बच्चों को 5-6 माह के बाद ठोस आहार देने की सलाह दी जाती है, लेकिन राइस सेरेलक देना शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर्स से सलाह लेना जरूरी होता है।आवश्यकता से अधिक सेरेलक का सेवन भी बच्चों पर दुष्प्रभाव डालता है। साथ ही लोगों में इससे जुड़े कई तरह के मिथ रहते हो जो बच्चें की सेहत को प्रभावित कर सकते है।
- कई बार सेरेलक का मिश्रण कभी गाढ़ा, कभी पतला होने की वजह से ये ठीक तरह से शिशु की भूख को शांत नहीं करता। बार बार सेरेलक खाने से पेट औऱ लंग पर प्रभाव भी पड़ता है। ये सेहत को और बिगाड़ देता है। सेरेलक का ठीक मिश्रण जानने के लिए डॉक्टर्स से सलाह लें।
- राइस सेरेलक कई बच्चों में कब्ज की समस्या पैदा करता है। शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार माना जाता है।डॉक्टर्स के मुताबिक जब बच्चा एक आहार से दूसरे आहार पर जाता है तो उसका पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है।
- इससे पेट दर्द और मल त्यागने में बच्चे को परेशानी होती है। बच्चों को अगर राइस सेरेलक खिलाना है तो उसमें फल और हरी सब्जियों का मिश्रण करे। जिनमें फाइबर की मात्रा भरपूर हो।
- किसी अन्य दवा व खाने की तरह बच्चे को सेरेलक से भी एलर्जी हो सकती है हालांकि इससे एलर्जी होने की संभावना काफी कम होती है। जिन बच्चों को सेरेलक से एलर्जी होती है उन्हें आगे चलकर सोया, स्टार्च और डेयरी उत्पादों से भी एलर्जी होने की संभावना है।
शिशु को नमकीन व मीठे खाद्य पदार्थे और पेय आपके शिशु के दांतों के लिए सही नहीं हैं। इनसे उसे नमकीन व मीठा खाने का चस्का लग सकता है। अगर आपको वाकई जरुरत हो, तो शिशु के आहार में केवल थोड़ी सी ही नमक या चीनी मिलाइए।
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