हेल्थ और फिटनेस को लेकर आजकल लोग काफी जागरूक हैं। सेहत को लेकर सतर्कता अच्छी बात है, मगर कई बार बिना जाने-समझे दौड़ने या एक्सरसाइज करने से शरीर को नुकसान हो सकता है। दौड़ने के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। हर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, बॉडी टाइप और जरूरतें अलग होती हैं, इसी के हिसाब से दौड़ने के नियम तय होते हैं। इसके अलावा जो ऊर्जा 15-20 की उम्र में होती है, वही 30-40 की उम्र में नहीं हो सकती। हर पहलू को समझने के बाद ही दौडऩा चाहिए। सबसे पहले समझें अपने बॉडी टाइप को।
एथलेटिक : नियमित व्यायाम व खेलकूद में लगे रहने वाले लोगों का शरीर हमेशा मजबूत रहता है। ये लोग देर तक दौड़ सकते हैं। इसकी वजह यह है कि इनका फिटनेस रुटीन बना हुआ होता है।
स्लिम-ट्रिम : ये लोग दुबले-पतले होते हैं। ऐसे शरीर में एरोबिक गतिविधियां आसान होती हैं। इनका वजन कम होता है, लिहाजा दौडऩा इनके लिए आसान होता है।
ओवरवेट : ऐसे लोगों में ऊर्जा व शारीरिक क्षमता ज्य़ादा हो सकती है, मगर एरोबिक्स में इन्हें मुश्किल हो सकती है। इन्हें पहले ब्रिस्क वॉक और हलकी-फुलकी एक्सरसाइज से शुरुआत करनी चाहिए, क्योंकि दौड़ते हुए इनका बॉडी वेट आड़े आ सकता है। कुछ महीने व्यायाम, योग और वॉक से वजन घटाने की कोशिश करें, इसके बाद ही धीरे-धीरे दौडऩा शुरू करें।
रनिंग रूल्स
दुनिया के मशहूर धावक, लेखक व दार्शनिक डॉ. जॉर्ज शीहान कहते हैं, 'हर व्यक्ति एथलीट हो सकता है। फर्क यही है कि कुछ लोग ट्रेंड होते हैं और कुछ नहीं। फिटनेस एक फन है। फन नहीं है तो फिटनेस नहीं है। फन को शरीर और मन पर भारी न पडऩे दें। शरीर की आवाज सुनें। दौड़ें लेकिन खुद को दर्द पहुंचाए बिना।'
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दौड़ने से पहले करें ये काम
- दौडऩे से पहले वॉर्म-अप करें, ताकि दौडऩे के लिए पूरी ऊर्जा मिल सके। ब्रिस्क वॉक या हलकी-फुलकी जॉगिंग से फायदा हो सकता हैै। 10-15 मिनट की वॉक से शरीर सक्रिय हो जाता है।
- दौडऩे के लिए छोटे-छोटे कदम सही रहते हैं। शुरुआत में किसी पार्क के ट्रैक पर दौड़ें। कुछ दिन सीधी-समतल जगह पर दौड़ें।
- छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं। जैसे, पहले दिन तीन से पांच मिनट दौड़ें। इस नियम को एक ह$फ्ते तक जारी रखें। अगले सप्ताह 7 मिनट, फिर 10 मिनट यानी धीरे-धीरे ही रनिंग टाइम बढ़ाएं। यूएस के कोच और चार बार ओलंपिक मैरॉथन ट्रायल्स क्वॉलिफायर रहे बड कोट्स का कहना है कि पहली बार दौडऩे वाले आमतौर पर यह गलती करते हैं कि वे किलोमीटर में सोचते हैं। जबकि शुरुआती दौर में किलोमीटर नहीं, मिनट पर सोचें। पांच मिनट-दस मिनट जैसे छोटे लक्ष्य बनाएं, उसे कम से कम एक हफ्ते तक चलाएं। सप्ताह भर में उसमें 10 प्रतिशत से ज्य़ादा इजाफा न करें।
- दौड़ते हुए मुंह बंद रखें, नाक से सांस लें। मुंह खुलने से गला सूखेगा और थकान जल्दी महसूस होगी। दौड़ते हुए कभी बीच में पानी न पिएं, कोई भी सॉफ्ट या एनर्जी ड्रिंक्स न लें। दौडऩे से कुछ देर पहले पानी पी सकते हैं।
- दौडऩे के लिए सुबह का समय अच्छा होता है। रात भर सोने से सुबह शरीर में बेहतर ऊर्जा बनी रहती है। हालांकि कुछ लोग शाम को भी दौड़ते हैं, लेकिन इस समय दिन भर काम करने के बाद शरीर थका रहता है।
