जानें मच्छरों से बचाव के आसान तरीके, बारिश में बढ़ जाता है मच्छरों से फैलने वाले रोगों का खतरा

बारिश के मौसम (मॉनसून) में मच्छर बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिसके कारण मच्छरों के कारण फैलने वाले रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है।
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जानें मच्छरों से बचाव के आसान तरीके, बारिश में बढ़ जाता है मच्छरों से फैलने वाले रोगों का खतरा

बारिश का मौसम आते ही मच्छरों का आतंक शुरू हो जाता है। जगह-जगह भरा पानी और मौसम में नमी, मच्छरों को प्रजनन करने के लिए अनुकूल माहौल देते हैं, जिससे मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है। इसी के साथ मच्छरों से फैलने वाले रोग जैसे- डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस, स्वाइन फ्लू आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल इन संक्रामक रोगों के कारण हजारों लोगों की मौत होती है। आइए आज हम आपको बताते हैं मच्छरों से बचाव के टिप्स और मच्छरों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।

मच्छरों के बारे में कुछ मनोरंजक जानकारियां

  • पृथ्वी पर लगभग 1 ट्रिलियन मच्छर हैं।
  • यह मच्छर लगभग 30 मिलियन सालों से अपने आप को गर्मी, बारिश, ठंड जैसी परिस्थितियों में भी जीवित रखते हैं।
  • जब मच्छर काटते हैं तो उनके शरीर में मौजूद प्रोटीन जो उनके सलाइवा में होता है वह दर्द और सूजन पैदा करता है।
  • मच्छरों ने जो बीमारियां फैलायी है उनसे मरने वालों की संख्या यु़द्ध में मरने वालो की संख्या से कहीं अधिक है।
  • विश्व भर में मच्छरो ने जो बीमारियां फैलायी उनसे मरने वालो की संख्या हर साल लगभग 2 से 3 मिलियन है।
  • हर साल 200 मिलियन लोग मलेरिया ,फाइलेरियासिस,डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं।
  • इन बीमारियों के आलावा एक ऐसी बहुत बड़ी बीमारी है जो मच्छरों से फैलती है ’जापानीज एन्सेफेलाइटिस’ यह बीमारी एशिया के देहाती इलाकों में पायी गयी है।
  • इस बीमारी में लगभग 4 में से 1 व्यक्ति जीवित बच पाता है। इस बीमारी में बहुत तेज बुखार, सरदर्द होता है व गला भी अकड़ता है। कई मरीज तो कोमा में भी चले जाते है।
  • इन बातों को ध्यान में रखकर बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने का पूरा प्रयास करना चाहिए।

मच्छरों से बचने के कुछ तरीके

  • पानी को अपने घर के आस पास जमा न होने दें क्योंकि मलेरिया के मच्छर गन्दे पानी में पनपते हैं।
  • कूलर का पानी हर रोज बदलें। मच्छर जिस जगह पर ब्रीड करते हैं, ऐसे गड्ढो को भर दें और पानी को कहीं भी इकट्ठा न होने दें।
  • पानी के सभी स्रोतों को ढक कर रखे। पानी की टंकी, कुंआ, ड्रेनेज सभी को ढक कर रखें। पानी की टंकी को साफ रखें और उसमें दवा डालें।

जालियां और मच्छरदानी

खिड़कियों व दरवाजों में जालियां लगवाए इनसें हवा को भी आने जाने का मार्ग मिलता है। हमारे देश में मच्छरों से बचने का सबसे सुरक्षित उपाय है मच्छरदानी। दूसरे तरीके जैसे कॉएल हानिकारक होते हैं।

मच्छरों के काटने से बचे

पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मोजे पहनें और जितना हो सके खुद को ढकें जिससे की मच्छर आपको न काटने पायें।

मस्कीटो रिपेलेंट का प्रयोग करें

  • मास्कीटो रिपेलेंट, क्रीम व स्प्रे की मदद से मच्छरों से बचा जा सकता है।
  • बाहर जाते समय स्किन पर डीइइटी लगायें। यह बच्चों व प्रेग्नेंट स्त्रियों के लिए भी सुरक्षित है।
  • शोधकर्ताओं ने पिकारिडीन और लेमन युक्लिप्टस को प्राकृतिक मास्कीटो रिपेलेंट माना है।

मच्छरों के काटने के कुछ तय घंटे

  • शाम से लेकर सुबह तक का समय मच्छरों की बहुत सी प्रजातियों का समय होता है।
  • शाम से प्रातः सुबह तक मच्छरों के काटने से बचें पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें मास्कीटो रिपेलेंट, क्रीम व स्प्रे का प्रयोग करें।
  • इन बातोंको ध्यान में रखकर मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

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