मेनोपोज और अनिद्रा में संबंध

मेनोपोज और नींद की समस्‍या में गहरा संबंध है। शोध भी साबित कर चुके हैं कि इसकी वजह से महिलाओं को कई समस्‍यायें हो सकती हैं। आखिर क्‍या होते हैं इसके पीछे के कारक और केसे इस परेशानी से बचा जा सकता है।
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मेनोपोज और अनिद्रा में संबंध

शोध में साबित हुआ हे कि मेनोपोज से गुजर रहीं साठ फीसद से अधिक महिलाओं को पूरी नींद लेने में परेशानी होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइये जानने की कोशिश्‍ करते हैं कि आखिर मेनोपोज के दौरान अनिद्रा के कारण और लक्षण क्‍या हैं। साथ ही हम यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर इस समस्‍या से बचाव और उसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

मेनोपोज के दौरान अनिद्रा के कारण

 

हॉर्मोन में बदलाव

मेनोपोज के दौरान शरीर में एस्‍ट्रोजन और प्रोगेस्‍टेरॉन का स्राव कम होता है। ये हॉर्मान न केवल शरीर की उत्‍पादक क्षमता पर असर डालते हैं बल्कि साथ ही नींद की क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही नींद के दौरान होने वाले व्‍यवधानों के प्रति भी आपको अधिक संवेदनशील बनाते हैं।

महिलाओं में मेनोपोज की परेशानी

तनाव

मेनोपोज के दौरान कोरटिसोल के अधिक स्राव के कारण कुछ महिलाओं को अधिक तनाव होने लगता है। कोरटोसिल के इस असंतुलन का असर आपके नर्वस सिस्‍टम पर पड़ने लगता है, इससे हृदय गति तेज हो जाती है।  और आपको भय तथा नींद के बीच व्‍यवधान होने लगता है।


हॉट फ्लैश

अधिकतर महिलाओं को मेनोपोज के दौरान हॉट फ्लैश होने की शिकायत होती है। इसके साथ ही उन्‍हें आने वाले पसीने के कारण वे रात को अच्‍छी तरह सो भी नहीं पातीं।

जीवनचक्र

जब महिलायें मेनोपोज की उम्र में पहुंचती हैं, तो आमतौर पर कई अन्‍य संभावित कारणों से भी उन्‍हें चिंता और तनाव हो सकता है। इसमें आर्थिक परेशानियां, पारिवारिक दिक्‍कतें और सामाजिक कारण भी शामिल हो सकते हैं।  

जीवन

जब महिलायें मेनोपोज की उम्र में पहुंचती हैं, तो कई कारणों से भी उन्हें चिंता और तनाव हो सकता है। आर्थिक, पारिवारिक और कई सामाजिक कारणों से भी वे तनाव में रह सकती हैं। इन कारणों से भी उन्‍हें तनाव हो सकता है और उन नींद उड़ सकती है।

 

लक्षण

•    नींद आने में परेशानी।
•    बहुत जल्‍दी आंख खुल जाना।
•    बार-बार नींद खुलना और बाद में नींद न आना।
•    सुबह सोकर उठने पर थकान होना।

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बचाव के उपाय


•    दोपहर में सोने से बचें
•    सोने से पहले एक गिलास दूध पियें।
•    सोने से पहले गुनगुने पानी से शॉवर लें।
•    नियमित व्‍यायाम करें। लेकिन, बेहतर हो अगर आप दिन में जल्‍दी व्‍यायाम करें। रात को सोने से पहले व्‍यायाम करने से बचें।
•    खुला और आरामदेह पजामा पहनकर सोयें। बेहतर होगा अगर आप सूती पजामा ही पहनें।
•    अपने सोने और उठने का वक्‍त तय करें।
•    अपने कमरे में ठंडक, अंधेरा और शांति रखें।
•    सुबह बहुत जल्‍द उठने का प्रयास न करें।
•    कैफीन, अल्‍कोहल और धूम्रपान का सेवन न करें।
•    मसालेदार भोजन खाने से बचें

इलाज

अगर इन उपायों से आपको कोई फायदा न हो तो, किसी डॉक्‍टर से संपर्क करें। इन पस्थितियों में कुछ डॉक्‍टर नींद की दवा लेने की सलाह देते हैं तो कुछ ऐसा नहीं करते। अगर मेनोपोज के लक्षण ज्‍यादा ही गंभीर हो जाएं तो कुछ डॉक्‍टर हॉर्मोन रिप्‍लेसमेंट थेरेपी करने की भी सलाह दे सकते हैं। इससे हॉट फ्लैश और अनिद्रा की समस्‍या को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही डॉक्‍टर कुछ दवायें भी दे सकते हैं, जिससे मेनोपोज के लक्षणों को कम किया जा सके।

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