- साफ-सुथरी जगह पर दौड़ें। शुरुआत में सड़क पर दौडऩा ठीक नहीं, इसमें असंतुलन का खतरा रहता है। इयरफोन लगा कर न दौड़ें। भीड़-भाड़ वाली जगह पर भी न दौड़ें।
- दौड़ते हुए शरीर का ऊपरी हिस्सा सही पॉजिशन में रहना चाहिए। अगर सही पोस्चर नहीं होगा तो बांहों, कंधों, गर्दन या पीठ में दर्द हो सकता है। दौड़ते हुए हाथों को कमर तक रखें। ध्यान दें कि हाथ 90 का कोण बना रहे हों। शरीर को सीधा रखें, आगे झुक कर न दौड़ें। सिर ऊपर की तरफ हो, पीठ सीधी हो और कंधे झुके हुए न हों।
- ज्य़ादातर लोग शुरुआत में रन/वॉक टेक्नीक आजमाते हैंं। कुछ देर दौड़ें, कुछ देर ब्रिस्क वॉक करें। इससे शरीर धीरे-धीरे अभ्यस्त होता है और मांसपेशियों में खिंचाव व दबाव कम पड़ता है।
- दौड़ें भले ही थोड़ी देर, लेकिन इसकी निरंतरता बनाए रखें। यूएस में दौड़ में कई रिकॉर्ड बनाने वाले डॉ. डंकन मेकडॉनाल्ड का मानना है कि भले ही 15 मिनट दौड़ें, लेकिन न दौडऩे से अच्छा है, थोड़ी देर दौड़ें।
- दौडऩे की जरूरी शर्त है कि इसमें दबाव न महसूस करें। अपने शरीर की जरूरत और क्षमता को जानें। उत्साह और ख़्ाुशी के लिए दौड़ें, थकने के लिए नहीं। शरीर पर दबाव पड़े तो रुक जाएं। किसी भी फिजिकल एक्टिविटी में ब्रेक का बड़ा महत्व है।
- दौडने का अभ्यास अलग-अलग जगहों पर करें। ट्रैक पर लगातार दौड़ रहे हैं तो कुछ समय के बाद किसी शांत सड़क पर दौड़ सकते हैं। बीच-बीच में ब्रिज या ऊंची-नीची जगह पर दौड़ें। एक ही जगह पर दौडऩे से शरीर की पॉजिशन भी एक जैसी रहती है, मसल्स पर भी एक ही एंगल से दबाव पड़ता है। बीच-बीच में इसमें बदलाव करना जरूरी है।

- दबाव या तनाव की स्थिति में न दौड़ें। घरेलू-ऑफिशियल चिंता में डूबे हैं तो दौडऩे से शरीर को नुकसान हो सकता है। बेहतर यह होगा कि 15-20 मिनट योग या ध्यान करें ताकि मन शांत हो जाए। अपना पूरा ध्यान सि$र्फ दौडऩे पर लगाएं।
- मोबाइल पर बात करते हुए, गाने सुनते हुए या दो लोगों के साथ दौडऩे का प्लान सेहत के लिए ठीक नहीं होगा।
- थक रहे हैं, हांफ रहे हैं, सांस उखड़ रही है और दौडऩे के अगले दिन पैरों में हलका-हलका दर्द महसूस हो रहा हो तो घबराएं नहीं, शुरुआत में ऐसा हो सकता है। दौड़ते रहें।
- किसी वजह से दौडऩा जारी नहीं रख पाते तो कुछ अन्य फिटनेस गतिविधियां जारी रखें, ताकि शरीर इसका अभ्यस्त रहे।
फिटनेस मंत्र
भले ही धीरे दौड़ें, मगर निरंतरता बनाए रखें। वॉक व एक्सरसाइज करें। योग और ध्यान करें। दिन में कम से कम एक घंटा सेहत को दें। खुश और सकारात्मक रहें। शरीर को हाइड्रेट रखें, खूब पानी पिएं और ठूंस कर कभी न खाएं। आज की जीवनशैली में स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है।
इन चीजों को जरूर रखें साथ
- एक जोड़ी कंफर्टेबल रनिंग शूज
- ट्रैक सूट
- नी और एंकल कैप
- सपोर्र्टिंग स्पोर्ट ब्रा
कब न दौड़ें
प्रेग्नेंसी, हाइ ब्लड प्रेशर या हार्ट पेशेंट्स के लिए दौडऩा ठीक नहीं है। ऐसे लोगों को किसी भी फिटनेस रुटीन को आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वजन अधिक है, तो भी दौडऩे से चोट का खतरा हो सकता है। स्लिप डिस्क, स्पाइन सर्जरी या किसी भी अन्य बीमारी या सर्जरी की स्थिति में दौडऩे से नुकसान हो सकता है। ऐसे में ब्रिस्क वॉक मददगार होगा। वजन कम करने के लिए दौड़ रहे हैं तो याद रखें कि केवल दौडऩे से फायदा नहीं होगा। डाइट को नियंत्रित रखने, योग, खासतौर पर प्राणायाम करने से लाभ होगा।
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