दांतों में होने वाले टारटर और प्लेक से कैसे बचें, जानिए,

अच्‍छी सेहत के लिए दांतों का स्‍वास्‍थ्‍य होना बहुत जरूरी है, इसलिए अपने दांतों की देखभाल करना बहुत जरूरी है। कुछ बीमारियां हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचाती हैं। आइए जानते हैं।
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दांतों में होने वाले टारटर और प्लेक से कैसे बचें, जानिए,

टारटार (जिसे कैल्‍कलस भी कहा जाता है), एक तरह का प्‍लेक हीं होता है जो दांतों की सतह पर जमा होता है और बहुत सख्त होता है। इसका निर्माण gum line के पास या उसके नीचे हो सकता है? मसूड़ों के उत्तकों (टिश्‍यूज़) को परेशान कर सकता है और ज्यादा से ज्यादा प्‍लेक जमने को प्रेरित कर सकता है। यह कैविटीज़ और मसूड़ों के रोग जैसी  अन्य गंभीर रोगों का कारण भी बनता है। दांत और मसूड़ों को रोगग्रस्त करने के अलावा टारटार कास्‍मेटिक समस्याएं भी पैदा करता है। (चाय-काफी या ध्रूमपान करने पर दांत दागदार हो जाते हैं) जिससे दांतों की सुन्दरता नष्ट होती है। अतः अगर आपको चाय–काफी पीना पसंद हो तो टारटार को कभी पनपने न दें।

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आपको टारटार है या नहीं

टारटार प्‍लेक की तरह बिना रंग वाला नहीं होता। इसका निर्माण खनिजों की वजह से होता है, जिसे गम लाइन के ऊपर आसानी से देखा जा सकता है। टारटार की वजह से दांतों एवं मसूड़ों का रंग पीला या भूरा हो जाता है। अगर आपको इस बात की पुष्टि करनी है कि आपको टारटार है या नहीं तो कृपया अपने डेंटिस्‍ट को दिखलाएँ।

 

 

टारटार न बने इसके लिए आपको क्या करना चाहिए

रोजाना 2 बार ( रात को सोने से पूर्व एवं सुबह सोकर उठने के बाद) ब्रश किया करें. संभव हो तो ऐसे टथपेस्‍ट का इस्तेमाल करें टारटार को नियंत्रित करता हो। टारटार न बनने पाए इसके लिए आपको रोज फ्लासिंग करनी चाहिए। इससे आप प्‍लेक और टारटार दोनों से बचे रह सकते हैं। बावजूद इन सबके अगर टारटार बन जाता है तो अपने डेंटिस्‍ट से उसका उपचार करवाएं। टारटार को स्‍क्‍ेलिंग द्वारा भी हटाया जाता है। स्‍केलिंग के जरिए दांतों और मसूड़ों के पास से टारटार हटाने के लिए विशेष प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।

 

प्‍लेक क्या होता है?

प्‍लेक एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो दांतों की सतह पर कई दिनों तक जमते रहने की वजह से पाया जाता है। जब मुँह में मौजूद बैक्‍टीरिया, लार और बचे हुए खाद्य कणों के साथ मिलते हैं तो वे दाँतों की सतह पर प्‍लेक के रूप में जमने लगते हैं। कैविटी और मसूड़ों के रोग के लिए मुख्यतः प्‍लेक हीं  जिम्मेदार है।

 

क्या आपको प्‍लेक  है?

प्‍लेक हरेक की दांतों में होता है। आप जैसे हीं अपने दांत साफ करके हटते हैं, प्‍लेक  का बनना शुरू हो जाता है। मुश्किल से इसे पूरी तरह बनने में एक घंटे भी नहीं लगते होंगे और इसे रोजाना अच्छी तरह से साफ  नहीं किया गया तो फिर इसे कठोर टारटार के रूप में तब्दील होने में ज्यादा देर नहीं लगेगा। जैसे-जैसे इसमें बैक्‍टीरिया की बढ़ोतरी होती जाती है, प्‍लेक भी बढ़ता चला जाता है। कैविटी और मसूडों के रोगों के लिए इसे हीं प्रमुख माना जाता है। प्‍लेक में मौजूद बैक्‍टीरिया शुगर (कार्बोहाइड्रेट) के रूप में परिवर्तित हो जाता है और खाद्य पदार्थ के साथ मिश्रित होकर अम्ल का निर्माण करता है।

अगर दांतों के ईनेमल को अम्ल के संपर्क में बार-बार लाया गया तो ईनेमल कमजोर हो जायेगा जिसके फलस्वरूप कैविटी बनना शुरू हो जायेगा। यदि समय रहते प्‍लेक को साफ़ नहीं किया गया तो आपको मसूड़ों की समस्याएं घेर सकतीं हैं, दांत झड़ सकते हैं या जिंजिवाइटिस ( जिसमें मसूडें सूज जाते हैं या उनमें से खून रिस सकता  है) हो सकता है या पेरियोडांटल बीमारी हो सकती है। मुँह का दुर्गन्ध भी इसी वजह से होता है।

 

क्या आप प्‍लेक का शिकार होने से बच सकते हैं?

उचित साफ़-सफाई एवं ध्यान रखने से प्‍लेक के निर्माण से बचा जा सकता है। प्‍लेक के निर्माण से बचाव हेतु कुछ निम्नलिखित उपाय है:

  • मसूड़ों एवं दांतों की सतह के ऊपर से प्‍लेक हटाने के लिए अपने दांतों की अच्छी तरह से सफाई किया करें।
  • रोजाना फ्लास करें। जहाँ आपका टूथब्रश सफाई नहीं कर सकता वहां इस प्रक्रिया से प्‍लेक  को साफ़ किया जाता है।
  • भोजन कर लेने के बाद भी दिन भर, हर समय कुछ न कुछ खाते न रहे। ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें जो दांतों पर चिपक जातें हों या दांतों के बीच फसें रह जातें हों।
  • ज्यादा मीठे पदार्थ या पेय का उपयोग न करें। इनमें शुगर और अम्ल की मात्रा होती है जो आपके दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं।

 

Image Source : Getty

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