संगीत प्रशिक्षण बदल सकता है आपका दिमाग!

एक नए अध्ययन के अनुसार संगीत प्रशिक्षण मस्तिष्‍क के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। खबर को पढ़ें और जानें।
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संगीत प्रशिक्षण बदल सकता है आपका दिमाग!


एक अध्ययन से पता चला है कि संगीत हमारे मस्तिष्‍क के लिए काफी लाभदायक होता है। इस अध्ययन में बताया गया कि कम उम्र में संगीत सीखना शुरू करने का मस्तिष्‍क की कार्यक्षमता और संरचना पर काफी सकारात्‍मक असर पड़ता है। यह भी बात भी सामने आयी है कि सात वर्ष की उम्र से कम में संगीत सीखने की कवायद शुरू करना सबसे अधिक लाभदायक होता है।

Musical Training May Change  Brainअगर आप शिद्दत से संगीत सीखते हैं, तो इससे मस्तिष्‍क में नयी प्रक्रियायें शुरू होती हैं। इससे व्‍यक्ति की रचनात्मकता, अनुभूति और सीखने की क्षमता पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है।


इस शोध में यह बात सामने आयी कि संगीत का वि‍स्‍तृत प्रशिक्षण मस्तिष्‍क के विभिन्‍न क्षेत्रों की संरचनाओं को प्रभावित करता है। इसमें यह बात सामने आयी है कि संगीत-निर्माण के दौरान मस्तिष्‍क के वे क्षेत्र कैसे संवेदित होते हैं तथा मस्तिष्‍क इन संवेनी सूचनाओं को किस प्रकार व्‍याख्यित और एकीकृत करता है।
 

इस शोध को सोसायटी फॉर न्‍यूरोसाइंस 2013 की वार्षिक बैठक में प्रस्‍तुत किया गया। इसमें मस्तिष्‍क को किसी विशेष परिस्थिति में ढालने में मदद करने, शिक्षा के वैकल्पिक तंत्र और श्रवण संबंधी अक्षमताओं को दूर करने में,  में संगीत की भूमिका तलाशने पर जोर दिया गया।


एक अध्ययन के अनुसार दिमाग पर संगीत सीखने का, जितना पहले सोचा गया था उससे कहीं ज्‍यादा सकारात्‍मक असर पड़ता है।


शोधकर्ताओं ने पाया कि संगीतकारों में श्रवण, स्पर्श, और दृष्टि से संवेदी जानकारी एकीकृत करने के लिए अतिरिक्त क्षमता होती है।


एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि जल्द संगीत प्रशिक्षण शुरू होने पर, वयस्क होने तक यह मस्तिष्क रचना (अनैटमी) को प्रभावित करता है। विशेषतौर पर सात साल की उम्र से पहले प्रशिक्षण की शुरुआत होने पर यह सबसे अधिक प्रभाव डालता है।  


एक तीसरे शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि संगीत सुधार व्यवस्था में शामिल मस्तिष्क सर्किट व्यवस्थित प्रशिक्षण के द्वारा रचित होते हैं। इससे कार्य-स्मृति पर निर्भरता कम होती है और मस्तिष्‍क के भीतर अधिक संजोयकता होती है।


हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के संगीत और न्यूरोइमेजिंग और ब्रेन प्लेस्टेसिटि विशेषज्ञ, गोटफ्राइड स्लोग के अनुसार, एक वाद्य यंत्र बजाना बहु संवेदी अनुभव है, जो उं‍गलियां थपकाने से लेकर नृत्‍य करने तक मस्तिष्‍क में आनंद और पुरस्‍कृत होने की भावना का संचार करते हैं। अगर इसे लंबे समय तक किया जाए, तो इसमें मस्तिष्‍क की कार्यप्रणाली और संरचना को बदलने की क्षमता होती है।


स्लोग ने कहा कि "जैसाकि इस अध्ययन से पता चलता है कि संगीत प्रशिक्षण जीवन के विभिन्‍न चरणों में मस्तिष्‍क की सकारात्‍मकता, अनुभूति और सीखने की क्षमता पर सकारात्‍मक प्रभाव डालता है।

 

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