दूध, मलाई, मक्खन और अन्य डेयरी प्रोडक्ट को चेहरे पर लगाकर या खाकर मुहांसे और एक्ने से छुटकारा पाने वालों के लिए एक बुरी खबर है। दरअसल एक स्टडी की मानें तो मक्खन, मलाई और दूध जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से मुंह के कील-मुंहासे ठीक नहीं होते बल्कि और बढ़ जाते हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो जो लोग ओमेगा -3 फैटी एसिड युक्त उच्च वाले प्रोडक्टस खाने से हमारी त्वचा ज्यादा साफ और बेदाग रहती है। इसके उलट जिन लोगों के साफ त्वचा की तलाश में मक्खन, दूध जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स की ओर रुख किया है, उनके चेहरे की यह परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। मैड्रिड में इस साल के 'यूरोपीय एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरोलॉजी (ईएडीवी) कांग्रेस' द्वारा किए गए नए शोध के अनुसार, चेहरे पर कील-मुँहासे वाले लोग रोजाना डेयरी उत्पादों को ज्यादा खाते हैं या मुंह पर लगाते हैं।
आहार संबंधी कारक
'यूरोपीय एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरोलॉजी (ईएडीवी) कांग्रेस' द्वारा किए गए इस शोध में पहली बार मुहांसे के आंतरिक औप बाहरी कारकों की स्टडी की गई। ऐसा करने के लिए, शोधकर्ताओं ने उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप में 6,700 से अधिक प्रतिभागियों के डेटा की जांच की, जिन्हें चेहरे पर मुंहासे आदि की परेशानी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के चेहरे पर ज्यादा मुँहासे थे, उनमें से लगभग 50 प्रतिशत लोगों रोज डेयरी उत्पादों का सेवन करते थे। इससे अलग जो लोग डेयरी उत्पाद कम खाते थे, उन्हें कम मुहांसे थे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डेयरी प्रोडक्ट्स के प्रोटीन आपकी त्वचा को और ऑयली बना देते हैं, जिससे उनके चहरे पर ज्यादा धूल या गंदगी चिपकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के चहरों पर ज्यादा कील-मुहांसे होते हैं।
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पर्यावरणीय कारक
चेहरे पर ज्यादा कील-मुहासे होने का कारण सिर्फ डेयरी प्रोडक्टस ही नहीं है, बल्कि पर्यावरणीय कारक भी हैं। आप कहां रहते हैं और आप कैसे रहते हैं, इससे आपकी त्वचा भी काफी प्रभावित होती है। शोध के अनुसार प्रदूषण और तनाव से भी अक्सर चेहरे पर मुँहासे ज्यादा होते हैं। इसलिए जरूरी है कि हरियाली वाली जगहों को ही रहने के लिए चुने और घर से बाहर जाते वक्त मुंह जरूर ढक के जाएं। बार-बार पानी पीएं और मुंह धोते रहें।
चीनी और त्वचा
इस शोध में मुंहासे होने के अन्य तथ्यों को भी जांचा गया। इन तथ्यों के अनुसार दूध वाली चीजों का मुँहासे से जुड़े होने के पीछे दो कारण हैं, पहला ये कि डेयरी में लैक्टोज होता है और लैक्टोज चीनी का एक रूप है। चीनी हमारे त्वचा के पोर्स में जाके सूजन पैदा करता है, जिससे कि यह सिर्फ मुहांसे का ही कारण नहीं बनता बल्कि अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकता है। शोध के अनुसार किसी भी रूप में चीनी का ज्यादा इनटेक शरीर के साथ त्वचा के लिए भी यही नहीं है। दूसरा ये कि चीनी सिर्फ डेयरी प्रोडक्ट्स और मीठी चीजों में ही नहीं होता बल्कि नमकीन प्रतीत होने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि पनीर या ब्रेड आदि में भी होता है। इन सभी चीजों में हाई ग्लाइसेमिक सूचकांक होता है, जो कि ब्लड में शुगर की मात्रा को बढ़ाते हैं। इसके अलावा एक उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स शरीर में बहुत सारे इंसुलिन का उत्पादन करने का कारण बन सकता है, जो कि शरीर के लिए बहुत अच्छा नहीं है।
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अखरोट मिल्क को आप डेयरी प्रोडक्टस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं-
ओमेगा -3 एस में सूजन-रोधी गुण होते हैं। वे वास्तव में मुँहासे ब्रेकआउट को शांत कर सकते हैं इसलिए हमें अपने चेहरे को साफ और बेदाग रखने के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स की जगह अखरोट मिल्क का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आपके शरीर में ज्यादा ऑयल का उत्पादन नहीं होगा। इस तरह आपका फेस भी ऑयली नहीं होगा और धूल-मिट्टी में भी बेदाग बना रहेगा। आप बादाम मिल्क काभी डेयरी प्रोडक्ट्स की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। इन सब के साथ जरूरी है कि आप योगा, व्यायाम और स्ट्रेस फ्री रहें। इससे आपकी त्वचा पूरी तरह बेदाग और चमकती रहेगी।
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