
Muscular Dystrophy in Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के अपने कार्यक्रम में एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी के बारे में बात की। पीएम मोदी ने कहा कि भले ही चिकित्सा विज्ञान नवाचारों से नई दिशा ले रहा है लेकिन आज भी कुछ बीमारियां हमारे लिए चैलेंज बनी हुई हैं। पीएम मोदी ने गंभीर आनुवांशिक बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy) के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि यह बीमारी हमारे लिए बड़ा चैलेंज है। इस बीमारी को लेकर हिमांचल प्रदेश के सोलन में चले रहे मानव मंदिर हेल्थ क्लिनिक के प्रयासों की सराहना भी की। अब सवाल यह उठता है कि पीएम मोदी ने जिस मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डिजीज के बारे में बात की है, आखिर यह बीमारी है क्या? तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं मस्कुलर डिस्ट्रॉफी क्या है और यह बीमारी कैसे होती है?
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी डिजीज क्या है?- What is Muscular Dystrophy in Hindi
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी दरअसल एक आनुवांशिक बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में अपनी चपेट में ले सकती है। इस बीमारी में मरीज की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी दरअसल इस तरह की कई समस्याओं का एक समूह माना जाता है। इस बीमारी में मरीज को बचपन में लक्षण दिखने शुरू होते हैं और कुछ लोगों में इस बीमारी के लक्षण काफी समय बाद दिखाई देते हैं। मेयो क्लिनिक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक मस्कुलर डिस्ट्रॉफी 30 से ज्यादा आनुवांशिक बीमारियों का समूह है, जिसमें मरीज को मुख्य रूप से मांसपेशियों की कमजोरी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी में मरीज की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और कमजोर हो जाती हैं। इसकी वजह से मरीज को चलने-फिरने, कामकाज करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी के कारण आपके हार्ट और फेफड़ों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। मौजूदा समय में इस बीमारी का कोई भी सटीक इलाज मौजूद नहीं है।
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मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण- What Causes Muscular Dystrophy in Hindi
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की बीमारी आनुवांशिक कारणों से होती है। मरीज अपने माता-पिता से ऐसे जीन प्राप्त करते हैं, जो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का कारण बनता है। कुछ जीन जिनका काम शरीर में प्रोटीन बनाने का होता है और मांसपेशियों की रक्षा करते हैं, उनमें मौजूद दोष की वजह से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के होने का खतरा रहता है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के प्रकार- Types Of Muscular Dystrophy
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की बीमारी के अब तक 30 से ज्यादा प्रकार सामने आए हैं। इनमें से कुछ इस तरह से हैं-
- डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी)
- बेकर मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (बीएमडी)
- फेशियोस्कैपुलोह्यूमरल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (एफएसएचडी
- कंजेनिटल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (सीएमडी)
- एमरी-ड्रेफस मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (ईडीएमडी)
- लिम्ब-गर्डल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (एलजीएमडी)
- मायोटोनिक डिस्ट्रॉफी
- ओकुलोफरीन्जियल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (ओपीएमडी)
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण- Symptoms of Muscular Dystrophy in Hindi
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की समस्या में मरीज को सबसे ज्यादा मांसपेशियों की कमजोरी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा इस बीमारी में मरीज के हार्ट और फेफड़ों पर भी गंभीर असर पड़ता है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- मांसपेशियों में कमजोरी
- चलने-फिरने में परेशानी
- भोजन करने में दिक्कत
- हार्ट से जुड़ी परेशानियां
- जन्मजात विकलागंता
- मांसपेशियों में दर्द
- स्कोलियोसिस की समस्या
- सांस लेने में तकलीफ
- काफ मसल्स का बढ़ना
- मांसपेशियों में दर्द और अकड़न
- विकास रुक जाना
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का इलाज- Muscular Dystrophy Treatment in Hindi
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का अभी तक कोई भी सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बीमारी को लेकर रिसर्च कर रहे हैं। इस बीमारी में मरीज को जन्म के समय से भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं और कुछ लोगों में यह बीमारी उम्र बढ़ने पर भी हो सकती है। मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों का इलाज करने में डॉक्टर तमाम तरह की थेरेपी और हार्ट से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लिए पेसमेकर आदि का इस्तेमाल करते हैं।
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