, सूखे मेवे और बीज वाले आहारों का सेवन करना चाहिए। इन सभी आहारों में पर्याप्त विटामिन्स, प्रोटीन और फाइबर होते हैं। रोजाना इन आहारों को खाने से आप 2 सप्ताह में अपना ब्लड प्रेशर सामान्य कर सकते हैं।
अन्य बदलाव हैं जरूरी
डॉ. आशीष बताते हैं कि आहार में इन बदलावों के अलावा अगर आप अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम को शामिल कर लें, तो आप तेजी से ब्लड प्रेशर घटा सकते हैं। इसके लिए आपको रोज सुबह कम से कम 30 मिनट तेज गति में चलना चाहिए। ध्यान दें कि चलते समय आप सांस मुंह से न लेकर नाक से लें। इसके अलावा आपको दिनभर में 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए और थोड़ा व्यायाम करना चाहिए। इस तरह के बदलावों से आप दो सप्ताह में ब्लड प्रेशर को सामान्य कर सकते हैं।
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कितना होना चाहिए ब्लड प्रेशर
जब मरीज का रक्तचाप 140/90 से अधिक होता है तो ऐसी स्थिति को उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि धमनियों में उच्च तनाव है। उच्च रक्तचाप का मतलब अत्यधिक भावनात्मक तनाव होना नहीं है। भावनात्मक तनाव व दबाव अस्थायी तौर पर रक्त के दाब को बढ़ा देते हैं। सामान्यतः रक्तचाप 120/80 तक ही होना चाहिए। 139/89 के बीच का रक्त का दबाव प्री-हाइपरटेंशन कहलाता है और 140/90 या उससे अधिक का रक्तचाप उच्च माना जाता है। उच्च रक्तचाप से हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, धमनियों का सख्त होना, आंखें खराब होना और मस्तिष्क खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
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