कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक होती जा रही है। ये वायरल अब किसी भी वर्ग के लोगों को नहीं छोड़ रही। युवा, बुजुर्ग हो या फिर बच्चे। इतना ही नहीं, यह नवजात तक को अपनी चपेट में ले रही है। हाल ही में गुजरात के सूरज जिले में एक 14 दिन के नवजात शिशु की कोरोना से मौत हो गई। डॉक्टर्स का कहना है कि पहले के मामलों में नवजात न के बराबर थे, लेकिन दूसरी लहर में नवजात शिशुओं का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। दिल्ली एनसीआर जैसे कई जिलों में कोरोना के मामले काफी तेजी से फैल रहे हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा कमजोर होती है। इसलिए वे जल्दी कोरोना के शिकार हो सकते हैं। बच्चों में निमोनिया और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण दिखते हैं। इसलिए बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
चाइल्ड स्पेशलिस्ट मनीषा रंजन का कहना है कि बच्चों को एंटी-वायरल या फिर रेमडेसिविर जैसी हैवी डोज नहीं दी जा सकती है। बुखार या फिर कफ की समस्या होने पर उन्हें रेस्पिरेटरी सपोर्ट देकर ही उनका इलाज किया जा सकता है। इसलिए बच्चों की हेल्थ पर विशेष ध्यान दें। हल्के-फुल्के खांसी-जुकाम के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
हाथों की रखें सफाई
जब भी आप अपने बच्चों के पास जाते हैं या फिर उन्हें गोद में लेते हैं, तो उससे पहले अपने हाथों की अच्छे से सफाई करें। अगर आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो अपने हाथ के साथ-साथ बाजू के आसपास भी सैनिटाइजर को रब करें।
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मास्क पहने रखें
नवजात शिशुओं के पास जाते वक्त मास्क पहनकर जरूर रखें। साथ ही दूसरों को भी यह सलाह दें। मास्क पहनने से न सिर्फ आप सुरक्षित रहेंगे, बल्कि इससे आपका बच्चा भी सुरक्षित रह सकता है।
डॉक्टर से संपर्क करें
नवजात शिशुओं में हल्के-फुल्के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से पास जाएं। खुद से इलाज करने की कोशिश न करें। साथ ही हॉस्पिटल जाते वक्त भीड़-भाड़ का विशेष ख्याल रखें। ऐसे जगह पर अपने शिशुओं को न ले जाएं, जहां कोरोना के मामले अधिक हों।
शिशुओं पर न अपनाएं घरेलू नुस्खा
कोविड-19 से शिशुओं को सुरक्षित रखने के लिए घरेलू नुस्खों का सहारा न लें। क्योंकि यह बच्चों के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है। कोशिश करें कि डॉक्टर के पास जाकर बच्चों को सुरक्षित रखने की राय लें।
घर के अंदर हवा आने दें
बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित हवा देने की कोशिश करें। बच्चों के रूम को अधिक से अधिक हवादार बनाएं। बच्चों के रूम में वेलिटेशन का खास ध्यान रखें।
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मां का दूध पिलाएं
मां का दूध शिशुओं के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इससे बच्चों की इम्यूनिटी पावर बूस्ट होती है। बाहर का पैकेट वाला दूध पिलाने से अच्छा है, उन्हें अपना दूध पिलाएं। इससे उनकी इम्यून पावर बूस्ट होगी।
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