देश में आजकल मैट्रीमोनियल और डेटिंग साइट्स की भरमार हो गई है। व्यस्त जीवनशैली में मनमािफक जीवनसाथी की तलाश मुश्किल है। इसी तलाश को आसान बनाने में जुटे हैं मैरिज पोर्टल्स। इससे यह फायदा है कि अपने विचारों के अनुरूप जीवनसाथी मिलने की गुंजाइश अधिक रहती है। दहेज रहित विवाह करना हो या कोर्ट मैरिज, जाति-बंधन रहित शादी करनी हो या दूसरी मैरिज, इन साइट्स में सारे विकल्प मौजूद हैं। अब तो कई मैरिज पोर्टल्स एचआइवी पॉजिटिव व अन्य मेडिकल कंडीशंस वाले लोगों के लिए भी जीवनसाथी ढूंढऩे का काम कर रहे हैं। इन साइट्स के जरिये युवाओं को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है, मगर कई बार धोखे की शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जब इन साइट्स में दी गई जानकारियां गलत निकलीं। कई बार रुपये-पैसे की मांग की गई तो ब्लैकमेलिंग की घटनाएं भी हुईं। एक वेबसाइट ने ऐसे ही शोध के बाद मैट्रीमोनियल साइट्स का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी साइट्स पर जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें।
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- विज्ञापन देने से पहले देखें कि वह रजिस्टर्ड वेबसाइट है या नहीं। लोगों से भी इसके बारे में पूछें, ताकि पता चल सके कि यह सही साइट है या नहीं।
- प्रोफाइल पिक्चर ही सब कुछ नहीं होती। कई बार लोग फोटो व प्रोफेशन की जानकारी देकर रिक्वेस्ट भेज देते हैं। ऐसा न करें। यह जरूरी नहीं है कि दूसरे पक्ष ने जानकारी सही-सही भेजी होगी। प्रोफाइल को और माध्यमों से भी चेक करें। फेसबुक, गूगल सर्च या प्रोफेशनल वेबसाइट्स में जाकर भी उस प्रोफाइल का पता लगाया जा सकता है।
- अपनी ओर से पहल न करें। सीधे संपर्क से बचें। साइट पर दिए गए विकल्पों में पहले दिलचस्पी वाले विकल्प को चुनें। दूसरी ओर से जवाब मिलने के बाद ही आगे सोचें।
- साइबर एक्सपट्र्स के अनुसार पर्सनल या ऑफिशियल ईमेल पते या आईडी के बजाय साइट पर नया एकाउंट खोलें, जो सिर्फ वैवाहिक रिश्ते के लिए ही बनाया जाए। प्रोफाइल में दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें, और उस पर अच्छी तरह सोच-विचार करें। याद रखें, हर चमकदार चीज सोना नहीं होती, इसलिए बहुत सोच-समझकर ही निर्णय लें। निजी जानकारियां, फोन नंबर्स, ईमेल, पोस्टल एड्रेस देने से बचें।
- साइबर एक्सपट्र्स के अनुसार बैंक एकाउंट या क्रेडिट कार्ड डिटेल्स जैसी जानकारियां कभी भी दूसरे को न दें। यदि कोई ऐसी डिटेल्स चाहे या उसका प्रोफाइल संदिग्ध दिखे तो इसकी जानकारी तुरंत संबंधित साइट को दें, ताकि समय पर जांच करके ऐसे व्यक्ति को ब्लॉक किया जा सके।
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- जब तक दूसरे पक्ष पर भरोसा पुख्ता न हो, पहचान गुप्त रखें। जिसे सचमुच रिश्ता जोडऩा होगा, वह दूसरे की प्राइवेसी और सम्मान का ख्याल जरूर रखेगा।
- एक बार मेल पर संपर्क होने के बाद चैट मैसेंजर के जरिये बातचीत की जा सकती है। सामान्य बातचीत से ही शुरुआत करें। जैसे पसंद-नापसंद, शौक आदि। इससे व्यक्ति के स्वभाव और व्यवहार का अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरी तरह निश्चिंत होने के बाद ही फोन पर बातचीत शुरू करें।
- फोन पर बातचीत करते हुए समय का ध्यान रखें। साथ ही परिवार के सदस्यों की बातचीत भी कराएं। यह भी ध्यान दें कि जिस नंबर से कॉल की जा रही है, वह सही हो।
- साइबर पुलिस के निर्देशानुसार किसी एनआरआई से बातचीत में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। व्यक्ति की सही पहचान, लोकेशन, पद या परिवार के बारे में जानकारी के लिए वहां रहने वाले दोस्तों, रिश्तेदारों या परिचितों की मदद लें।
- मुलाकात सार्वजनिक जगह या घर में ही करें। मुलाकात के दौरान माता-पिता या किसी परिचित को साथ रखें और उसके परिवार के सदस्यों को भी साथ रखने का आग्रह करें।
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