ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर का खतरा सिर्फ महिलाओं को होता है लेकिन ऐसा नहीं है। पुरुषों को भी इस बीमारी का खतरा होता है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में इसके रोगियों की संख्या पुरुषों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। स्तन कैंसर हार्मोनल या अनुवांशिक कारणों से होता है। वैसे तो स्तन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप धूम्रपान या मादक पदार्थो का सेवन करती हैं तो भी आपमें कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
स्तन कैंसर के अलावा स्तन में गांठ यानि ब्रेस्ट सिस्ट को कई बार स्तन कैंसर मान लिया जाता है क्योंकि इन दोनों के लक्षण लगभग एक से ही हैं। लेकिन ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट सिस्ट में काफी अंतर होता है। आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो अंतर।
स्तन कैंसर क्या है
स्तन कैंसर होने पर भी स्तन में गांठ हो जाती है और ये गांठ स्तन कैंसर का प्रमुख लक्षण है इसलिए कई बार स्तन की सामान्य गांठ को भी लोग स्तन कैंसर समझ लेते हैं। लेकिन स्तन कैंसर, असामान्य कोशिकाओं की एक प्रकार की अनियंत्रित वृद्धि है जो स्तन के किसी भी हिस्से में पनप सकता है यह निप्पल में दूध ले जाने वाले डक्ट्स (नलियों), दूध उत्पन्न करने वाले छोटे कोशों और ग्रंथिहीन ऊतकों में भी हो सकता है। यदि कोई महिला ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराती और उसके निपल से दूध का रिसाव हो रहा है, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है। दूध के अलावा खून या पानी का रिसाव होना भी खतरनाक है। ऐसे में निपल के आकार में बदलाव भी हो सकता है और महिला का कोई एक निपल अंदर की तरफ मुड़ सकता है।
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स्तन कैंसर के लक्षण
यदि आपको ब्रेस्ट या निपल को शीशे में देखने पर आकार में अंतर महसूस हो रहा है, तो यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में स्तन पर एक साइड सूजन या चकत्ते भी पड़ जाते हैं। निपल पर परत या पपड़ी बनने के साथ ही त्वचा के रंग में बदलाव भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है।
स्तन की गांठ क्या है
आमतौर पर लड़िकयों के स्तनों में बदलाव मासिक धर्म शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाता है जो जीवन पर्यंत चलता रहता है। कई बार स्तनों में दर्द की समस्या भी होती है। स्तनों में होने वाले ज्यादातर बदलाव पीरियड्स के दौरान, प्रेगनेंसी के दौरान या पीरियड्स बंद होने के दौरान होते हैं। कई बार कुछ कारणों से स्तनों में गांठ हो जाती है। चूंकि स्तन का प्रमुख लक्षण भी स्तनों में गांठ है इसलिए ज्यादातर लड़कियां हर तरह की गांठ को स्तन कैंसर मान लेती हैं और घबरा जाती हैं। जबकि कई बार ये गांठ सामान्य हो सकती है और दवाओं द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है। लड़कियों में हार्मोन्स में बदलाव के कारण कई बार डक्ट्स बढ़ जाते हैं और ब्रेस्ट टिशूज में फैट बढ़ने के कारण ये गांठ में बदल जाते हैं।
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ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट सिस्ट में अंतर
- ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट टिशू के कैंसर से प्रभावित होने के कारण होता है जबकि ब्रेस्ट सिस्ट या ब्रेस्ट लंप्स ब्रेस्ट टिशू में किसी परिवर्तन होने के कारण होता है, जो आमतौर पर कैंसर की वजह से नहीं होता है।
- ब्रेस्ट में गांठ ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इसके बाद जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता जाता है लक्षण भी बदलते जाते हैं जैसे- स्तनों से सफेद पानी, दूध या खून निकलना, वजन तेजी से कम होना, निप्पलों का अंदर धंस जाना और सांस लेने में परेशानी होना।
- ब्रेस्ट सिस्ट के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं- ब्रेस्ट में गांठ होना, ब्रेस्ट यानि स्तनों में दर्द होना, इंफेक्शन के कारण ब्रेस्ट का लाल हो जाना या ब्रेस्ट का गर्म महसूस होना, ब्रेस्ट में सूजन, पूरे शरीर में दर्द होना, थकान, बुखार आदि।
- ब्रेस्ट कैंसर को आमतौर पर सर्जरी के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है जबकि ब्रेस्ट सिस्ट यानि स्तनों की गांठ को दवाओं के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है। कई बार इसके लिए भी सर्जरी की जरूरत पड़ती है मगर वो सामान्य सर्जरी होती है।
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