
OMH HyperLocal टीम ओनलीमायहेल्थ का एक अभियान है, जिसमें हम स्वास्थ्य से जुड़े जमीनी मुद्दों की जानकारी आपके सामने लेकर आ रहे हैं। हमारी इस नई मुहिम की पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा था, कि दिल्ली के यमुना बैंक के किनारे लगभग 48 किलोमीटर के पैच पर सब्जियों की खेती की जाती है। इन सब्जियों का सेवन पूरी दिल्ली के लोग करते हैं। हमारी टीम को यह जानकारी मिली थी कि यमुना के किनारे उगाई जा रही सब्जियों में हानिकारक तत्व पाए गए हैं। इस जानकारी के बाद हमने भी यमुना किनारे बने खेतों में जाकर सब्जियों का सैंपल लिया था और इसकी लैब में जांच कराई थी। लैब रिपोर्ट में यह मिला कि यमुना बैंक के आसपास उगाई जा रही सब्जियों में निकेल, कैडमियम और लेड जैसे हानिकारक हैवी मेटल्स की मात्रा थी। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सब्जियों में ऐसे हानिकारक मेटल्स और विषाक्त पदार्थ होने पर इसके दुष्प्रभवाओं को कैसे कम कर सकते हैं?
हरी सब्जियों में हैवी मेटल्स के प्रभाव कैसे कम करें?- Tips To Mitigate Heavy Metals Riks in Vegetables in Hindi
यमुना बैंक के किनारे उगाई जा रही सब्जियों में मौजूद हैवी मेटल्स के सेवन से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचता है। हमने OMH HyperLocal की इस सीरीज के पिछले आर्टिकल में आपको सब्जियों में मिले हैवी मेटल्स का सेवन करने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया था। इस लेख में हम सब्जियों में हैवी मेटल्स के प्रभाव को कम करने से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। इसके लिए हमने दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ तरुण साहनी और मुंबई स्थित ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसन डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ मंजूषा अग्रवाल से बातचीत की। आइए विस्तार से समझते हैं, सब्जियों में हैवी मेटल्स के रिस्क को कम करने के टिप्स।
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सब्जियों को धोने से कम हो सकता है हैवी मेटल्स का खतरा
डॉ तरुण साहनी ने बताया, "सब्जियों में मौजूद हैवी मेटल्स के खतरे को कम करने के लिए एक बर्तन में पानी लें और इसमें थोड़ा सा विनेगर (सिरका) डालें। इसके बाद सब्जियों को सिरके वाले पानी में डालकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। इससे सब्जियों में मौजूद हैवी मेटल्स को कम करने में मदद मिलती है।" इस पूरे प्रोसेस के बाद सब्जियों को ताजे पानी से भी धो लें।
अच्छी तरह पकाने के बाद ही करें सेवन
हरी और पत्तेदार सब्जियों में हैवी मेटल्स के रिस्क को कम करने के लिए उन्हें बेकिंग सोडा से भी धो सकते हैं। इसके अलावा जिन सब्जियों में हैवी मेटल्स होने का रिस्क रहता है, उन्हें पकाने के बाद ही खाना चाहिए। सब्जियों को कच्ची खाने की जगह अच्छी तरह पकाकर खाने से हैवी मेटल्स का खतरा कम हो जाता है। पानी का भाप देने और उबालने से भी इन मेटल्स के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
हैवी मेटल्स के प्रभाव से बचने के लिए डाइट का रखें ध्यान
सब्जियों में हैवी मेटल्स की मौजूदगी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। इसका सेवन करने से होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए आपको डाइट का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ तरुण साहनी और डॉ मंजूषा अग्रवाल ने बताया कि शरीर को विषाक्त पदार्थों और हैवी मेटल्स के नुकसान से बचाने के लिए डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर और विटामिन की अच्छी मात्रा वाले फूड्स शामिल करने चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से संतुलित आहार, प्रोबायोटिक्स आदि का सेवन करने से आप हैवी मेटल्स की वजह से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
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दिल्ली के बाजारों में बिकने वाली सब्जियों में हैवी मेटल्स की मौजूदगी बड़ी चिंता का विषय है। इनका सेवन करने से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। ओनलीमायहेल्थ हाइपरलोकल से जुड़ी रिपोर्ट्स और खबरों को पढ़ने के लिए विजिट करते रहें Onlymyhealth.com। इसके अलावा अगर हमारी इस नई मुहिम को लेकर आपका कोई सुझाव या सलाह है, तो हमें लिखकर जरूर भेजें।
(Image Courtesy: freepik.com)
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