
रजोनिवृत्ति हॉर्मोन उपचार से हृदयरोग के खतरे को भी कम किया जा सकता है। भारतीय मूल के एक शोधकर्ता की अगुवाई में किए गए अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है। रजोनिवृत्ति हॉर्मोन उपचार का उपयोग पसीना आने, नींद में खलल पड़ने व प्राईवेट पार्ट के मार्ग में सूखापन की शिकायतों का इलाज करने के लिए किया जाता है। अध्ययन में पाया गया कि रजोनिवृति हॉर्मोन उपचार से मानव हृदय के बायें निलय (हृदय के निचले हिस्से का कोष) और बायीं धमनी प्रकोष्ठ की संरचना व प्रकार्य में थोड़ा फर्क पड़ता है।
इससे हृदय की नलिका के कार्य में अनुकूलन आता है और इसकी घातकता व दिल के काम नहीं करने की दर में भी कमी आती है। लंदन के क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मिहिर संघवी ने कहा, यह पहला अध्ययन है जिसमें रजोनिवृत्ति हार्मोन उपचार के उपयोग और हृदय की संरचना व प्रकार्य में सूक्ष्म बदलाव के बीच संबंध दर्शाया गया है। यह भविष्य में हृदयरोग संबंधी शिकायतों की पूर्व सूचना देने में सहायक हो सकता है।
इसे भी पढ़ें : इस 1 टीके से होगा प्रोस्टेट कैंसर का इलाज, हुआ आविष्कार
महिलाएं और एस्ट्रोजन
एस्ट्रोजन महिलाओं और पुरूषों दोनो में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन होता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं के सिर में रक्त का अधिक प्रवाह करता है। शरीर में इसका उत्पादन सेक्स करने के बाद होता है। ये गर्भाधारण से लेकर माहवारी के दौरान होने वाले दर्द का जिम्मेदार होती है। एस्ट्रोजन महिलाओं का सबसे अच्छा दोस्त माना गया है।
इसे भी पढ़ें : शोध में खुलासा, 6 घंटे खड़े रहने से जल्दी घटता है वजन
एस्ट्रोजन और हार्ट अटैक
मेनोपॉज से पूर्व महिलाएं एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण दिल की बीमारियों से सुरक्षित होती हैं,पचास वर्ष की उम्र को पार करने के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में आई कमी महिलाओं में दिल के रोगों का एक बड़ा कारण होती है। एस्ट्रोजन में वाहिकाओं की सुरक्षा का गुण है, अर्थात् यह धमनियों में पट्टिका के संचय को रोककर हृदय तक जाने वाली रक्त वाहिकाओं को बचाता है। यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को ठीक बनाए रखता है। यह ब्लाकेज को रोकने में मदद करता है और महिलाओं में हृदय रोग की संभावना को भी कम देता है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Health News In Hindi