अगली बार जब आप रक्तदान करने जाएं, तो फॉर्म में अपने निजी रिश्तों से जुड़े सवाल देखकर चौंकिएगा मत। नेशनल ब्लड ट्रांसफ्युजन काउंसिल ने ब्लड डोनेशन के लिए नए गाइडलाइंस दिए हैं, जिनके अनुसार रक्तदान से पहले भरे जाने वाले फार्म में पुरुष रक्तदाताओं से उनके निजी रिश्तों के बारे में कुछ सवाल होंगे, जैसे- कहीं आप समलैंगिक तो नहीं, कहीं आपके एक से ज्यादा पार्टनर तो नहीं आदि।
समलैंगकों और टांसजेंडर्स के रक्तदान पर रोक
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि गे और बाय सेक्सुअल पुरुष, ट्रांसजेंडर्स और महिला सेक्स वर्क्स कभी रक्तदान नहीं कर सकते हैं क्योंकि ऐसे लोगों में एचआईवी और हेपेटाइटिस बी और सी का खतरा बहुत ज्यादा होता है। आपको बता दें कि भारत में पहले ही गे यानी पुरुष समलैंगिकों के रक्तदान करने पर रोक लगी हूई है। इसके अलावा ऐसे लोगों के रक्तदान पर भी रोक लगाई गई है, जो कैंसर, ऑर्गन फेल्योर, एलर्जी या सांसों की बीमारी से पीड़ित हैं।
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इंफेक्शन से बचाने के लिए जरूरी
ब्लड बैंक के कर्मचारियों का कहना है कि कई विकसित देशों के गाइडलाइंस के आधार पर नए नियम बनाए गए हैं। इन नियमों को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि रक्तदाता के कारण किसी अन्य व्यक्ति में कोई इंफेक्शन या बीमारी न फैले।
कितना सही है दावा
हालांकि अमेरिकन रेड क्रॉस के अनुसार समलैंगिक पुरुषों ने यदि आखिरी कॉन्टैक्ट 12 महीने से पहले बनाया है, तो वो रक्तदान करने के योग्य हो सकते हैं। जबकि समलैंगिक महिलाओं से किसी वायरस के फैलने की संभावना नहीं होती है इसलिए वो कभी भी रक्तदान कर सकती हैं।
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