मिस्कैरेज के दर्द से गुजरना किसी भी महिला व उसके पार्टनर के लिए आसान नहीं होता है। जिस भी दंपति के साथ यह घटना घटती है उन्हें इस दर्द को भुला पाना काफी मुश्किल हो जाता है। महिलाएं गर्भवती होने की खबर सुनते ही नन्हे मेहमान के आने की तैयारी में जुट जाती हैं। ऐसे में मिस्कैरेज की खबर उन्हें शारीरिक व भावनात्मक रुप से काफी कमजोर कर देती है।
मिस्कैरेज के कारण
मिस्कैरेज के कई कारण होते हैं लेकिन अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस समस्या से बचा भी जा सकता है। अक्सर गर्भावस्था के शुरुआती दौर में मिस्कैरेज की संभावना होती है। मां की सेहत का मिस्कैरेज के कारणों पर काफी असर पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी समस्या यूट्रस में असामान्यता होना मिसकैरेज के लक्षण होते हैं। सर्वाइकल समस्या गर्भावस्था के दूसरे हफ्ते में अपना असर दिखा सकती है। एक महिला को कई बार मिसकैरेज हो सकता है। अगर मिस्कैरेज होने वाला है तो सामान्यत: इसे रोक पाना मुश्किल होता है। अगर गर्भावस्था सुनिश्चित हो गई है और इसके बाद ब्लीडिंग की समस्या हो रही है तो यह मिस्कैरेज का लक्षण हो सकता है। तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इसके बारे में बताएं। डॉक्टर ऐसी स्थिति में ज्यादा चलने व काम करने को मना कर देता है और बेड रेस्ट करने की सलाह देता है, जब तक की यह समस्या दूर ना हो जाए।
स्वस्थ आदतें अपनायें
मिस्कैरेज की समस्या से बचने के लिए स्वस्थ आदतों को अपनाएं। अपनी सेहत का खास खयाल रखें। इससे आप मिस्कैरेज के खतरे से दूर रहेंगी। खाने में पौष्टिक आहर लें जैसे आयरन, फोलिक एसिड आदि। इन चीजों के सेवन से महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी नहीं होती है। नियमित रुप से व्यायाम करें और धूम्रपान व एल्कोहल के सेवन से बचें। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की स्वास्थय समस्या है तो तुंरत डॉक्टर से मिलें और इसके बारे में बात करें और उचित इलाज लें। इससे भ्रूण को किसी भी प्रकार की समस्या से बचाया जा सकता है। याद रखें रोज की शारीरिक गतिविधि, व्यायाम व सेक्स से मिस्कैरेज का खतरा नहीं होता है।गर्भावस्था के दौरान कैफीन के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए। अगर आप वर्किंग है तो बहुत देर तक अपनी सीट पर ना बैठे रहें। यह बहुत थकान भरा हो सकता है। इसलिए बीच-बीच में थोड़ा सा वॉक जरूर करनी चाहिए।
अगर आपका कई बार मिस्कैरेज हो चुका है तो डॉक्टर इसके कारणों के बारे में जानने के लिए आपसे विस्तार से कई सारे सवाल पूछ सकता है जिससे वो मिस्कैरेज के कारणों का पता लगा सके। कारणों को जानने के बाद डॉक्टर की यही कोशिश होती है कि वो इस समस्या को दूर कर सके।
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