
मेटाबॉलिज्म (चयापचय) शरीर में एनर्जी को बनाए रखने में अहम रोल अदा करता है। मेटाबॉलिज्म एक प्रक्रिया के अंतर्गत कार्य करता है। जिससे हमारे शरीर को निरंतर ऊर्जा मिलती है। आसान शब्दों में कहें तो मेटाबॉलिज्म शरीर में एनर्जी बनाए रखता है और कोशिकाओं यानी की सेल्स के निर्माण में मदद करता है। कुछ लोगों का मेटाबॉलिज्म हाई होता है तो कुछ लोगों का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। हाई मेटाबॉलिज्म होने पर आपके द्वारा खाए गए भोजन से एनर्जी तुरंत बनती है। जबकि स्लो मेटाबॉलिज्म के लोगों के आहार से एनर्जी बनने की प्रकिया में अधिक समय लगता है। लोगों के मोटापे की ये एक बड़ी वजह है। इस लेख में आपको स्लो मेटाबॉलिज्म के कुछ लक्षण बताए गए हैं। इन लक्षणों से आप खुद पहचान सकते हैं कि कहीं आपका मेटाबॉलिज्म स्लो तो नहीं हैं?
स्लो मेटाबॉलिज्म में शरीर में दिखाई देने वाले लक्षण - Symptoms Of Slow Metabolism in Hindi
मेटाबॉलिज्म स्लो होने पर शरीर सुस्त हो जाता है। जिसकी वजह से लोगों को डिप्रेशन की समस्या होने लगती है। ऐसे में लोगों को बीपी की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। आगे जानते हैं स्लो मेटाबॉलिज्म में क्या लक्षण महसूस होते हैं।
वजन का बढ़ना
स्लो मेटाबॉलिज्म के सबसे आम लक्षणों में से एक वजन बढ़ना भी है। आपकी डाइट और एक्सरसाइज न करना वजन बढ़ने की मुख्य वजह होते हैं। इसके साथ ही स्लो मेटाबॉलिज्म आपके वजन को बढ़ाने में सहायक भूमिका निभाता है। स्लो मेटाबॉलिज्म होने पर आपके आहार से कैलोरी बर्न देरी से होती है, जिसकी वजह से वजन में बढ़ोतरी होने लगती है।
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थकान महसूस होना
स्लो मेटाबॉलिज्म वाले लोगों को थकान महसूस होती है। जब आपका मेटाबॉलिज्म स्लो होता है, तो इससे भोजन को तोड़ने और कैलोरी को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसकी वजह से शरीर में एनर्जी का लेवल लो जाता है और आपको थकान महसूस होने लगती है।
कमजोरी आना
जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म स्लो होता है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। स्लो मेटाबॉलिज्म होने की वजह से बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है और व्यक्ति को हल्का संक्रमण भी सर्दी जुकाम व एलर्जी कर सकता है। इस वजह से व्यक्ति खुद को कमजोर महसूस करने लगता है।
त्वचा में रूखापन होना
स्लो मेटाबॉलिज्म वाले लोगों को त्वचा संबंधी समस्या होने लगती है। जिसमें उनकी त्वचा का मॉइस्चर कम होने लगता है। शरीर में मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले हार्मोन त्वचा और नाखून के बनने में भी सहायक होते हैं। लेकिन मेटाबॉलिज्म अनियंत्रित होने से इनका कार्य भी प्रभावित होता है और त्वचा में रूखापन आने लगता है।
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बालों का झड़ना
बालों के टूटने और झड़ने की समस्या को दूर करने के लिए आपको पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है। स्लो मेटाबॉलिज्म की वजह से आपको आहार से पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से आपके बालों को पोषण नहीं मिल पाता और वह समय से पहले ही कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।
इसलिए कहा जाता है कि शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करने के लिए मेटाबॉलिज्म का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है। इससे आपके शरीर में एनर्जी बनी रहती है और आपको थकान व कमजोरी नहीं होती है।