All About Depression in Hindi: जीवन के पड़ाव में इंसान का समय और स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं हो सकती है। यही कारण है कि हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी हताशा, उदासी, बेचैनी जैसी भावनाएं पैदा होती हैं। इन स्थितियों को अक्सर लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी भी इंसान में अगर निराशा, उदासी, बेचैनी और दुःख जैसी भावनाएं अगर लंबे समय तक बनी रहती हैं, तो यह मानसिक बीमारियों और समस्याओं का संकेत हो सकती हैं। इसी तरह की एक मानसिक बीमारी है डिप्रेशन (Depression in Hindi)। डिप्रेशन को आज भी हमारे समाज में ज्यादा लोग सामान्य स्थिति समझते हैं, इसे बीमारी या हेल्थ कंडीशन नहीं माना जाता है। दरअसल जागरूकता और जानकारी की कमी के कारण मानसिक समस्याओं को लोग सामान्य या पागलपन जैसी संज्ञा देते हैं।
मानसिक बीमारियों के प्रभाव और इसके प्रति जागरूकता के महत्व को समझते हुए ओनलीमायहेल्थ ने एक खास सीरीज शुरू की है, जिसका नाम है "Mental Health A-Z"। इस खास सीरीज में देश के प्रसिद्ध साइकैट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ निमेष देसाई (Dr. Nimesh G. Desai, Senior Consultant Psychiatrist & Psychotherapist) अपने 40 साल के अनुभव के आधार पर बता रहे हैं डिप्रेशन के बारे में। आइये इस लेख में NIMHANS, AIIMS जैसे देश के बड़े अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके और Institute of Human Behavior and Allied Sciences, Delhi के डॉयरेक्टर भी रहे डॉ. निमेष देसाई से जानते हैं, डिप्रेशन क्या है? इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
डिप्रेशन क्या है?- What is Depression in Hindi
डिप्रेशन को अक्सर लोग कुछ समय के लिए होने वाली सामान्य भावनात्मक कमजोरी समझ बैठते हैं। डॉ देसाई कहते हैं कि डिप्रेशन एक आम अनुभव हो सकता है, लेकिन लंबे समय तक किसी व्यक्ति में यह स्थिति एक गंभीर पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम है। कुछ डिप्रेसिव सिम्टम्स जिसे अंग्रेजी में कहा जाता है डे टू डे ब्लूज। मान लीजिए किसी दिन घर पर कोई अनबन हो गयी या ऑफिस में काम की वजह से बॉस की डांट सुननी पड़ी या फिर कहीं कुछ नेगेटिव बात हो गयी। इन स्थितियों में व्यक्ति थोड़े समय के लिए निराश, उदासीन या दुखी महसूस कर सकता है। हालात या स्थिति की वजह से जैसे शारीरिक तकलीफ, आर्थिक स्थिति या नेगेटिव माहौल की वजह से होने वाला डिप्रेशन कुछ समय के लिए रहता है। लेकिन इनके अलावा अगर लंबे समय तक व्यक्ति उदासीन, परेशान, दुखी और निराश रहे, तो यह डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है। अगर दो हफ्ते या दो हफ्ते से ज्यादा आपका मूड, आपकी भावनाएं, आपका विचार और आपका सामाजिक बर्ताव तीनों असर ग्रस्त हो, तो इस स्थिति को डिप्रेशन की बीमारी कहा जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: Mental Health A to Z: एंग्जायटी (Anxiety) क्या है और इसका इलाज कैसे होता है? बता रहे हैं डॉ निमेष देसाई
डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं?- Depression Symptoms in Hindi
डिप्रेशन का शिकार कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में हो सकता है। डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद भी कहा जाता है। यह भले ही किसी व्यक्ति को जीवन में के बार हो लेकिन इसके कई एपिसोड हो सकते हैं। डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति के व्यवहार में ये लक्षण दिखाई देते हैं-
- निराश रहना और चिड़चिड़ापन
- उदासी, खालीपन और अशांति
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना
- नींद की कमी और इससे जुड़ी परेशानियां
- अपनी पसंदीदा चीजों में रूचि कम होना
- थकान और ऊर्जा की कमी
- भूख कम लगना और वजन घटना
- सोचने, बोलने और निर्णय लेने की क्षमता में कमी
- हीन भावना और अपराधबोध होना
- आत्महत्या के विचार आना
- किसी चीज को याद रखने में परेशानी
डिप्रेशन के कारण- What Causes Depression in Hindi
डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है और हर व्यक्ति में इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। किसी व्यक्ति में डिप्रेशन का कारण बायोलॉजिकल स्थिति होती है, तो कुछ लोगों में आर्थिक और सामाजिक कारणों से डिप्रेशन हो सकता है। इसके कुछ मुख्य कारण इस तरह से हैं-
- बायोलॉजिकल समस्याओं या डिफ्रेंसेस की वजह से
- सामाजिक और आर्थिक कारणों की वजह से
- जेनेटिक कारण या पारिवारिक हिस्ट्री
- शरीर में हॉर्मोन का असंतुलन
- इंजरी, दुर्घटना या किसी प्रिय व्यक्ति की मौत
डिप्रेशन का इलाज- Depression Treatment in Hindi
डिप्रेशन के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर इसका इलाज जरूर लेना चाहिए। डिप्रेशन का सही समय पर इलाज न होने से कई गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। डॉ देसाई कहते हैं कि पहले माना जाता था कि बाहरी कारण यानी सामाजिक और मानसिक कारणों से डिप्रेशन होता है, तो इसे काउन्सलिंग से ठीक कर सकते हैं और बायोलॉजिकल कारणों से होने वाले डिप्रेशन को दवाओं से ठीक किया जा सकता है। लेकिन अब यह स्थिति और सोच बदल गयी है। आज के समय में डॉक्टर डिप्रेशन का इलाज हर स्थिति में स्टेज के हिसाब से करते हैं। माइल्ड डिप्रेशन का इलाज थेरेपी से किया जाता है, लेकिन गंभीर डिप्रेशन में इलाज दवाओं के साथ थेरेपी और काउन्सलिंग से किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: Mental Health A to Z: बच्चे भी होते हैं मानसिक समस्याओं के शिकार, समझें डॉ निमेष देसाई से
आनुवांशिक रूप से जिन लोगों को डिप्रेशन की समस्या होती हैं, उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके अलावा सामाजिक और आर्थिक स्थिति के कारण होने वाले डिप्रेशन को माइंडफुलनेस से प्रिवेंट किया जा सकता है। डिप्रेशन से बचाव के लिए लाइफ के हर पड़ाव को अच्छी तरह से जियें और ध्यान, योग, मेडिटेशन आदि का सहारा लें।
(Image Courtesy: Freepik.com)