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Reproductive Trauma: कंसीव न कर पाने की वजह से मेंटल हेल्थ हो सकती है प्रभावित, जानें ट्रामा से बचने के उपाय

बच्चे न होने के बारे में बार-बार सोचने से कई महिलाएं मानसिक समस्या का शिकार हो जाती हैं। आगे जानते हैं कि रिप्रोडक्टिव ट्रामा क्यों होता है और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।
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Reproductive Trauma: कंसीव न कर पाने की वजह से मेंटल हेल्थ हो सकती है प्रभावित, जानें ट्रामा से बचने के उपाय

शादी के बाद अधिकतर दंपत्ति अपनी फैमिली को आगे बढ़ाने के बारे में प्लान करते हैं। लेकिन, कई कारणों के चलते हर दंपत्ति को आसानी से कंसीव करने में परेशानी हो सकती है। रिप्रोडक्टिव ट्रॉमा (reproductive trauma) एक तरह की मानसिक स्थिति है। दरअसल, जब कोई महिला स्वास्थ्य या अन्य कारणों से बच्चा पैदा करने में देरी करती है, तो समाज व घर के बुजुर्गों द्वारा उससे बार-बार पूछने वह एक तरह के ट्रामा से गुजरने लगती है। यह स्थिति पुरुषों के साथ भी हो सकती है। यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। बल्कि यह स्थिति कई वैवाहिक जीवन के लिए भी खतरा बन सकती है। आगे इस लेख में जानते हैं कि रिप्रोडक्टिव ट्रामा क्या और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। 

रिप्रोडक्टिव ट्रामा क्या है? 

जब कोई दंपत्ति प्रयास करने के बाद भी बच्चे के सुख से वंचित रह जाते हैं, तो उनको रिप्रोडक्टिव ट्रामा हो सकता है। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. विभा बंसल बताती है कि जब महिला किसी तरह की फर्टिलिटी समस्या से गुजरती हैं, तो उनको इस तरह का ट्रामा हो सकता है। फर्टिलिटी की समस्या पुरुषों को भी ह सकती है। 

रिप्रोडक्टिव ट्रॉमा के कारक क्या हो सकते हैं- 

  • स्टिल बर्थ (जन्म के समय बच्चा मृत पैदा होना)
  • मिसकैरेज होना 
  • अबोर्शन 
  • प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं 
  • डिलीवरी में समस्याए, आदि। 

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रिप्रोडक्टिव ट्रॉमा  से बचाव के उपाय 

शिक्षा और जागरूकता

रिप्रोडक्टिव ट्रॉमा से बचाव के लिए आपको प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। शिक्षा आपकी समस्या और मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करती है। साथ ही, महिलाओ को अकेला इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।

नियमित चिकित्सा जांच कराना 

प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में कंप्लीट जनकारी प्राप्त करने के लिए आपको कई बार कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। टेस्ट के द्वारा समस्याओं का पता लगाकर इलाज किया जा सकता है। 

दोस्तों के साथ फिलिंग्स शेयर करें 

कई बार आपको जब आप बच्चे न होने के बारे में बार-बार सोचतीं हैं, तो ऐसे में आप अपने मन की बातों को दोस्तों या किसी करीबी के साथ शेयर करें। इससे आपका मन हल्का होता है और आपको ट्रामा से बाहर आने में मदद मिलती है। 

काउंसिलिंग कराएं 

बच्चे होने पर देरी की वजह से होने वाले रिप्रोडक्टिव ट्रामा को दूर करने के लिए आप डॉक्टर या काउंसलर के साथ काउंसिलिंग सेशन रख सकते हैं। इससे आपके अंदर सकारात्मकता विचार आते है, और आप बार-बार इस बारे में नहीं सोचते हैं। 

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फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। इसके साथ ही आपको लाइफस्टाइल और डाइट में भी कुछ आवश्यक बदलाव करने की सलाह दी जा सकती है। योग व प्राणायाम से कई तरह की बीमारियों को आसानी से दूर किया जा सकता है। 

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