
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीन की पहचान की है, जो अल्जाइमर रोग के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। दरअसल प्रोटीन एमलॉइड-बीटा (amyloid-beta) के संचय को प्रभावित करने वाला जीन, अल्जाइमर रोग का मुख्य कारण होता है।
कनाडा की साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के शओधकर्ताओं ने इस जीन पहचान की जो एमलॉइड-बीटा के संचय को प्रभावित करता है। (ऐसा प्रोटीन जो कि मानव में मस्तिष्क रोग के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है।)
गौरतलब है कि अल्जाइमर रोग, जो कि मनोभ्रंश का सबसे आम रूप है, ज्यादातर 65 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले लोगों में पाया जाता है।
प्रत्येक मस्तिष्क कोशिका एक आंतरिक मार्ग प्रणाली पर निर्भर करता है, जो कि विकास, संचार और सेल के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए आवश्यक आणविक संकेतों को ट्रंसपोर्ट करने का काम करता है। जीन एक प्रोटीन को एन्कोड करता है, जो कि इंट्रा-सेलुलर परिवहन के लिए महत्वपूर्ण होता है।
आंतरिक प्रणाली में दुर्बलता, एमलॉइड-बीटा प्रोसेसिंग को बाधित कर सकती है। जिसकी वजह से ऐमिलॉइड प्लाक बढ़ जाता है, जो कि अल्जाइमर रोग के प्रमुख कारण होते हैं।
जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल सिल्वरमैन ने कहा 'अल्जाइमर एक पकार का मल्टीपैक्टोरियल रोग है जिसमें दशकों से तंत्रिका-तंत्र में छोटी-छोटी समस्याओं जा जमावड़ा लगता रहता है।'
सिल्वरमैन ने कहा कि कई अन्य मानव रोगों की तरह अल्जाइमर भी एक आनुवंशिक घटक है, लेकिन तक भी कई पर्यावरण और जीवन शैली कारक भी इस रोग में योगदान करते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस जीन की खोज चिकित्सा विज्ञान के डिजाइन के लिए नए रास्ते खोल सकती है, और स्वास्थ्य पेशेवरों को इस रोग का जल्दी पता लगाने के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
सिल्वरमैन ने यह भी कहा कि, इसके लिए एक संभावन है कि अल्जाइमर में योगदान देने वाले जीन की अन्य वेरिएंट के साथ, खोजे गए इस जीन का एक विशेष संस्करण के लिए आनुवंशिक परीक्षण किया जाए, जिससे किसी व्यक्ति में इस बीमारी के समग्र जोखिमों का पता करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि, 'जीवन शैली में बदलाव जैसे बेहतर आहार, व्यायाम, और संज्ञानात्मक उत्तेजना में वृद्धि, अल्जाइमर की गति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।' यह शोध नेश्नल अकेडमी ऑफ साइंनसेज में प्रकाशित हुआ।
Source: The Indian Express
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