आप जो खाते हैं, वह सीधे इस बात से जुड़ा हो सकता है कि आपका मानसिक स्वास्थ्य कैसा है। एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग खाने में कई तरह के फलों और सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं, वो मानसिक रूप से ज्यादा बीमार हो सकते हैं। दरअसल शोध में मानसिक स्वास्थ्य और लोगों के खान-पान को जोड़कर अध्ययन किया गया है, जिससे पता चलता है कि कैसे मानसिक स्वास्थ्य आहार, नींद और शारीरिक गतिविधि सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। वहीं, शोध में ये भी कहा गया है कि अगर आपके जीवनशैली में इनमें से किसी एक का भी अभाव है, तो आपका संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
क्या कहता है शोध
'इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ' में प्रकाशित, अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग हर दिन तीन से कम फल और सब्जियां खाते हैं, उनमें एंग्जायटी डिसऑर्डर होनी की संभावना लगभग 24 प्रतिशत अधिक होती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह इसलिए हो सकता है क्योंकि स्वस्थ खाद्य पदार्थों की अनुपस्थिति में, शरीर में फैट की वृद्धि सूजन को जन्म दे सकती है, जो बदले में एंग्जायटी डिसऑर्डर का कारण बन सकती है।
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अध्ययन के लिए, रिसर्च टीम ने कनाडा के लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी ऑन एजिंग के आंकड़ों का विश्लेषण किया। डेटा में 45 और 85 आयु वर्ग के बीच कुछ 26,991 पुरुषों और महिलाओं के विवरण शामिल थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे शरीर में फैट का स्तर 36 प्रतिशत से अधिक बढ़ता है, चिंता विकार होने की संभावना 70 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, इस तरह पुरुषों की तुलना में एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रति महिलाएं अधिक अतिसंवेदनशील होती हैं।अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि शरीर रचना में भी खान-पान की एक अहम भूमिका है, चिंता विकार लोगों को उनके लिंग, वैवाहिक स्थिति, आय और अन्य स्वास्थ्य मुद्दों के आधार पर भी प्रभावित कर सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि वास्तव में, नौ में से एक महिला को एक एंग्जायटी डिसऑर्डर होता है, जबकि पुरुषों में 15 में से एक में ही इस विकार के लक्षण पाए जाते हैं।
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अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है हेल्दी डाइट?
लोग आहार के महत्व को समझने लगे हैं और स्वस्थ रह रहे हैं। दुनिया भर में लगभग हर किसी के दैनिक जीवन की मांग के अनुसार, मानसिक और शारीरिक रूप से आकार की आवश्यकता सर्वोपरि है। चिंता के अलावा, एक खराब आहार मूड स्विंग को जन्म दे सकता है, विशेष रूप से सर्दियों के समय के आसपास, और उन जगहों पर जहां कम धूप होती है। इसलिए एंग्जायटी डिसऑर्डर से बचने के लिए आपको अपने खानपान का ख्याल रखना चाहिए। हाल ही के एक अध्ययन में पाया गया कि भूमध्यसागरीय शैली का आहार (Mediterranean-style diet)एंग्जायटी डिसऑर्डर से बचने में मदद कर सकता है। ऐसे में आपको अपने डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए:
- सब्जियां
- फल
- फलियां
- नट्स
- बीन्स
- अनाज
- मछली
- जैतून के तेल जैसे असंतृप्त वसा
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ये सभी चीजें अवसाद में कमी लाने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। वहीं 2014 में एक व्यवस्थित समीक्षा हुई थी, जिसमें पाया गया कि एक खराब आहार (संतृप्त वसा, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के उच्च स्तर के साथ) खराब मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है बच्चों और किशोरों में कम उम्र में ही कई मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती है।खराब पोषण से मोटापे जैसी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, हालांकि ये कई जनसांख्यिकीय वेरियबल्स हैं, मोटापे की गंभीरता, सामाजिक आर्थिक स्थिति और शिक्षा के स्तर, लिंग, आयु सहित मानसिक स्वास्थ्य के साथ दिशा और आत्म शक्ति जैसे कई तथ्यों पर भी निर्भर करते हैं।
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