इंटरमिटेंट फास्टिंग: डायटिशियन से जानें ईटिंग पैटर्न से जुड़ी मुख्य बातें

जो लोग सोचते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग एक विशेष डाइट होती है वह गलत है। यह एक तरह का ईटिंग पैटर्न है, जिसके बारे में विस्तार से जानें...
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इंटरमिटेंट फास्टिंग: डायटिशियन से जानें ईटिंग पैटर्न से जुड़ी मुख्य बातें

वजन घटाने के लिए हम न जानें कितने जतन करते हैं। कुछ लोग सुबह उठकर गर्म पानी पीते हैं तो कुछ इतने हेल्थ कॉन्शियस होते हैं कि रात का खाना ही स्किप कर देते हैं। ऐसे में इन दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग को भी काफी पसंद किया जा रहा है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को कमजोरी भी महसूस नहीं होती है। सामान्य भाषा में इसे ये फास्ट ही है लेकिन इसे खाने के लिए एक निश्चित समय तय करना होता है। इसके लिए डाइट चार्ट भी बनाया जाता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में कुछ मुख्य बातों से रूबरू कराएंगे।  पढ़ते हैं आगे...

 intermittent fasting

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमीटेंट फास्टिंग को 16:8 डाइट भी कहा जाता है। इसके माध्यम से आप थोड़े से समय में अपना ज्यादा वजन घटा सकते हैं। इसमें लोगों के 8 घंटे खाने के लिए तय किए जाते हैं। खास बात यह होती है कि लोग ओवर ईटिंग करने की बजाय कम मात्रा में आहार लेते हैं। जिससे वे खुद को कैलोरी फ्री भी रख सकें। चाय की जगह कॉफी या ग्रीन कॉफी ब्रेकफास्ट में ली जाती है क्योंकि कॉफी में कम कैलोरी होती है। साथ ही यह मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने का काम भी करती है। नारियल पानी से शरीर में पानी की मात्रा को सामान्य रखा जा सकता है। साथ ही डाइट में कम कैलोरी वाले फूड शामिल किए जाते हैं। एक्सपर्ट्स उबले हुए खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं।

व्यायाम भी है जरूरी

जो लोग यह सोचते हैं कि इस फास्टिंग के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए वे भी गलत हैं। वजन कम करने के लिए अगर आप डाइट को कंट्रोल कर रहे हैं तो एक्सरसाइज करनी भी बेहद जरूरी है। इससे आप तेजी से अपना वजन कम कर पाएंगे। ऐसे में आप आधे घंटे के लिए लाइट एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में जोड़ सकते हैं।

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मेटाबॉलिक रेट फास्टिंग के द्वारा कम हो जाती है?

कहते हैं कि फास्टिंग से एक व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म या बायोकेमिकल प्रोसेस धीरे काम करना शुरू कर देता है। लेकिन यह बात सच नहीं है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फास्टिंग के साथ ब्लड शुगर का लेवल और हार्मोन ग्रोथ 5 गुना बढ़ जाता है, जिससे फैट बर्निंग प्रोसेस के बढ़ने के चांसेस भी होते हैं।

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इस फास्टिंग के दौरान हैवी ब्रेकफास्ट करना जरूरी है या नहीं?

नाश्ते में अगर आप ज्यादा हेवी ब्रेकफास्ट का सेवन करते हैं तो शरीर में फैट जमा होने लगता है इसीलिए एक्सपर्ट स्लो कार्ब्स के साथ प्रोटीन और हेल्दी फैट वाला खाना खाने की सलाह देते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग तोड़ने के बाद सब कुछ खा सकते हैं?

