कहते हैं जिस काम में मजा आता है उसे करने में कभी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। बल्कि उसे और बेहतर तरीके से करने के नए-नए तरीके खोजे जाते हैं। आजकल बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में बच्चे काफी डरे हुए और सहमे हुए रहते हैं। कई बच्चे ये सोचकर दबाव में आ जाते हैं कि अब बहुत कम समय बचा है और आपको एग्जाम में टॉप कर दोस्तों से आगे निकलना है! आप अपने दिमाग में सिर्फ इस चीज को रखें कि आपको सिर्फ अपने लिए सफलता पानी है। यदि आप योजनाबद्ध तरीके से आज से इसकी तैयारी शुरू कर दें, तो न केवल आप सफल होंगे, बल्कि परीक्षा के समय होने वाले तनाव से भी मुक्त हो जाएंगे।
नियमित पढ़ाई
अगर कोई भी विद्यार्थी नियमित रूप से एक टाइमटेबल के अनुसार वर्ष भर पढ़ाई करे और फिर एग्जाम से एक महीने पहले उसे सिर्फ दोहराता जाए, तो वह हर परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता है। मनोवैज्ञानिक प्रो. नवीन कुमार कहते हैं कि भविष्य की चिंता कतई न करें। सिर्फ नियमित रूप से अपनी दिनचर्या का अनुसरण करें, तो परिणाम बेहतर आएंगे।
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कठिन विषय को प्राथमिकता
चिडिय़ा की आंख पर निशाना साधना कठिन था, लेकिन वीर अर्जुन ने इसे ही प्राथमिकता दी। उन्होंने इस पर अधिक ध्यान लगाया और विजयी हुए। कठिन विषय तुम्हारे लिए चिडिय़ा की आंख के समान हैं। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार कहते हैं कि ज्यादातर बच्चों के लिए गणित कठिन विषय है। नियमित अभ्यास से यह विषय आसान हो जाता है। रोजाना कम से कम 3 घंटे तो इस विषय को जरूर दें। हालांकि गणित हो या विज्ञान, सभी को बराबर समय देना चाहिए। परीक्षा में किसी भी विषय में कौन-सा प्रश्न पूछ लिया जाएगा, इसका अंदाज लगाना मुश्किल है, पर कभी-भी नर्वस न हों। यदि सवाल कठिन लगे, तो यह सोचें कि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके सहपाठियों के लिए भी यह कठिन होगा। जिस समय आप सबसे अधिक तरोताजा महसूस करे, उसी समय कठिन विषय पढ़ें।
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महत्वपूर्ण बातों के नोट्स
परिमल को फिजिक्स बहुत आसान लगता था। इसलिए वह न तो इस विषय को दोहराता और न ही इसके महत्वपूर्ण फॉर्मूलाज, रूल्स आदि को याद करने की कोशिश करता। बोर्ड एग्जाम के समय अत्यधिक आत्मविश्वास उसे ले डूबा। आपको जो विषय आसान लगते हों, आप उन पर भी पूरा समय दें, क्योंकि सभी विषयों के टोटल माक्र्स से ही डिवीजन तय होती है। आनंद कुमार कहते हैं कि एक छोटा सा नोट्स जरूर बनाएं। उस नोट्स में महत्वपूर्ण फॉर्मूला, थ्योरम्स, इक्वेशंस आदि नोट करते जाएं। प्रत्येक दिन सुबह-शाम जब भी समय मिले, उसे दोहराते रहें। रिवीजन नहीं करने के कारण हम आसान सी चीज भी भूलने लगते हैं।
फोटोग्राफिक मैमरी
साइंस के फॉर्मूले, थ्योरी आदि को याद रखने के लिए शाहीन तरह-तरह के रंगीन डायग्राम बनाती है। आकर्षक रंग से महत्वपूर्ण बातें लिखती रहती है। याद रखने के लिए उसे कोड वर्ड से भी जोड़ती है। दरअसल, हमारा दिमाग फोटोग्राफिक मेमोरी को अधिक सेव रखता है। इसलिए चार्ट पेपर पर विज्ञान तथा गणित के प्रत्येक चैप्टर के महत्वपूर्ण फॉर्मूला, नोट्स आदि अलग-अलग कलर में लिखकर कोट करना चाहिए। इसके माध्यम से एग्जाम के कुछ घंटे पहले भी पूरे सिलेबस को दोहराया जा सकता है।
ऑनलाइन सर्फिंग
विद्यार्थी समय-समय पर अपने बोर्ड (सीबीएसई, आईसीएसई, स्टेट बोर्ड आदि) की साइट्स जरूर चेक करते रहें। नेट पर यह जानकारी दी जाती है कि बोर्ड किस चैप्टर को कितना वेटेज देता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी विषय में हर बार चैप्टर नं 3 से 2 माक्र्स का प्रश्न पूछा जाता है और चैप्टर नं 2 से 4 माक्र्स का प्रश्न पूछा जाता है, तो चैप्टर नं 2 पर अधिक समय देना चाहिए।
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पौष्टिक भोजन है जरूरी
आप अपना सर्वोत्तम तभी दे पाएंगे, जब अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल रेणु सिंह कहती हैं कि इन दिनों तली-भुनी, जंक फूड के स्थान पर पौष्टिïक भोजन लें। 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी जगें। कुछ स्टूडेंट्स रात को जागकर पढ़ाई करते हैं और दिन में सोते हैं। अपनी इस आदत को बदलने की कोशिश करें। क्योंकि एग्जाम सुबह दस बजे से ही शुरू होता है। इसलिए सुबह के समय खुद को तरोताजा ररवें। पढ़ाई के दौरान ब्रेक भी बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ नीरसता खत्म होती है, बल्कि आप खुद को ऊर्जा से भरपूर पाते हैं। इस दौरान आप संगीत सुन सकते हैं और हल्का-फुल्का गेम भी खेल सकते हैं।
एक्सरसाइज, मेडिटेशन का कमाल
दिनचर्या में यदि व्यायाम, ध्यान, टहलना आदि को शामिल कर लिया जाए, तो न सिर्फ तरोताजा महसूस किया जा सकता है, बल्कि एकाग्रता भी बढ़ जाती है। व्यायाम व्यक्ति को फुर्तीला बनाता है। इससे हमारे शरीर से एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है, जो शरीर और दिमाग दोनों को तनाव रहित करता है। व्यायाम कभी भी एक घंटे से अधिक नहीं करना चाहिए।
नजरअंदाज न करें गलतियों को
- नई चीजों को पढ़ना बंद कर दें।
- जो पढ़ चुके हैं, उसे ही बार-बार दोहराएं।
- पिछले दस सालों के सवाल जरूर बनाएं।
- अगली बार गलतियां न हों, ऐसी कोशिश करें।
- अक्सर आप कुछ टॉपिक को छोड़ देते हैं, लेकिन सवाल उसी से पूछ लिया जाता है। इसलिए सभी टॉपिक पर बराबर ध्यान दें।
- सामने घड़ी रखकर इन सवालों को वैसे ही बनाएं जैसे एग्जामिनेशन हॉल में बनाते हैं। यह देखें कि कहां पर आप चूक जाते हैं। उसे नजरअंदाज करने की बजाय उस पर फोकस करें।
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