वैज्ञानिकों का दावा, स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है खराब ओरल हाईजीन

आपका मुंह आपकी सेहत बनाए रखने में सहयोग करता है, क्योंकि मुंह में 600 से अधिक तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो खून के द्वारा विभिन्न अंगों में पहुंचकर समस्याएं पैदा करते हैं।
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वैज्ञानिकों का दावा, स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है खराब ओरल हाईजीन


आपका मुंह आपकी सेहत बनाए रखने में सहयोग करता है, क्योंकि मुंह में 600 से अधिक तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो खून के द्वारा विभिन्न अंगों में पहुंचकर समस्याएं पैदा करते हैं। एक शोध में यह बात सामने निकलकर आई है कि खराब ओरल हाईजीन के कारण 40 से अधिक प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। विश्व ओरल स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मंगलवार को ओरल केयर जागरूकता अभियान 'हंस दो' का शुभारंभ किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को ओरल एवं डेंटल केयर की जरूरत के बारे में जागरूक बनाना है। क्लोव डेंटल के डॉक्टरों की एक मोबाईल वैन ने महिपालपुर के रंगपुरी पहाड़ी में इस कार्यक्रम के पहले संस्करण में 500 से अधिक लोगों की ओरल एवं डेंटल जांच की। इस अभियान में एनजीओए बाल विकास धारा ने भी हिस्सा लिया। बाल विकास धारा के सदस्य देवेंद्र कुमार बरल ने कहा, हम स्वास्थ्य की सामान्य समस्याओं पर काफी काम करते हैं, लेकिन यह अभियान अनूठा है।

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क्लोव डेंटल के सीईओए अमर सिंह ने कहा, मीडिया के कारण कैंसर की रोकथाम, देखभाल एवं इलाज की जागरूकता शहरी इलाकों में कई गुना बढ़ गई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों तथा शहरी झुग्गियों में यह काफी कम है। 'हंस दो' अभियान इस कमी को दूर करने के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को ओरल एवं डेंटल हाईजीन पर जागरूक बनाकर यह बताना है कि इसकी कमी से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां किस प्रकार हो सकती हैं। इस प्रोग्राम के मॉड्यूल में दिल्ली की कई झुग्गियों में अवेयरनेस मीट और डेंटल चेकअप कैंप का आयोजन शामिल है।

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खराब दांतों से बचाव

  • आप अपने बच्चे को हर छःमहीने के बाद डैंटिस्ट के पास लेकर जायें ताकि वह उनकी आदतें जैसे कि अंगूठा चूसना, जींभ से बार बार अपने ऊपरी दांतों को धकेलना, दांतों से होंठ अथवा गाल काटते रहना आदि आदतें जो दांतों को टेढ़ा-मेढा करती हैं,को नोटिस करें और आदतों से मुक्ति दिलाने में मदद करें।
  • अगर किसी बच्चे में मुंह से सांस लेने की आदत है तो भी इस आदत को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि इस आदत की वजह से ऊपर वाले आगे के दांत बाहर की तरफ़ आने लगते हैं।
  • अगर देखें कि बच्चे के दूध वाले दांत तो गिरे नहीं हैं, उन के पास ही गलत जगह पर पक्के दांत निकलने लगे हैं। ऐसे में आप बच्चे को डैंटिस्ट के पास ले जाकर दूध के दांत निकलवाएगें नहीं तो पक्के दांत किसी ओर जगह पर अपनी जगह बना लेंगे।
  • कुछ लोग ऐसा सोचते है कि जब तक दूध के पूरे दांत गिर नहीं जायें तब तक किसी डैंटिस्ट के पास जाकर टेढ़े-मेढ़े दांतों के बारे में बात करने का कोई फायदा नहीं है। यह बिल्कुल गलत हैं। आप नियमित रूप से हर छःमहीने बाद बच्चों को डैंटिस्ट के पास जा कर दांत चैक करवाते रहें। अगर कुछ प्रॉबल्म होगी तो वह साथ-साथ ठीक होती रहेगी।

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