जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है ठीक उसी तरह सोने के पैटर्न में भी बदलाव आता है। बढ़ती उम्र में आपको नींद आने में दिक्कत के साथ ही सोने से संबंधित कई अन्य तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। 60 साल की उम्र के बाद यदि रात को नींद लेने के बाद भी आप दिनभर थका हुआ महसूस करते सकते हैं और आपका शरीर छोटी नैप की डिमांड करता है तो ये कोई नई बात नहीं है। अगर उम्र बढ़ने के साथ ही आप भी ऐसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ आपके साथ ही हो रहा है। रिसर्च बताती है कि 65 साल की उम्र से अधिक के पुरुष और महिलाएं अक्सर ऐसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। आज इस लेख में हम आपको ऐसे कारणो के बारे में बता रहे हैं जो बढ़ती उम्र में नींद में बाधा डालते हैं।
दर्द की समस्या
अर्थराइटिस, बैक पेन, जीईआरडी और डायबिटीज जैसे बढ़ती उम्र के रोग नींद में बाधा डालने का कारण बनते हैं। रिसर्च बताती है कि इन सभी रोगों में रात के वक्त शरीर में दर्द होता है जो नींद में खलल डालते हैं। बढ़ती उम्र में एक बार नींद खुल जाने पर काफी देर के बाद नींद आती है। वैसे कुछ मामलों में, फिजिकल थैरेपी और सर्जरी बैक पेन से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। हालांकि आप डॉक्टर की सलाह पर इन रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।
न्यूरोलॉजिकल बीमारी
इस तरह की बीमारियों से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में विद्युत संकेतों के साथ समस्याएं होती हैं। पार्किंसंस अक्सर नींद में बाधा डालने का कारण बनता है और अल्जाइमर अनसेलेट्स और कुछ लोगों को उस समय दर्द का एहसास कराता है जब वे गहरी नींद में होते हैं। आपका डॉक्टर इन स्थितियों के लक्षणों का इलाज करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरह की दवाओं का सेवन न करें।
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दवाओं का सेवन
दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, पार्किंसंस और थायरॉयड जैसे रोगों के लिए ली गए दवाएं भी नींद की समस्या का कारण बनती हैं। अक्सर लोगों को पता ही नहीं होता है कि उनकी नींद में बाधा पड़ने का कारण दवाएं हैं। ऐसे में अगर आप भी लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं और आपको नींद न आने की समस्या है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है आपका डॉक्टर आपकी दवाओं को लेने के समय में कुछ बदलाव करें और आपको उसक सकारात्म नतीजा मिले।
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रात में पेशाब करना
यदि यह रात में एक बार से अधिक बार पेशाब करने जाते हैं तो मेडिकल भाषा में इसे नॉकटूरिया कहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही रात में बार बार पेशाब जाना नॉर्मल हो जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि ये समस्या मधुमेह, हृदय की विफलता, संक्रमण, सूजन या अन्य उम्र से संबंधित मूत्राशय की समस्याओं के कारण हो सकती हैं। यह दिन में कैफीन और अल्कोहल से बचने में मदद कर सकता है। ऐसे स्थिति में आपके डॉक्टर आपको कोई ऐसी दवा दे सकते हैं जिससे आप पेशाब करने पहले ही चले जाएंगे। ऐसे में रात के वक्त आपकी नींद में खलल नहीं पड़ेगा।
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