डायबिटीज़ में दांतों की सुरक्षा कैसे करें, जानें

डेंटल प्रॉब्लम हर आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है लेकिन किसी को डायबिटीज़ हो तो उसे अपनी दांतों की विशेष देखभाल करनी चाहिए, अन्यथा यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है।
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डायबिटीज़ में दांतों की सुरक्षा कैसे करें, जानें


डेंटल प्रॉब्लम हर आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है लेकिन किसी को डायबिटीज़ हो तो उसे अपनी दांतों की विशेष देखभाल करनी चाहिए, अन्यथा यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है। अगर किसी व्यक्ति के दांतों में दर्द हो तो डेंटल चेकअप कराने के साथ ही उसे एक बार अपना शुगर लेवल भी ज़रूर चेक करवा लेना चाहिए क्योंकि डायबिटीज़ की वजह से भी ऐसी समस्या हो सकती है। दरअसल डायबिटीज़ से दांत और मसूड़े भी प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि डायबिटीज़ के 35 फीसदी मरीज़ों को डेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। टाइप-दो डायबिटीज़ के मरीज़ों में यह समस्या ज्य़ादा होती है।

आपके दातों को प्रभावित कर सकता है तनाव

क्यों होता है ऐसा

मसूड़े और उसके आसपास की हड्डियां ही दांतों की मज़बूती का आधार हैं लेकिन शुगर लेवल ज्य़ादा हो तो उनमें इन्फेक्शन की आशंका बढ़ जाती है। डायबिटीज़ की वजह से मसूड़ों में रक्त संचार कम हो जाता है। हाई ब्लड शुगर की वजह से अकसर लोगों को गला सूखने की समस्या होती है। इससे मुंह में सलाइवा बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। दांतों की मज़बूती और स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए मुंह में लार का बनना बेहद ज़रूरी है। यह कीटाणुओं से लडऩे और सांसों की बदबू दूर करने में मददगार होती है। सलाइवा में मौज़ूद प्रोटीन और मिनरल्स दांतों की बाहरी परत के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। इन्हीं तत्वों की वजह से हमारे दांत कई तरह के इन्फेक्शन और बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। इनकी कमी से ही बैक्टीरिया और प्लाक की समस्या बढ़ जाती है।

फाइबर है ज़रूरी

शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने और दांतों से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए लोगों के भोजन में फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों जैसे, अंकुरित अनाज, दाल, चोकरयुक्त आटे से बनी रोटियां, दलिया, ओट्स, दालें, हरी पत्तेदार सब्जि़यां, पपीता, अमरूद, सेब और संतरा जैसे रेशेदार और गूदेदार फलों की मात्रा अधिक होनी चाहिए।

कैसे करें बचाव

कुछ पेन किलर्स और एंटीडिप्रेज़ेंट दवाओं के सेवन से लोगों को गला और मुंह सूखने की समस्या होती है। इससे बचने के लिए हर आधे घंटे के अंतराल पर पानी पीते रहें। प्रतिदिन दो बार सही ढंग से ब्रश करें। कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करना न भूलें। अगर सांसों में बदबू की समस्या हो तो एंटीसेप्टिक माउथवॉश का भी इस्तेमाल करना चाहिए। शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हुए दांतों की सही देखभाल करना ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है।

सखी फीचर्स

इनपुट्स : डॉ.आरती शर्मा, क्लोव डेंटल केयर हॉस्पिटल, दिल्ली

 

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