कंधों का जकड़ जाना और उनमें असहनीय दर्द होना महिलाओं में होने वाली एक सामान्य समस्या है जो बहुत ही दर्दनाक है। कंधों में दर्द और जकड़न की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है।
हालांकि कंधों के दर्द के किसी खास कारण का पता अबतक नहीं चल पाया है लेकिन ऐसी स्थिति कंधों के रोटेटर कफ टीयर भाग में लगी चोट या सर्जरी से भी पैदा हो सकती है। कई अन्य कारण जैसे पोस्चर का ठीक ना होना, हार्मोनल असंतुलन और अनुवांशिक कारण जैसे डायबिटीज़, हाइपोथायरायडिज्म से भी कंधों में दर्द की समस्या हो सकती है।
कंधों के दर्द का कारण सूजन भी हो सकता है। हमारे कंधों के जोड़ों में लैक्स कैप्सूल होती है जो कि चिपचिपी होने के साथ ही कभी-कभी सिकुड़ भी जाती है। यह चिपचिपाहट हमारे शरीर के अत्यधिक काम करने से पैदा होती है। इसके कारण धीरे-धीरे हमारे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं।
कंधों के दर्द के लक्षण
- रात को अत्यधिक दर्द होना ,यह दर्द उस समय और बढ़ जाता है जब हम करवट बदलते हैं और दर्द होने वाले कंधो के बल लेटे होते हैं।
- कंधों के आगे वाले भाग में शूटिंग की तरह होने वाला तेज दर्द जो कुछ समय तक रहता है।
- बालों में कंघी करते समय या कोट के पीछे की जेब की ओर हाथ ले जाने में दर्द होना और कुछ कंधों को घुमाने वाले कामों को करने में असमर्थ होना।
- काम के दौरान होने वाले मूवमेंट से कंधों में दर्द होना, झुकने पर भी कंधों में दर्द होना।
कंधों के दर्द से निदान
- किसी चिकित्सकीय एक्सपर्ट या फीज़ियोथेरेपिस्ट द्वारा मरीज का चिकित्सकीय इतिहास देखा जाता है। यानी परिवार में किसी को यह समस्या पहले तो नहीं थी।
- मरीज के कंधों में डाई लगाकर एक्स-रे किया जाता है। जिससे कि कंधों में मौजूद कैप्सूल की स्थिति का पता लगाया जा सके।
चिकित्सा के तरीके
- फिजियोथेरेपी की मदद से चिकित्सा के कई तरीके अपनाकर दर्द को कम किया जा सकता है और मांस पेशियों को स्थिर होने से बचाया जा सकता है।
- दर्द से बचाव के लिए कंधों पर 3-4 बार 15 मिनट के लिए आइस पैक लगाएं जिससे की दर्द और सूजन कम हो सके।
- जिस कंधें में दर्द हो रहा हो उस तरफ करवट करके न सोंये, अधिक भार उठाने से बचें।
कंधों में दर्द और सूजन होने पर इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। यदि आपके कंधे में लगातार दर्द हो रहा हो तो फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क करें।
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