फिल्म 'गॉन-केश' में श्वेता त्रिपाठी हैं 'एलोपेशिया' का शिकार, जानें क्यों झड़ते हैं इस बीमारी में बाल?

फिल्म 'गॉन-केश' में श्वेता त्रिपाठी के किरदार की काफी चर्चा है। फिल्म में श्वेता त्रिपाठी 'एलोपेशिया' नाम की एक ऐसी बीमारी से प्रभावित हैं, जिसमें सिर के बाल धीरे-धीरे झड़ने लगते हैं और और बाद में पूरी तरह से झड़ जाते हैं, जिससे रोगी गंजा हो जाता है।। फिल्म 'गॉन-केश' के सेंटर में यही बीमारी है, जिससे प्रभावित श्वेता त्रिपाठी अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए ढेर सारे घरेलू नुस्खे और इलाज अपनाती हैं, मगर कोई फायदा नहीं मिलता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
फिल्म 'गॉन-केश' में श्वेता त्रिपाठी हैं 'एलोपेशिया' का शिकार, जानें क्यों झड़ते हैं इस बीमारी में बाल?


29 मार्च, शुक्रवार को रिलीज होने वाली फिल्म 'गॉन-केश' में श्वेता त्रिपाठी के किरदार की काफी चर्चा है। फिल्म में श्वेता त्रिपाठी 'एलोपेशिया' नाम की एक ऐसी बीमारी से प्रभावित हैं, जिसमें सिर के बाल धीरे-धीरे झड़ने लगते हैं और और बाद में पूरी तरह से झड़ जाते हैं, जिससे रोगी गंजा हो जाता है।। फिल्म 'गॉन-केश' के सेंटर में यही बीमारी है, जिससे प्रभावित श्वेता त्रिपाठी अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए ढेर सारे घरेलू नुस्खे और इलाज अपनाती हैं, मगर कोई फायदा नहीं मिलता है। फिल्म में श्वेता अंत तक अपने गंजेपन को स्वीकार कर लेती हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है एलोपेशिया बीमारी और क्यों झड़ते हैं इस बीमारी में बाल?

एलोपेशिया में झड़ जाते हैं सारे बाल

'एलोपेशिया एरियाटा' एक ऑटोइम्यून बीमारी है। ऑटोइम्यून बीमारियां वो होती हैं, जिनमें शरीर की रक्षा करने वाला हमारा इम्यून सिस्टम ही हमारे शरीर का दुश्मन बन जाता है, और तरह-तरह के रोग देने लगता है। एलोपेशिया होने पर सिर में कई जगह से छोटे-छोटे हिस्सों के बाल पूरी तरह झड़ जाते हैं, जिससे सिर पर पैच नजर आने लगते हैं। गंभीर स्थिति में सिर के पूरे बाल झड़ सकते हैं और रोगी गंजा हो सकता है।

इसे भी पढ़ें:- इन 5 ब्लड टेस्ट से जानें अपनी सेहत का राज, साल में एक बार जरूर कराएं जांच

किसे हो सकता है एलोपेशिया रोग?

एलोपेशिया रोग किसी भी महिला या पुरुष को किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों को ये बीमारी ज्यादा होती है। इसका कारण यह है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। ये ऐसी बीमारी नहीं है, जो धीरे-धीरे संकेत देगी, बल्कि सिर्फ कुछ दिनों या सप्ताह भर में ही किसी व्यक्ति को ये बीमारी हो सकती है। इस रोग में सिर्फ सिर के बाल ही नहीं, बल्कि दाढ़ी, मूंछ, आइब्रो, आई लैशेज या शरीर के अन्य अंगों के बालों को भी प्रभावित कर सकता है।
ध्यान रखें- ये रोग न तो छूने से फैलता है और न ही किसी अन्य तरह से। यह रोगी के शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा तंत्र की गड़बड़ी है।

एलोपेशिया रोग के प्रकार

एलोपेशिया रोग 3 तरह से शरीर को प्रभावित कर सकते हैं।

  • एलोपेशिया एरियाटा- इसमें बाल छोटे-छोटे गुच्छों में गिरते हैं, जिससे सिर में पैचेज बन जाते हैं। आमतौर पर ये पैचेज गोल या चौकोर हो सकते हैं।
  • एलोपेशिया टोटलिस- इसमें सिर के सारे बाल झड़ जाते हैं यानी व्यक्ति पूरी तरह गंजा हो जाता है।
  • एलोपेशिया यूनिवर्सलिस- इसमें सिर के साथ-साथ शरीर के सभी अंगों जैसे- आईब्रोज, आई लैशेज, दाढ़ी, मूंछ, हाथ, पैर आदि के बाल भी झड़ जाते हैं। इस रोग में व्यक्ति के शरीर में एक भी बाल या रोंया नहीं बचता है।

इसे भी पढ़ें:- गर्मियों में फूड पॉयजनिंग से बचना है, तो अपनाएं ये 10 टिप्स

क्या एलोपेशिया में दोबारा बाल उग सकते हैं?

एलोपेशिया के कारण झड़ने वाले बालों को रोकने का कोई उपाय नहीं है। हालांकि कुछ मामलों में बालों के झड़ने के बाद इसे दोबारा उगाया जा सकता है।

एलोपेशिया रोग 2 तरह का होता है। पहला- स्कारिंग एलोपेशिया, जिसमें शरीर के बाल दोबारा वापस नहीं आते हैं और उनकी जगह एक स्कार बन जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि रोग के कारण बालों की जड़ें भी समाप्त हो जाती हैं, जिससे दोबारा बाल नहीं उगते हैं। दूसरा है- नॉन स्कारिंग एलोपेशिया, जिसमें बालों को इलाज और दवाओं के द्वारा वापस लाया जा सकता है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Other Diseases In Hindi

Read Next

4 तरह की होती है बवासीर, इनके लक्षणों से जानें आपको कौन सी है?

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version