परीक्षा पे चर्चा 2.0: पीएम मोदी ने छात्रों को दिया मूलमंत्र, बताया परीक्षा में तनाव से दूर रहने का सीक्रेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी रेडियो के माध्‍यम से तो कई बार चर्चा कर बच्‍चों को जीवन का पाठ पढ़ाते रहते हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पे चर्चा 2.0' कार्यक्रम के माध्‍यम से देशभर के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की।
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परीक्षा पे चर्चा 2.0: पीएम मोदी ने छात्रों को दिया मूलमंत्र, बताया परीक्षा में तनाव से दूर रहने का सीक्रेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी रेडियो के माध्‍यम से तो कई बार चर्चा कर बच्‍चों को जीवन का पाठ पढ़ाते रहते हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पे चर्चा 2.0' कार्यक्रम के माध्‍यम से देशभर के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की।


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इस दौरान कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मेरे लिए ये कार्यक्रम किसी को उपदेश देने के लिए नहीं है। मैं यहाँ आपके बीच खुद को अपने जैसा, आपके जैसा और आपकी स्थिति, मनस्थिति वाला जीवन जीना चाहता हूँ, जैसा आप जीते हैं।' उन्‍होंने छात्रों को परीक्षा में तनाव से निपटने का मंत्र दिया। आत्‍मविश्‍वास बढ़ाया, साथ ही अभिभावकों को और शिक्षकों को भी बच्‍चों के संपूर्ण विकास के लिए नसीहतें दी। 

 

"कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करतेे"

पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा को जिंदगी की परीक्षा न समझें इसे सिर्फ क्‍लास की परीक्षा समझें, यह आपकी जिंदगी से बढ़कर नहीं है। उन्‍होंने एक गीत (कुछ खिलौने के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है) के माध्‍यम से लोगों को प्रेरणा दी। उन्‍होंने कहा, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती, ये एक अवसर है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है।  

खुद के रिकॉर्ड तोड़ने की सलाह 

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा "आप अपने रिकॉर्ड से कॉम्पिटिशन कीजिए और हमेशा अपने रिकॉर्ड ब्रेक कीजिए। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और तनाव में नहीं रहेंगे" उन्‍होंने कहा, एक बार जब लक्ष्य पकड़ में आ जाएगा तो उसी से नए लक्ष्य की प्राप्ति होगी। 

समय का प्रबंधन जरूरी 

जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती है। पैशन और रूचि क्या है ये पता होना चाहिए। दबाव में आकर मत सोचिए। अपनी क्षमता के हिसाब से सोचिए, इसमें किसी की मदद भी लीजिए। 

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अभिभावकों को सीख 

उन्‍होंने अभिभावकों को सीख देते हुए कहा कि, अपनी सोच को उन पर न थोपें। अपने जीवन की अधूरी चीजें अपने बच्‍चों पर थोपने वाले अभिभावकों को कहां कि ऐसा न करें। उन्‍होंने कहा कि, अभिभावकों का सकारात्मक रवैया, बच्चों की जिंदगी की बहुत बड़ी ताकत बन जाता है। तुलना कर बच्चों को नीचा ना दिखाएं। बच्चों को प्रोत्साहित करना जरूरी।

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तकनीक पर चर्चा करें, उससे बच्चे को दूर ना करें

पीएम ने कहा कि बच्चों के साथ तकनीक पर चर्चा करनी चाहिए। तकनीक का उपयोग विस्तार के लिए होनी चाहिए। तकनीक को प्रोत्साहित करना चाहिए। ऑनलाइन गेम्स समस्या भी है, समाधान भी है।

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