अत्यधिक सिगरेट का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे, ह्रदय रोगों और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बनता है। एक नए अध्ययन के मुताबिक 20 सिगरेट से ज्यादा पीने वाले व्यक्ति अंधेपन के शिकार हो सकते हैं। रटगर्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, लंबे समय से धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को स्पेटियल और कलर विजन संबंधी समस्या हो सकती है।
वैज्ञानिकों का दावा
साइकियाट्री रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों ने धूम्रपान करने वालों की लाल-हरे और नीले-पीले रंग की दृष्टि में महत्वपूर्ण बदलाव देखे। इससे पता चलता है कि सिगरेट में उन जैसे न्यूरोटॉक्सिक रसायनों वाले पदार्थों का सेवन करने से पूरी तरह से दृष्टि हानि हो सकती है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना ज्यादा धूम्रपान करने वालों में रंगों को पहचानने में दिक्कत होने लगती है।
वैज्ञानिकों के खोज में आए परिणामों के मुताबिक, जो लोग ज्यादा सिगरेट पीते हैं उनमें रगों को पहचाने की क्षमता कम होती है। तंबाकू की लत के साथ देखने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
सिगरेट में कई तरह के कंपाउंड होते हैं जो बहुत ही नुकसानदायक होते हैं। इसे मस्तिष्क में परतों की मोटाई में कमी और मस्तिष्क के घावों से जोड़ा गया है, जिसमें फ्रंटल लोब जैसे एरिया शामिल हैं, जो स्वैच्छिक कार्यों और सोच के नियंत्रण करते हैं और मस्तिष्क की गतिविधियों को कमजोर करते हैं जो हमारी दृष्टि के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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कितने लोगों पर किया गया अध्ययन?
अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने 71 स्वस्थ्य लोगों को शामिल किया जिन्होंने अपने जीवनकाल में 15 सिगरेट पी थी जबकि 63 लोग ऐसे थे जिन्होंने एक दिन में 20 सिगरेट पी थी। प्रतिभागी 25-45 वर्ष आयु वर्ग में थे।
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अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, भारी धूम्रपान करने वालों में लाल-हरे और नीले-पीले रंग की दृष्टि में उल्लेखनीय परिवर्तन दिखाई दिए। इससे पहले के अध्ययनों में उम्र संबंधी मैकुलर डिजनरेशन और लेंस के पीलेपन और सूजन की समस्या देखने को मिली थी।
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