
जानिए स्वास्थग्राम की सेना के विषय में जिन्होंने गाँवों में वायरस से लड़ने के लिए स्वयं के इंफेक्शन का खतरे की भी परवाह नहीं की।
क्या : भारत के गांवों और गलियों में कोरोना के खिलाफ छेड़ी जंग।
क्यों : गांवों को सैनिटाइज करने का काम किया।
जब से 30 जनवरी के बाद भारत में वायरस के केस पाए जाने लगे, लोगो में इस अनजान खतरे का भय पनपने लगा और इस वजह से महामारी के दौरान लोगों में डर के काले बादल छाने लगे। 1.3 मिलियन लोगों की आवाजाही पर एक दम से रोक लग गई। स्वास्थग्राम के लोग गली गली व घर घर जा कर वायरस से सम्बन्धित कार्य करने लगे।
जैसे जैसे दुनिया की इस वायरस के साथ लड़ाई जारी रही, ओनली माय हेल्थ, हेल्थ केयर हीरोज अवॉर्ड के माध्यम से कोरोना वॉरियर्स को सलाम करने के लिए एक अनोखी पहल की है। हमने इस कैटेगरी के लिए सबसे ताकतवर व प्रेरित करने वाली कहानियों को चुना है। आप के वोट व हमारा निर्णायक मंडल विजेता को चुनेंगे। स्वास्थग्राम नामक एनजीओ ने लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए क्या क्या किया है, यह जानने के लिए पढ़ें आगे।
चेन तोड़ने में सहायक
स्वास्थग्राम एक स्वयंसेवक संस्था है। जोकि नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य सम्बन्धित कैंप्स लगाने की वजह से जानी जाती है। इन कैंप्स में लोगों की विभिन्न बीमारियों की जांच की जाती है। तो जब वायरस फैलना शुरू होने लगा तो यह लोग इससे सम्बन्धित कार्य करने के लिए गलियों गलियों में गए। 100 लोगों की टीम साउथ वेस्ट दिल्ली के घिटोरनी इलाके में पहुंच गई। इन लोगों की टीम हरियाणा व उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों व गांवों में जन हित का काम करने गई।
घिटोरनी में इस टीम के हर सदस्य ने लोगों के घर घर जाकर टेंपरेचर गन की सहायता से सभी लोगों का तापमान चैक किया। सरकारी एजेंसियों के लिए इन गांवों व इन इलाकों में जा कर यह काम करना बहुत मुश्किल था। स्वास्थग्राम के लोग गांव में जाकर हर घर में लोगों को सेनिटाइज करना सिखाया व उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसके बारे में बताया। न केवल घरों में बल्कि इन लोगों ने अस्पतालों, गलियों, मुहल्लों, अपार्टमेंट की इमारतों आदि को भी कीटाणुरहित करने में मदद की।
इन लोगों ने वायरस से लड़ने की कोशिश में बहुत सक्रियता दिखाई और 3 राज्यों के अलग अलग जिलों जो कि यूपी, बिहार व हरियाणा थे, में जाकर लोगों के टेस्ट्स किए। यह टेस्टिंग सीसीएड (CCAD) प्रोजेक्ट के तहत की गई जोकि आईसीएमआर(ICMR) के द्वारा प्रमाणित है। आज तक 27 हजार से अधिक टेस्ट इस टीम के द्वारा किए जा चुके हैं।
कमलानी वोकेशनल सेंटर के संघ में स्वास्थग्राम की टीम ने हरियाणा के भोंड्सी, घमरोज व गढ़ी गावो को सेनिटाइज किया। जिस में 11 हजार से अधिक लोग शामिल थे। गालियां, बाजार, कम्युनिटी सेंटर व मैदान आदि को सेनिटाइज किया गया। इसके अलावा भी इन्होंने हरियाणा एडमिनिस्ट्रेशन के संघ में 20 अन्य गांवों को भी सेनिटाइज किया है।
उन्होंने वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग सेंटरों का भी आयोजन किया। इनको काम करने में बहुत मुश्किल आई क्योंकि संक्रमित होने के डर से लोग अपने घरों से बाहर आने को तैयार ही नहीं थे। गांव के इलाकों में लैब आदि की भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसलिए इस टीम ने इन इलाकों में सस्ते वेंटिलेटर आदि का भी प्रबन्ध किया।
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इस टीम ने लोगों को वायरस के बारे में जानकारियां भी दी और घर पर ही सेनिटाइजर बनाना भी सिखाया। जरूरत मन्द लोगो को इस टीम ने सैनिटाइजर आदि मुफ्त में भी उपलब्ध कराए। इस काम की सराहना कई गावों के सरपंचों ने भी की।
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मुसीबतें:
इन लोगों के सामने बहुत सी मुश्किलें भी आयीं। जिनमें से मुख्य थी कि कोई भी इंसान अपने घर से बाहर आने को तैयार ही नहीं था। लोगो को पी पी ई किट पहन कर बाहर निकलने की अनुमति थी। परन्तु उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वह इसे खरीद पाएं। परंतु इस टीम ने लोगों की फिर भी हर सम्भव तरीके से मदद की।
यदि स्वास्थग्राम की टीम ने इस महामारी के दौरान काम करके आप को प्रेरित किया है तो इसे जिताने के लिए वोट अवश्य करें।
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