क्या हैं बच्चों के विकास को लेकर मिथ? जानिए

बच्चों के विकास और सेहत को लेकर कई धारणाएं प्रचलित हैं। 
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क्या हैं बच्चों के विकास को लेकर मिथ? जानिए


बच्चों के विकास और सेहत को लेकर कई धारणाएं प्रचलित हैं। ऐसे में ज्यादातर पेरेंट्स यही जानना चाहते हैं कि इन बातों में कितनी सच्चाई है? मणिपाल हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. संजीव बगई बता रहे हैं कि ऐसी धारणाएं कितनी सही और कितनी गलत हैं। निश्चित रूप से दूध कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत है और इसका सेवन बच्चों के शारीरिक विकास में भी मददगार होता है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि ज्य़ादा दूध पीने से बच्चे की हाइट ज्य़ादा तेज़ी से बढ़ेगी। 

इस संबंध में सीधा-सरल नियम हमेशा याद रखें कि नवजात शिशु को छह माह तक केवल मां का दूध देना चाहिए। इस उम्र के बाद  उसे गाय के दूध के अलावा दाल का पानी, सूजी की खीर, मैश किया हुआ केला और खिचड़ी-दलिया जैसी चीज़ें भी देनी चाहिए। एक साल की उम्र के बाद बच्चों के लिए सुबह-शाम दो कप दूध पर्याप्त होता है। इस उम्र के बाद आवश्यकता से अधिक मात्रा में दूध पीने वाले बच्चों के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने की आशंका रहती है।

गाजर से रोशनी बढ़ती है

यह सच है कि गाजर में मौजूद विटमिन ए आंखों की रोशनी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह बच्चों को नाइट ब्लाइंडनेस से बचाता है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप अपने बच्चे को केवल गाजर ही खिलाएं। लाल, पीले और नारंगी रंग के सभी फलों और सब्जि़यों में पर्याप्त मात्रा में विटमिन ए मौज़ूद होता है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जि़यां भी बच्चों की आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होती हैं। इसलिए उनके खानपान में इन चीज़ों को प्रमुखता से शामिल करें। सबसे ज़रूरी बात, अगर किसी वजह से बच्चे की आंखों की दृष्टिï कमज़ोर हो रही हो तो उसे डॉक्टर को दिखाएं। ऐसी स्थिति में केवल पौष्टिïक खानपान की मदद से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।  

स्विमिंग फायदेमंद है

बच्चों की फिटनेस के लिए स्विमिंग फायदेमंद है : स्विमिंग से बच्चों के पूरे शरीर की बहुत अच्छी एक्सरसाइज़ होती है। फिजिकल फिटनेस के लिए यह निश्चित रूप से फायदेमंद है। इसलिए आप अपने बच्चों को स्विमिंग जरूर सिखाएं लेकिन याद रखें कि इससे भी उनकी हाइट नहीं बढ़ती।

पर्याप्त नींद है ज़रूरी

अच्छी ग्रोथ के लिए पर्याप्त नींद ज़रूरी है : यह सच है कि 2 से 10  साल की उम्र तक बच्चों के  लिए 8-9 घंटे की नींद बहुत ज़रूरी है। नींद से बच्चों के शरीर में एनर्जी लेवल मेंटेन रहता है, नींद में ही ग्रोथ हॉर्मोंस का सिक्रीशन होता है और इससे उनका शारीरिक विकास बेहतर ढंग से होता है। इसलिए अगर घर में इस आयु वर्ग के बच्चे हों तो दिनचर्या ऐसी होनी चाहिए कि इससे उनकी नींद में कोई खलल न पड़े।

लटकना और स्किपिंग

हैंगिंग बार में लटकने और स्किपिंग करने से हाइट बढ़ती है : यह धारणा पूरी तरह भ्रामक है। ऐसे तरीकों से बच्चों का $कद नहीं बढ़ाया जा सकता। उनका 95 प्रतिशत शारीरिक विकास आनुवंशिकता पर निर्भर करता है। इसमें उसकी डाइट और‍ ‍िफजि़कल ऐक्टिविटीज़ का केवल 5 प्रतिशत ही योगदान होता है। हैंगिंग बार में लटकना या स्किपिंग (रस्सी कूदना) जैसी ऐक्टिविटीज़ बच्चों की फिटनेस के लिए अच्छी हो सकती हैं लेकिन इससे उनकी हाइट नहीं बढ़ाई जा सकती।                  

जिमनास्टिक और बैले डांस

यह धारणा पूरी तरह गलत है। ऐसी किसी भी ऐक्टिविटी से बच्चों के शारीरिक विकास में कोई रुकावट नहीं आती, बल्कि इससे उनका शरीर चुस्त-दुरुस्त बना रहता है। वैसे भी, बच्चे हॉबी क्लासेज़ में थोड़ी देर के लिए ही डांस या जिमनास्टिक की प्रैक्टिस करते हैं। उनके शरीर पर इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता। हां, जो बच्चे लंबे समय तक एडवांस लेवल पर बैले या जिमनास्टिक की ट्रेनिंग लेते हैं, उनकी मांसपेशियों और जोड़ों पर थोड़ा दबाव ज़रूर पड़ता है। ऐसी स्थिति में उनके कोच स्पेशल डाइट और एक्सरसाइज़ के ज़रिये बच्चों की सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं।        

शाकाहारी भोजन

यह धारणा पूरी तरह गलत है। हर तरह की दालों के अलावा राजमा, लोबिया, सोयाबीन और पनीर भी प्रोटीन के बहुत अच्छे स्रोत हैं।  इनसे शाकाहारी बच्चों को भी पर्याप्त पोषण मिल जाता है। नॉनवेज खाने वाले बच्चों की तरह वे भी पूर्णत: स्वस्थ होते हैं।

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