लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से महिलाओं को मिल सकता है एंडोमेट्रियोसिस संबंधी परेशानी में आराम

अगर आप एंडोमेट्रियोसिस डिसऑर्डर से बहुत परेशान हैं और अब इसे ठीक करना चाहती हैं तो आपको कुछ लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है।
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लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से महिलाओं को मिल सकता है एंडोमेट्रियोसिस संबंधी परेशानी में आराम

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) डिसऑर्डर में टिश्यू आम तौर पर आपके यूटरस से बाहर बनता है। यह टिश्यू ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और आंतों में बन सकता है। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) में आपको पेल्विक पेन होता है। जब आपको पेल्विक दर्द होता है तो आप वर्कआउट नहीं कर पातीं। लेकिन बाइक या अन्य प्रकार के तेज व्यायाम करती हैं, तो आपके शरीर में हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है। जिससे आपके पीरियड्स कम या हल्के होते हैं। जबकि एरोबिक वर्कआउट आपके शरीर को अधिक एंडोर्फिन, रसायन बनाने में मदद करते हैं, जो आपको दर्द के प्रति कम संवेदनशील बनाते हैं। इसलिए आपको वॉकिंग या हल्की फुल्की एक्सरसाइज करने की आदत डाल लेनी चाहिए। सीधी सी बात है लाइफस्टाइल में बदलाव से जैसे कि आप क्या खा रही हैं, क्या कसरत कर रही हैं और कितनी कसरत कर रही हैं आपका एस्ट्रोजन लेवल मासिक धर्म, फाइब्रॉएड और रजोनिवृत्ति के लक्षणों की स्थितियों को प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) में आपको निम्न स्टेप्स फॉलो करने चाहिए।

अधिक हरी सब्जियां खाएं

अगर आपको अच्छा फील करना है तो अधिक से अधिक हरे फल और सब्जियां खाएं। जो महिलाएं ज्यादा सब्जियां खाती हैं उन्हें यह समस्या बहुत कम होती है। इसके अलावा हेल्दी फैट जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड भी अपनी डाइट में शामिल करें। यह सब आपको साल्मन, टूना, अखरोट खाने से मिलेंगे। रेड मीट न खाएं। इससे एस्ट्रोजन लेवल भी बढ़ेगा जिससे एंडोमेट्रियोसिस परेशानी बढ़ेगी।

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शराब न पिएं

अगर आप बहुत दिनों में एक दो गिलास वाइन पीती हैं तो यह नुकसान दायक नहीं है लेकिन अगर आप हर रोज बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करती हैं तो इससे आपको इस बीमारी का रिस्क और बढ़ता है। शराब पीने से आपके लक्षण और अधिक बढ़ जायेंगे। इसलिए शराब का सेवन कम से कम करें।

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अपने आप को थोड़ा गर्मी दें

अगर आप दर्द को थोड़ा कम करना चाहते हैं तो इसके लिए एक हॉट वॉटर बैग को अपने पेट पर रख सकती हैं। तापमान को ज्यादा भी गर्म न रखें नहीं तो आप खुद को जला लेंगी।इसके अलावा हल्के गर्म से सिकाई करें। हलका गर्म शॉवर या बाथ टब में नहाएं। टब में नहाना भी आपको आराम और (डी-तनाव) यानी स्ट्रेस रिलीज़ में मदद कर सकता है।

थोड़ा सा चिल करें

अगर आप दर्द के बारे में ही सोचती रहेंगी तो वह आपको और परेशान करेगा इसलिए आप को थोड़ा सा स्ट्रेस कम लेने की जरूरत है। खुद को थोड़ा रिलेक्स करें। इसके लिए डीप ब्रिदिंग ट्राई कर सकते हैं। इसके साथ साथ मेडिटेशन और योग भी करें। अगर आप चाहें तो किसी थेरेपिस्ट के पास भी जा सकती हैं जो आपको रिलैक्स होने के अलग अलग तरीके बताएंगे।

मसाज लें

अगर आप एक मसाज लेती हैं तो इससे आपकी दुखती हुई मसल्स में आराम मिलेगा, आप रिलैक्स रहेंगी और आपके दिमाग से टेंशन भी कम होगी। एक स्टडी के मुताबिक उन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान कम दर्द होता है जो नियमित रूप से मसाज लेती है। बस पेट की मसाज न लें क्योंकि इससे आपके लक्षण और भी अधिक गंभीर हो सकते हैं।

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एक्यूपंक्चर का प्रयोग करें

इसमें बहुत ही छोटी सुइयों का प्रयोग करके आपके शरीर के किसी भाग पर प्रेशर दिया जाता है। इससे आपका रक्त प्रवाह बेहतर होता है और ऐसे केमिकल्स निकलते हैं जो दर्द को खत्म कर सकें। यह एक सुरक्षित तकनीक है और इसके बहुत ही कम साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। इसलिए आप दर्द से मुक्ति पाने के लिए इसको ट्राई कर सकती हैं।

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कैफीन का सेवन कम करें

अगर आप अधिक सोडा और कैफीन का सेवन करती हैं तो यह भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक है और इससे आपका दर्द भी बढ़ सकता है। लेकिन अगर आप सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन करती हैं तो इससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। कैफीन के साथ साथ आपको अधिक कोल्ड ड्रिंक और सोडा भी ज्यादा नहीं पीना चाहिए नहीं तो इससे आपका दर्द और ज्यादा ट्रिगर हो सकता है। इसलिए इनका सेवन केवल सीमित मात्रा में ही करें।

अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल नियंत्रित करनी होगी और ऊपर लिखित बदलावों को अपनी एक आदत बनाना होगा लेकिन अगर इन सभी बदलावों के करने के बाद भी आपको दर्द यूं ही हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उनसे सुझाव लेना चाहिए।

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