महिलाएं चाहे वर्किंग वुमन हों या हाउस वाइफ, सुबह से शाम तक उन्हें सैकड़ों काम करने रहते हैं। इसके साथ ही महिलाओं की शारीरिक संचरना और उनके शरीर के प्राकृतिक नियम भी पुरुषों से अलग होते हैं इसलिए महिलाओं के शरीर को कुछ मिनरल्स और विटामिन्स की विशेष जरूरत होती है, जिससे वो अपना काम आसानी से कर सकें और सेहतमंद रहें। विटामिन्स ऑर्गेनिक कंपाउंड होते हैं जो शरीर के हर हिस्से को काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं। जीने के लिए खाना जरूरी है लेकिन अच्छी सेहत के लिए अच्छा और पौष्टिक खाना, खाना जरूरी है। इसलिए आप भी अपनी डाइट में इन विटामिन्स और मिनरल्स को शामिल कीजिए।
आयरन
आयरन लाल रक्त कोशिकाओं यानि रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए जरूरी होता है। आयरन से हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है। हीमोग्लोबिन ही हमारे शरीर में ऑक्सीजन को अलग-अलग अंगों तक ले जाने में मदद करता है। युवावस्था के बाद बहुत सी महिलाओं में खून की कमी हो जाती है जिसे 'एनीमिया' कहते हैं। आयरन इस खून की कमी को दूर करने के लिए एक जरूरी तत्व है इसलिए अपनी डाइट में आयरन को शामिल जरूर करें। इसके लिए आप हरी सब्जियां जैसे पालक, सेम, बथुआ, साग आदि के साथ चुकंदर, किशमिश, नारियल, सोयाबीन, चिकन और मीट ले सकती हैं।
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कैल्शियम
कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों के लिए एक जरूरी तत्व है। ये हड्डियों को मजबूत बनाता है और हड्डी में होने वाले रोगों से हमें बचाता है। अगर आप अपने रोज के आहार में कैल्शियम की उचित मात्रा रखती हैं तो किसी भी उम्र में आपको हड्डियों से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होगी। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे आपके शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। हड्डी के अलावा आपके मांसपेशियों के लिए भी कैल्शियम की बहुत जरूरत हैं। कैल्शियम के लिए आप दूध, दही, पनीर, गोभी, ब्रोकली, फल, दाल, नींबू, मूंगफली और सिंघाड़ा को अपने आहार में शामिल करें। विटामिन डी और कैल्शियम साथ लेने से आप कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड़ प्रेशर जैसी बीमारियों से दूर रहते हैं।
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फॉलिक एसिड
महिलाओं के लिए फॉलिक एसिड को अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी है क्योंकि ये लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। इसके अलावा ये गर्भावस्था के दौरान शिशु को बीमारियों से दूर रखता हैं। यह जन्मजात दोष को रोकने, दिल के स्वास्थ्य और सेल के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 600 माइक्रोग्राम और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 500 माइक्रोग्राम फॉलिक एसिड की जरूरत होती है। पालक, ब्रोकली, सेब और संतरे का रस, होल ग्रेन ब्रेड आदि फॉलिक एसिड के प्रमुख स्रोत होते हैं।
विटामिन सी
महिलाओं के लिए विटामिन सी जरुरी होता हैं क्योंकि ये आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और ह्दय रोग से दूर रखता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान ये बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। रोजाना विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा अपने आहार में शामिल करने से आप पर बढ़ती उम्र का असर धीरे-धीरे होता है और ज्यादा समय तक जवान बनी रहती हैं क्योंकि ये कोलेजन का उत्पादन करता है और ड्राई त्वचा को पोषण देता है जिससे झुर्रियां नहीं आती हैं। विटामिन सी के सबसे अच्छे स्रोत आंवला, संतरा, नींबू, हरी मिर्च, कीवी, अंगूर, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, पपीता, आलू और टमाटर हैं।
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विटामिन डी
विटामिड डी भी आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व है। इससे आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं और वजन कंट्रोल रहता है। विटामिन डी हड्डियों, मांसपेशियों, प्रतिरक्षा प्रणाली, मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच रक्त संचार के लिए आवश्यक होता है। विटामिन डी का सबसे अच्छा और सस्ता स्रोत सूरज की किरणें हैं। रोजाना सुबह की गुनगुनी धूप में 15 मिनट बैठना आपके शरीर की विटामिन डी की जरूरत को 35 प्रतिशत तक पूरा कर देता है। इसके अलावा आप विटामिन डी के लिए सप्लीमेंट्स, विटामिन डी सेलमन, अंडा, दूध, मशरूम, दही में पाया जाता हैं।
आयोडीन
आयोडीन हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन बनाने में मदद करता है। थायराइड हमारे शरीर में मेटाबॉलिजम को कंट्रोल करता है इसलिए आयोडीन हमारे शरीर के लिए एक जरूरी तत्व है। आयोडीन की कमी से शरीर में घेंघा (गॉयटर) रोग हो जाता है। गर्भावस्था में बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए और उसके समुचित विकास के लिए आयोडीन की जरूरत सामान्य से ज्यादा होती है। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 220 माइक्रोग्राम और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 290 माइक्रोग्राम आयोडीन की जरूरत होती है। आयोडीन के लिए आपको पनीर, दूध, दही, समुद्री शैवाल, समुद्री भोजन, और आयोडीन युक्त नमक का सेवन करना चाहिए।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम हमारे शरीर में पहले से बड़ी मात्रा में मौजूद होता है फिर भी बहुत से लोगों में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। मैग्नीशियम मासिक धर्म की ऐंठन और पूर्व सिंड्रोम के इलाज में फायदेमंद होते हैं। ये हार्ट रेट, मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र, हड्डी की मजबूती में मदद करता है। मैग्नीशियम के लिए फाइबर से भरपूर आहार लेना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, डेयरी उत्पाद, सोयाबीन, आलू, होल ग्रेन, क्विनोआ जैसे खाद्य पदार्थों में मैग्नीशियम पाया जाता है।
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