दिल्ली में सर्दी तोड़ सकती है 118 साल का रिकॉर्ड, कड़ाके सर्दी में ऐसे रखें अपने बच्चों को बीमारियों से दूर

कड़ाके की सर्दी में अपने बच्चों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। सर्दी-जुकाम में ऐसे रखे अपने बच्चों का ख्याल। 
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दिल्ली में सर्दी तोड़ सकती है 118 साल का रिकॉर्ड, कड़ाके सर्दी में ऐसे रखें अपने बच्चों को बीमारियों से दूर

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत कड़ाके की सर्दी से जूझ रहा है। लगातार कम होते तापमान और कंपकंपा देने वाली इस ठंड का कहर ऐसा है जैसे की 100 साल पहले हुआ करता था। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली इस बार दिसंबर महीने में सर्दी के पिछले 118 साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। विभाग की मानें तो वर्ष 1901 के बाद दूसरी बार ऐसा हो सकता है, जब साल के आखिरी महीने में सबसे ज्यादा सर्दी पड़ रही है। विभाग का कहना है कि दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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मौसम विभाग की एक तस्वीर के मुताबिक, दिसंबर के महीने में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1997 के बाद से लेकर अब तक सबसे ज्यादा ठंडे दिन दर्ज किए गए हैं। वर्ष 1997 में भी लगातार 17 दिन बेहद ठंडे दर्ज किए गए थे। इतनी ठंड में बड़े क्या माता-पिता के लिए भी अपने बच्चों को स्वस्थ रखने की चुनौती आन खड़ी हुई है। कड़ाके की सर्दी अपने साथ बच्चों के लिए जुकाम और खांसी जैसी सामान्य समस्याएं लेकर आती है। सर्दी हो या मानसून ये स्थितियां वायरल का कारण बनती हैं और इन स्थितियों में बच्चों के एक-दूसरे से निकट आने पर बीमारी के फैलने का डर भी बढ़ जाता है। जुकाम और खांसी कम उम्र के बच्चों में सबसे अधिक देखी जाने वाली बीमारियों में से एक है लेकिन अगर इस मामूली सर्दी-जुखाम का सही समय पर उपचार न किया जाए तो ये वायरस के कारण ज्यादा संक्रामक हो जाती है और आपके बच्चे के ठंड के मजे को खराब कर सकती है।

बच्चे अक्सर घरों, स्कूलों या बंद जगहों पर एक-दूसरे के साथ मिलकर खेलना पसंद करते हैं और एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। यही कारण है कि अगर एक बच्चा सर्दी और खांसी की समस्या से परेशान है तो दूसरों के इससे संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। सर्दियों में खांसी-जुकाम जैसी समस्या के प्रसार से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायों की आवश्यकता होती है। इन महत्वपूर्ण समाधानों में से एक है ठंड के मौसम में बच्चों को एक-दूसरे से दूर रखना, खासकर जब उसके एक-दो दोस्त सर्दी और खांसी से परेशान हों। सर्दियां आते ही, छींकना और खांसना भी बहुत आम है, जिसके संपर्क में बच्चे जल्दी आते हैं। इसके लक्षणों में नाक का बंद होना, खांसी, गले में खराश और सिरदर्द भी शामिल है। सामान्य रूप से सर्दी का इलाज करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है डिहाइड्रेशन को रोकना, जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी (तरल पदार्थ) पीना चाहिए और भरपूर आराम करना बहुत ही जरूरी है।

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बच्चों में सर्दी के दौरान संक्रमण

सर्दी-जुकाम को सामान्यतौर पर 'फ्लू' के रूप में जाना जाता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, गले में खराश, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और खांसी शामिल होती है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस द्वारा फैलता है और अत्यधिक संक्रामक होता है। इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है फ्लू शॉट। हालांकि लक्षणों को राहत देने के लिए एंटीवायरल दवाएं भी बाजार में उपलब्ध हैं, जो केवल एक या दो दिन में बीमारी को कम कर देती हैं। इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज बहुत आराम करना और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना है।

गले में खराश बच्चों में आम

गले में खराश काफी दर्दनाक हो सकती है, लेकिन खराब गले की तरह नहीं। यह आमतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों में देखा जाता है, और छींकने व खांसने के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। इसके लक्षणों में गले में निगलने में परेशानी, बुखार, सिरदर्द और सूजन लिम्फ नोड्स शामिल हैं। एंटीबायोटिक्स संक्रमण को खत्म करने में मदद करती हैं, लेकिन गर्म पानी पीने से भी दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

फेफड़ो का संक्रमण

बच्चों में फेफड़ो का संक्रमण एक आम श्वसन संक्रमण है और आरएसवी इस बीमारी का सबसे आम कारण है। ये वायरस फेफड़ों के वायुमार्ग की शाखाओं में सूजन का कारण बनता है, जिससे वायुमार्ग में बलगम बन जाता है, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। ये बीमारी आमतौर पर नाक के बंद होने, हल्का बुखार, खांसी और घरघराहट के साथ आती है। इस संक्रमण के असर को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा, आराम करना और बहुत सारा पानी पीना महत्वपूर्ण है।

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निमोनिया

निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। बच्चे को खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। अस्थमा, कैंसर या दिल की समस्याओं जैसे लंबे समय तक रहने से आपको निमोनिया होने का खतरा हो सकता है। हालांकि इसका इलाज घर पर किया जा सकता है लेकिन स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। अगर आपको सांस लेने में समस्या है, तो आपको तुरंत स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं से संपर्क करना चाहिए। कई दिनों तक जुकाम और तेज बुखार निमोनिया के खराब होने के संकेत हो सकते हैं।

सर्दी-जुकाम के निवारक उपाय

  • छींकने, खांसी और नाक बहने के बाद और खाने से पहले अपने हाथों को गर्म साबुन के पानी से धोएं।
  • अपने हाथों पर कीटाणुओं से बचने के लिए अपनी कोहनी में खांसें। 
  • जुकाम से पीड़ित अन्य बच्चों के साथ पानी पीने की बोतलें, कप और बर्तन शेयर न करें। 
  • विटामिन सी से युक्त चीजों का इस्तेमाल करें यह जुकाम की अवधि और गंभीरता को कम कर सकते हैं।
  • बच्चों के छींकने और खांसने के दौरान नाक या मुंह को ढंकना चाहिए। 
  • बच्चे को मास्क पहनाएं ताकि परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों तक न फैले।

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