सामान्य नहीं हैं शिशुओं में ये लक्षण, हो सकती है फूड एलर्जी

बच्चा अगर बहुत छोटा है तो वो अपनी परेशानी को बोलकर नहीं बता सकता है इसलिए कुछ लक्षणों के द्वारा ही उसकी परेशानी को समझा जा सकता है। बच्चों में फूड एलर्जी के इन लक्षणों को देखकर तुरंत उसके खान-पान की आदतों में बदलाव कर देना चाहिए नहीं तो परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है।
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सामान्य नहीं हैं शिशुओं में ये लक्षण, हो सकती है फूड एलर्जी

मां अपने बच्चे को हमेशा कुछ न कुछ खिलाती रहती है ताकि बच्चे को विकास के लिए पर्याप्त पोषण मिल सके। लेकिन कई बार बच्चों को कुछ विशेष फूड आइटम्स से एलर्जी हो जाती है, जिसे खाने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बच्चा अगर बहुत छोटा है तो वो अपनी परेशानी को बोलकर नहीं बता सकता है इसलिए कुछ लक्षणों के द्वारा ही उसकी परेशानी को समझा जा सकता है। बच्चों में फूड एलर्जी के इन लक्षणों को देखकर तुरंत उसके खान-पान की आदतों में बदलाव कर देना चाहिए नहीं तो परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है।

फूड एलर्जी में क्या होता है

शरीर की छोटी-मोटी परेशानियों को शरीर स्वयं ठीक कर सकता है क्योंकि उसका एक प्रतिरक्षा तंत्र होता है। बच्चा हो या वयस्क, उसमें फूड एलर्जी तभी पैदा होती है जब उसका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो या शरीर में कोई इंफेक्शन आदि हो। यही प्रतिरक्षा तंत्र हमारे शरीर में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया से लड़ता है और हमारी रक्षा करता है। अगर शरीर अपनी रक्षा करने में सफल नहीं है तो ये कुछ लक्षणों के माध्यम से इसे आपको बताता है जिनके आधार पर आपको इनका इलाज करना होता है। किसी व्यक्ति को फूड एलर्जी होने पर शरीर किसी विशेष भोजन को शरीर के लिए हानिकारक समझने लगता है यानि कि अपना दुश्मन समझने लगता है। इसी कारण शरीर कुछ ऐसे बदलाव करना शुरू कर देता है जिनसे व्यक्ति को अपनी तबीयत खराब महसूस होने लगती है।

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कैसे होती है फूड एलर्जी

मान लीजिए आपके शिशु को किसी विशेष फूड जैसे मूंगफली से एलर्जी हो गई है तो ऐसा कोई भी आहार जिसमें मूंगफली का इस्तेमाल किया गया हो, उसे परेशान कर सकता है। इस एलर्जी के लक्षण उसके शरीर की त्वचा पर भी दिख सकते हैं या उसकी तबीयत में बदलाव के द्वारा भी दिख सकते हैं। फूड एलर्जी होने पर जब शिशु मूंगफली खाता है तो उसके शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज ऐसा व्यवहार करने लगते हैं जैसे शरीर में किसी वायरस या बैक्टीरिया का हमला हो गया हो। इसी डर से शरीर कुछ ऐसे केमिकल्स का निर्माण शुरू कर देता है जो एलर्जी वाले लक्षण के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन्हीं में से एक केमिकल है हिस्टामाइन, जो व्यक्ति की आंखों, त्वचा, पाचनतंत्र और गले को प्रभावित करता है। आमतौर पर तरल पदार्थों से एलर्जी होने पर उसके लक्षण जल्दी दिखाई देते हैं और ठोस पदार्थों से एलर्जी होने पर लक्षण कुछ समय बाद दिखाई देते हैं।

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शिशुओं में फूड एलर्जी के लक्षण

शिशुओं के फूड एलर्जी के लक्षण कई बार इतने सामान्य हो सकते हैं कि आप समझ भी न पाएं और कई बार इतने गंभीर हो सकते हैं कि आप घबरा जाएं। इसलिए अगर आपको फूड एलर्जी या किसी अन्य बीमारी का कोई भी लक्षण दिखता है तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करके उसकी राय लें। बच्चों में एलर्जी का पहला लक्षण उनकी नाक का बहना है। त्वचा पर दाने, खुजली, किसी अंग का सुन्न हो जाना, झुनझुनी आदि भी एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा गले में जकड़न, कर्कश आवाज, खांसी, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट दर्द आदि भी फूड एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं।

इन फूड्स से हो सकती है एलर्जी

आमतौर पर बच्चों को कुछ विशेष फूड्स से ही एलर्जी होती है जैसे अंडे, पीनट बटर, डेयरी प्रोडक्ट्स, ट्री नट, सोया और मछली आदि। इसके अलावा मिर्च-मसाले वाले पदार्थों के सेवन से भी एलर्जी हो सकती है। ध्यान दें कि एक साल से छोटे बच्चों को नमक का सेवन न कराएं। इससे शिशु में एलर्जी की समस्या पैदा हो सकती है और उसका पेट खराब हो सकता है।

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