
जब मस्तिष्क की सेरेब्रल नस में रक्त का थक्का जमने लगता है, तो उसे सेरेब्रल वीनस थ्रोम्बोसिस अर्थात सीवीटी कहा जाता है। यह सेरेब्रल नस ही दिमाग से रक्त का स्त्राव बाहर की ओर करती है। अगर इस नस में रक्त का थक्का जमने लगता है तो रक्त बाहर जाने के स्थ
सीवीटी अर्थात सेरेब्रल वीनस थ्रोम्बोसिस बेहद घातक होता है और समय रहते इसका इलाज किया जाना बेहद आवश्यक है। यूं तो रक्त का थक्का शरीर के किसी भी हिस्से में जम सकता है, लेकिन अगर यह दिमाग की नसों में होता है तो स्थिति काफी नाजुक हो जाती है। वैसे तो यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन महिलाओं में इसके होने का खतरा अधिक रहता है।
होते है कई कारण
सरोज सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल के न्यूरोलाॅजी डिपार्टमेंट के एचओडी व सीनियर कंसल्टेंट के डाॅ जयदीप बंसल कहते हैं कि सेरेब्रल वीनस थ्रोम्बोसिस की जद में अधिकतर महिलाएं आती हैं क्योंकि उनमें अपेक्षाकृत अधिक हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर कोई महिला किसी तरह के हार्मोनल पिल्स, कान्टासेप्टिव पिल्स या गर्भनिरोधक दवाईयां ले रही हैं या फिर अगर किसी महिला का अबाॅर्शन या डिलीवरी हुई है तो उसमें यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है। वहीं छोटे बच्चों व नवजात शिशु में निर्जलीकरण व कान का संक्रमण भी सीवीटी की मुख्य वजह बन सकता है। वैसे अगर बात इसके अन्य कारणों की हो तो इसमें निर्जलीकरण व कान, चेहरे या गर्दन का संक्रमण के अतिरिक्त प्रोटीन की कमी, सिर पर चोट, मोटापा, कैंसर व ट्यूमर आदि शामिल हैं। कई बार कुछ रक्त विकार जैसे पॉलीसिथेमिया वेरा और पेरोक्सिस्मल नोटोर्नल हेमोग्लोबिनुरिया भी सीवीटी की वजह बनते हैं।
दस्तक देते हैं लक्षण
चूंकि सीवीटी एक ऐसी समस्या है, जिसमें आपको बाहरी तौर पर चोट दिखाई नहीं देते, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों पर गौर किया जाना बेहद आवश्यक है। सेरेब्रल नस में रक्त का थक्का बनने पर दबाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण मस्तिष्क में सूजन होती है। इसके कारण गंभीर सिरदर्द तो होता है ही, साथ ही दिमाग के जिस हिस्से पर रक्त का थक्का बनता है, उसके लक्षण भी उसी प्रकार दिखाई देते हैं। इसके लक्षणो में मुख्य रूप से धुंधला दिखाई देना, जी मचलाना या उल्टी आना, बोलने में परेशानी, स्टोक, कमजोरी, शरीर का एक हिस्सा सुन्न होना, बेहोश होना शामिल है। वैसे इसके कारण कई बार व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है। इसलिए इसके लक्षणाों को बिल्कुल भी हल्के में न लें।
यूं पहचानें इसे
अगर आपको सीवीटी का कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डाॅक्टर से तुरंत परामर्श लें। इस स्थिति में चिकित्सक दिमाग में रक्त स्त्राव के बारे में जानने के लिए कुछ परीक्षणों करते हैं। रक्त प्रवाह की जांच, रक्त के थक्कों व सूजन का पता लगाने के लिए इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं। इसमें खोपड़ी का एक्स-रे, एमआरआई वेनोग्राम या एमआरवी व सीटी वेनोग्राम तकनीक का सहारा लिया जाता है।
उपचार
सेरेब्रल वीनस थ्रोम्बोसिस का इलाज करते समय पहले स्थिति की गंभीरता का आकलन किया जाता है। प्राथमिक उपचार में मस्तिष्क में रक्त को थक्कों को जमने से रोकने व रक्त को पतला करने के लिए दवाईयों की मदद ली जाती है। साथ ही वेनोग्राम व इमेजिंग टेस्ट के जरिए मस्तिष्क की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मस्तिष्क में कोई भी रक्त का थक्का नहीं बन रहा है। कई बार इसके उपचार के लिए सर्जरी की मदद भी लेते हैं, जिसमें रक्त के थक्कों को हटाने और रक्त वाहिकाओं को ठीक किया जाता है। इस तरह की सर्जरी को थ्रोम्बेक्टोमी कहा जाता है।
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