तांबे के बर्तन में रखा पानी भी सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, जानें कब नहीं पीना चाहिए इसे

आजकल अच्छी सेहत के लिए लोग तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीते हैं।
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तांबे के बर्तन में रखा पानी भी सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, जानें कब नहीं पीना चाहिए इसे

आधुनिक भारत मेडिकल सर्विस का काफी विकास हुआ है। लेकिन आज भी कई लोग प्राचीन परंपरा और आयुर्वेद के अनुसार चीजों को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इन्हीं उपायों में से एक है तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना। तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से शरीर में कभी कॉपर की कमी नहीं होती है। साथ ही यह आम पानी से होने वाली बीमारियां जैसे पेट में दर्द, कब्ज, डायरिया से भी राहत दिलाता है। यही कारण है कि आज लोग प्लास्टिक और सटीक स्टील की बोतलों को छोड़कर ऑफिस में भी कॉपर की बोतलों में पानी पी रहे हैं। जब बात तांबे के बर्तन में रखे पानी की आती है तो बुर्जुग कहते हैं इसे खाली पीट पेट पियो, लेकिन ये बात कोई नहीं बताता है कि कब तांबा युक्त तांबे के बर्तन में रखा पानी नहीं पीना चाहिए। तो चलिए आज जानत हैं तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के नुकसान।

कब नहीं पीना चाहिए तांबा युक्त पानी?

अगर आप सुबह खाली पेट तांबा युक्त पानी पी रहे हैं तो यह सेहत को अनेक लाभ पहुंचा सकता है। लेकिन कभी भी खाने के बाद इस पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। खाना खाने के बाद तांबा युक्त पानी पीने से पाचन धीमा हो सकता है। कुछ मामलों में आपको पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है। रात को सोने से पहले भी इस पानी को नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से आपकी नींद पर प्रभाव पड़ सकता है।

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तांबा युक्त तांबे के बर्तन में रखा पानी पानी पीने के नुकसान?

रोजाना एक निश्चित मात्रा में तांबा युक्त पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से आंतों पर प्रभाव पड़ता है। अगर प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तांबा युक्त पानी पी रहे हैं तो यह पेट में दर्द, गैस, आंतों में घाव की समस्या पैदा कर सकता है।

अगर आपके शरीर में कॉपर की अधिकता होती है तो यह लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है।

खून में ज्यादा कॉपर होने से किडनी, आंख और दिमाग को भी क्षति पहुंच सकती है।

कितने समय तक रखना चाहिए तांबे के बर्तन में पानी

तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी आपकी सेहत को फायदा पहुंचाए इसके लिए इसको 7 से 9 घंटे ही स्टोर करें। इसको करने का सबसे सही तरीका है कि आप रात को तांबे के जग, लौटा या फिर बोतल में पानी को भरकर रख दें। सुबह उठने के बाद खाली पेट ही यह पानी पिएं।

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तांबा युक्त पानी पीने के समय सावधानियां

तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करते वक्त 90 प्रतिशत लोग गलतियां करते हैं। कई घरों में तांबे के बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। तांबे के बर्तन में पानी पीते वक्त ध्यान दें कि यह जमीन पर न रखा हो। अगर आप रात को तांबे के बर्तन में पानी रख रहे हैं तो इसके नीचे कोई स्टूल, प्लेट या कटोरी रख दें। ऐसा करने से तांबे के बर्तन की शुद्धता बनी रहती है।

यह बात सभी को मालूम है कि स्टील, कांच के मुकाबले तांबे से बने बर्तनों की सफाई थोड़ी मुश्किल होती है। अगर तांबे के बर्तन को रोजाना साफ न किया जाए तो इस पर हरे रंग की परत (कॉपर ऑक्साइड) जमने लगती है। अगर आप तांबे की बोतल का इस्तेमाल करते हैं तो कॉपर ऑक्साइड का विशेषतौर पर ध्यान रखना दें।

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