नहीं, अगर आप दिन में कुछ नहीं खा रहे हैं तो एक साथ बहुत सारा आहार लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका वजन कम हो तो आपको इस बात का ख्याल रखना होगा कि आप कितना खाना खा रहे हैं। क्योंकि अगर आप मेंटिनेंस कैलोरी का सेवन ज्यादा करेंगे तो आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। वहीं अगर आप इसका कम सेवन करेंगे तो वजन कम भी हो सकता है। कम कैलोरी लेते वक्त फूड क्वालिटी का विशेष ध्यान रखें। इसका सकारात्मक या नकारात्मक असर सीधे आपकी सेहत पर पड़ सकता है। इस फास्टिंग के दौरान हेल्दी और पोषण से भरपूर फल फूड खाना जरूरी है। इसके अलावा जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड को अपनी डाइट से निकालें और खुद को हाइड्रेटेड रखें। कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान बाहरी भोजन को अपनी डाइट में शामिल कर लेते हैं। पर ऐसा करना गलत है। एक्सपर्ट बाहर के खाने को अवॉइड करने की सलाह देते हैं। अगर आप बाहर की चीजें इस फास्टिंग के दौरान लेते हैं तो डायटिशियन की सलाह जरूर लें। वरना हो सकता है कि इस फास्टिंग का आपको आपके मन मुताबिक परिणाम ना मिले।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सभी के परिणाम एक जैसे होते हैं?

हर कोई इंटरमिटेंट फास्टिंग को अलग अलग तरीके से करता है। भारत में लोकप्रिय तरीका 16 घंटे बाद भोजन करना है। यानि बचे आठ घंटों में लोग हल्का फुल्का आहार लेते हैं। एक तरीका 5: 2 भी है, जिसमें आप 5 दिनों के लिए सब कुछ खाते हैं लेकिन 2 दिन सिर्फ 500 कैलोरी का सेवन करते हैं। इस कारण लोगों को अलग-अलग रिजल्ट मिलते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट दोनों तारीख को अपनाने वाले लोगों को नारियल पीने की सलाह देते हैं। क्योंकि अन्य की तुलना में आपको इंस्टेंट एनर्जी देता है और कीटोन में खुद-ब-खुद परिवर्तित हो जाता है। साथ ही ये शरीर में फैट को जमा नहीं होने देता। ऐसे में इस फास्टिंग के नारियल पानी हर तरीके से फायदेमंद है।

कुछ जरूरी बातें

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग को हर देश में अलग-अलग तरीकों से अपनाया जाता है। भारत में इसका तरीका 16:8 है। वहीं अब लोग 52 के तरीकों को भी पसंद कर रहे हैं।
  • कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग केवल वजन कम करने के लिए नहीं रखते। बल्कि खुद को डिटॉक्स करने के लिए भी डाइटिशियन की सलाह पर इस फास्टिंग को करते हैं।
  • जो लोग यह सोचते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग में ब्रेकफास्ट हैवी होता है वह गलत है। क्योंकि डाइटिशियन लॉ कार्ब को डाइट में जोड़ने की जगह देते हैं।
  • अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कमजोरी महसूस होती है तो एक्सपर्ट की राय जरूर लें। 
  • कुछ लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए डाइट चार्ट खुद प्लान कर लेते हैं। ऐसे में वे जरूरी मिनरल्स को अपनी डाइट से निकाल देते हैं। आप ऐसी भूल ना करें। अपने डाइट चार्ट को डाइटिशियन की देखरेख में ही तैयार करें।
  • अपनी दिनचर्या में हैवी व्यायाम को कुछ समय के लिए ब्रेक दें और लाइट एक्सरसाइज से खुद को फिट रखने की कोशिश करें।
  • आप फास्टिंग के लिए तैयार हैं या नहीं इसका फैसला खुद ना करें बल्कि एक्सपर्ट से मिलने और उनकी सलाह पर ही इस फास्टिंग को अपनाएं।
  • डाइटिशियन ने आपकी डाइट चार्ट में कोई ऐसी चीज जोड़ी है, जिससे आपको एलर्जी है तो एक्सपर्ट को तुरंत बताएं, जिससे वह उसकी जगह पर किसी अन्य पोषक तत्वों को शामिल कर सके। 

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(ये लेख आकाशहेल्थ केयर के न्यूट्रीशनिस्ट अनुजा गौर से बातचीत पर आधारित है।)

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