
Ringing in Ear Tinnitus : क्या आपको भी कभी अचानक कान में सीटी बजने की आवाज आती है? यूं ही बात करते हुए आपको ऐसा लगता है कि दोनों कानों में आवाज गूंजने लगती है और थोड़ी देर बाद ये आवाज ठीक हो जाती है। अगर इन सवालों का जवाब हां है तो आपको एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज सही वक्त पर न किया जाए तो आप बहरेपन का शिकार हो सकते हैं। गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल के ईएनटी, लीड कंसल्टेंट डॉक्टर अनीश गुप्ता का कहना है कि कान में सीटी बजना को मेडिकल की भाषा में टिनिटस डिजीज कहा जाता है। टिनिटस डिजीज ध्वनि प्रदूषण के कारण भी हो सकती है।
पिछले दिनों डेनमार्क यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जो लोग ट्रैफिक और शोर में ज्यादा वक्त बिताते हैं उन्हें टिनिटस डिजीज की समस्या ज्यादा होती है। टिनिटस की वजह से कान में सीटी बजना, आवाज का अचानक गूंजना बहुत ही आम माना जाता है। आइए जानते है क्या है टिनिटस डिजीज, इसके लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में।
इसे भी पढ़ेंः क्या प्रेगनेंसी में नीम का जूस पी सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें जवाब
क्या होती है टिनिटस बीमारी?
डॉ. अनीश गुप्ता का कहना है कि टिनिटस बीमारी में एक व्यक्ति के कान में सिटी के गूंजने की आवाज आती है। इस बीमारी में कई बार व्यक्ति को अपने आसपास किसी तरह की आवाज न होने के बावजूद तरह-तरह की आवाजें सुनाई देती हैं, जो आपके कान के भीतर से ही आती हैं। कान में सिटी बजने की आवाज मुख्य तौर पर कानों के सेल्स खराब होने की वजह से होता है। कई बार ये ध्वनि प्रदूषण और लगातार कानों में ईयरफोन लगाए रखने की वजह से भी होता है। अगर किसी व्यक्ति को ये समस्या ज्यादा लंबे समय तक रहती है तो वो बहरेपन का शिकार हो सकता है। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का खतरा भी कई गुणा बढ़ जाता है।
टिनिटस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
डॉक्टर के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के कान लगातार बज रहे हैं तो वो टिनिटस बीमारी का शिकार हो चुका है। इसके अलावा बिना शोर के भी कान बजना, सुनने की क्षमता प्रभावित होना, कानों में भनभनाहट, फुफकारना जैसी चीजें किसी व्यक्ति के साथ होती है तो व्यक्ति टिनिटस बीमारी से पीड़ित है।
इसे भी पढ़ेंः प्रेगनेंसी में पपीता खाना चाहिए या नहीं? एक्सपर्ट से जानें इससे होने वाले फायदे और नुकसान
टिनिटस बीमारी से बचने के उपाय
कानों में धूल, मिट्टी सीधे प्रवेश न कर पाए इसके लिए घर से बाहर निकलते वक्त कान को ढक कर रखे।
यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें न चाहते हुए भी तेज आवाज के आसपास रहना पड़ता है, तो अपने कानों को सुरक्षा करना बेहद जरूरी है।
कान में हेडफोन, ईयरफोन ज्यादा लंबे समय तक लगाने से बचें। आप हेडफोन, ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ज्यादा तेज आवाज में म्यूजिक न सुनें।
कई बार वजन और मोटापा बढ़ने के कारण भी सुनने की क्षमता प्रभावित होती है, इसलिए इसे मैनेज करने की कोशिश करें।
डॉक्टर का कहना है कि टिनिटिस की बीमारी का इलाज किसी भी तरह के घरेलू नुस्खे से नहीं किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति में टिनिटिस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।