World Milk Day: डिटर्जेंट, सोडा और रिफाइंड तेल मिलाकर बनाया जा रहा है नकली दूध, ऐसे पहचानें दूध में मिलावट

बाजार में मिलने वाले खुले दूध में आए दिन मिलावट के मामले सामने आते रहते हैं। जानें मिलावटी दूध पीने के नुकसान और इसे पहचानने का तरीका।
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World Milk Day: डिटर्जेंट, सोडा और रिफाइंड तेल मिलाकर बनाया जा रहा है नकली दूध, ऐसे पहचानें दूध में मिलावट

दूध पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यही कारण है कि दुनिया के सभी देशों में अलग-अलग जानवरों का दूध मनुष्यों को रोज की डाइट का हिस्सा हैं। दूध की इसी उपयोगिता को देखते हुए हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस यानी World Milk Day मनाया जाता है, ताकि श्वेत क्रांति यानी दूध के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दिया जा सके। मगर सोचिए कि जिस दूध को आप हेल्दी समझकर पी रहे हैं, अगर उसमें कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाला डिटर्जेंट मिलाया गया हो, तब? आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि ऐसा मिलावटी दूध आपके शरीर में पहुंचकर किस तरह धीरे-धीरे आपकी किडनियों, लिवर और धमनियों को डैमेज करता है। आजकल बाजार में मिलने वाला ज्यादातर दूध मिलावटी और अशुद्ध है। भारत के Animal Welfare Board के एक सदस्य ने पिछले दिनों सार्वजनिक रूप से ये बताया था कि, "देश में बिकने वाला 68.7% दूध FSSAI ( Food Safety and Standards Authority of India) के तय स्टैंडर्ड का नहीं है।"

पैकेटबंद दूध में भी हो सकती है मिलावट

आप चाहे पैकेटबंद दूध का इस्तेमाल करें या बाजार में मिलने वाले खुले दूध का, इसमें पानी से लेकर हानिकारक केमिकल्स और चीजों की मिलावट की जाती है। हैरान करने वाली बात ये है कि कुछ मिलावटखोर दूध में डिटर्जेंट, यूरिया, स्टार्च, दीवार रंगने वाला सफेद पेंट, रिफाइंड तेल और ग्लूकोज आदि भी मिलाते हैं। अखबारों और टीवी चैनलों में आए दिन कहीं न कहीं नकली दूध की डेयरी या प्लांट पकड़े जाने की खबर सामने आती है।

त्यौहारों के आसपास और गर्मी के मौसम में दूध की खपत बढ़ जाने के कारण इस तरह की मिलावटखोरी ज्यादा होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organisation (WHO)  ने कुछ दिनों पहले भारत सरकार को एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि अगर सरकार ने दूध में मिलावटखोरी को लेकर सख्त कदम नहीं उठाए, तो 2025 तक देश के 87% लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाएंगे।

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मिलावटी दूध धीमे जहर की तरह

मिलावटी दूध का रोजाना इस्तेमाल आपके शरीर के लिए धीमे जहर की तरह है। डिटर्जेंट, यूरिया और पेंट मिला दूध पीने का सबसे ज्यादा असर आपकी किडनियों और लिवर पर पड़ता है। इसके अलावा पाचनतंत्र भी इससे बुरी तरह प्रभावित होता है। लंबे समय में इस दूध के इस्तेमाल से किडनी फेल्योर, किडनी कैंसर, लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर, पेट का कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर आप इस धीमे जहर से खुद को और अपने परिवार को बचाना चाहते हैं, तो मिलावटी दूध की पहचान के लिए हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान घरेलू टेस्ट, जिनसे आप पता कर पाएंगे कि आप जो दूध इस्तेमाल करने वाले हैं, वो नकली है या असली है।

दूध में मिलावट पहचानने के 5 तरीके

  • थोड़ा सा दूध लें और लगभग उतना ही पानी लें। इन्हें अच्छी तरह मिलाने के लिए तेजी से हिलाएं। अगर दूध में डिटर्जेंट होगा, तो आपको दूध में ज्यादा झाग नजर आएगा। दूध में बनने वाले इन बुलबुलों को बल्ब की रोशनी में देखें। अगर ये आपको रंगीन नजर आ रहे हैं, तो दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है और अगर रंगीन नजर नहीं आ रहे हैं, तो दूध सही हो सकता है।
  • दूध की पहचान के लिए आप इसे सूंघ भी सकते हैं। आमतौर पर शैंपू या डिटर्जेंट मिले दूध से साबुन या पर्फ्यूम जैसी खुश्बू आती है।
  • दूध को उबालने के बाद अगर दूध का रंग हल्का पीला दिखने लगे, तो ये सिंथेटिक हो सकता है। क्योंकि असली दूध रंग नहीं बदलता है।
  • दूध को थोड़ा सा हाथ में लेकर रगड़ें। डिटर्जेंट वाले दूध में आपको हल्की चिकनाहट (डिटर्जेंट जैसी) महसूस होगी।

दूध में रिफाइंड की मिलावट की पहचान

अगर बाजार से लाए गए दूध में बहुत मोटी मलाई पड़ती है, तो ये इस बात का संकेत हो सकता है कि उस दूध में रिफाइंड मिलाया गया हो। इसकी जांच के लिए 3 मिलीग्राम दूध लें और इसमें 10 बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। इसके बाद 1 चम्मच चीनी मिलाने पर अगर दूध का रंग लाल हो जाए, तो इसका मतलब है कि दूध में रिफाइंड मिला हुआ है।

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