अक्सर मन में आते हैं कैल्शियम की कमी से जुड़े ये 5 सवाल, तो जान लें इनके जवाब

कैल्शियम की कमी आपकी त्वचा और नाखूनों को भी प्रभावित करती है। इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की कमी के कई और नुकसान भी है। आइए हम आपको बताते हैं कैल्शिम की कमी से जुडे तथ्यों के बारे में।
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अक्सर मन में आते हैं कैल्शियम की कमी से जुड़े ये 5 सवाल, तो जान लें इनके जवाब


कैल्शियम को आमतौर पर सिर्फ बोन हेल्थ से जोड़ा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। हमारे शरीर में करीब 90 % कैल्शियम हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। इसके अलावा कैल्शियम हमारी एक-एक कोशिका के लिए भी जरूरी है, खासकर हमारे नर्व्स, ब्लड, मसल्स और हार्ट के लिए। कैल्शियम हमारी हार्ट बीट को भी रेग्युलेट करता है। शरीर में अगर लंबे समय तक कैल्शियम की कमी बनी रहे, तो इसका दांतों और दिमाग पर असर पड़ सकता है, जिससे मोतियाबिंद और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप कुछ चीजों पर ध्यान दें। यूं तो शुरुआती स्तर पर ही कैल्शियम की कमी के कोई लक्षण सामने नहीं आते। हालांकि हालत बुरी होने के साथ लक्षण भी विकसित होने लगते हैं। ऐसे हम आपको बताते हैं इससे जुड़े कुछ प्रश्न और उनके जवाब, जिसकी मदद से कैल्शियम से जुड़ा आपके मन के सारे भ्रम दूर हो सकते हैं।

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प्रश्न 1- अगर किसी को कैल्शियम की कमी हो जाए, तो इसका क्या असर होगा?

कैल्शियम से सम्बन्धी चुनौती सदियों से चली आ रही है और यह स्थिति आज भी वैसी ही है।  कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक यानी कोई बाहरी सप्लीमेंट लेने से हड्डियां मजबूत और स्वस्थ होती हैं और आस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी के दूर रहने के साथ साथ हड्डियों के टूटने का भी खतरा कम होता है। लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि कैल्शियम के बाहरी सप्लीमेंट लेने से इनके अतिरिक्त प्रभाव होते हैं।

  • इसके अलावा इसके कुछ लक्षण हैं-
  • मांसपेशियों में दिक्कत
  • बहुत ज्यादा थकान
  • नाखून ड्राइ और इतने कमजोर हो सकते हैं कि खुद ब खुद टूटने लगें
  • दांतों में दिक्कत
  • दर्दनाक प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
  • ऑस्टियोपेनिया और ऑस्टियोपोरोसिस

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प्रश्न 2- प्रतिदिन किस मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए ? 

विशेषज्ञों के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति (जिसकी उम्र 19 से 50 वर्ष हो ) उसे दिनभर में लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम लेना चाहिए और 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा लेनी चाहिए। यह मात्रा किसी भी प्रकार के कैल्शियम सा्रेत की हो सकती है जैसे डेयरी उत्पाद ,खाद्य पेय आदि। लेकिन कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि दिन में लगभग 600 मीलिग्राम से 1000 मिली ग्राम ही बहुत है।

प्रश्न 3- अगर मैं कैल्शियम के बाहरी सप्लीमेंट्स पर नहीं निर्भर होना चाहता तो मुझे किस मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए ?

एक स्वस्थ आहार का अर्थ है दिन में 200 से 300 मिलीग्राम कैल्शियम लेना। इसमें फल और सब्ज़ियां होनी चाहिए जैसे बीज, अनाज और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां। साथ ही एक 1 कप दूध से शरीर में 300 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा जुड़ जाती है और एक कटोरी दही से हमें 150 से 200 मिलाग्राम कैल्शियम मिलता है। इसलिए इसे रोज अपने आहार में शामिल करें। साथ ही फल और सब्ज़ियां लेने से शरीर में 600 से 800 मिलीग्राम कैल्शियम की आपूर्ति होती है।स्वास्थ्य चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि कैल्शियम के पूरक कैल्शियम साइट्रेट या कैल्शियम कार्बोनेट से बने होते हैं।कैल्शियम के पूरक जिनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम कार्बोनेट होती है। इन्हें खाने के बाद लेना चाहिए क्योंकि उन्हें पेट में मौजूद एसिड को अवशोषित करने की ज़रूरत होती है। कैल्शियम साइट्रेट पेट में मौजूद एसिड पर निर्भर नहीं होता और इसलिए इसे दिन में किसी भी समय लिया जा सकता है। 

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प्रश्न 4- क्या कैल्शियम लेकर फ्रैक्चर से बचा जा सकता है ?

विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने का अर्थ यह नहीं है कि हमारे रक्त में अधिक मात्रा में कैल्शियम होगा। अगर रक्त में कैल्शियम अधिक मात्रा में नहीं है हड्डियों के रिज़र्पशन से वो सामान्य स्थिति में आ जाती है और ऐसे में हड्डियां और कमज़ोर हो जाती हैं, जिससे कि फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

प्रश्न 5- क्या अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने से गुर्दे की पथरी हो सकती है ?

अधिकतर स्थितियों में ऐसा पाया गया है कि 80 से 85 प्रतिशत स्थितियों में पथरी कैल्शियम से बनी होती है। लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल आहार के माध्यम से अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने से गुर्दे की पथरी का खतरा कम हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैल्शियम से आक्ज़लेट का अवशोषण कम हो जाता है। आक्ज़लेट वो अणु है, जो कैल्शियम से जुड़कर गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है। दूसरे कई शोधों से भी ऐसा ही पता चला है कि हम सभी आहार के पोषण मूल्यों को दवाओं और सप्लीमेंट्स की तुलना में आहार से कहीं आसानी से ले सकते हैं। 

अंततः यह ना केवल मानी हुई बात है कि जिन सब्ज़ियों में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है जैसे पालक, आंवला, बोनी मछली, सहजन उन्हें अधिक मात्रा में लेने से शरीर में कैल्शियम की कम नहीं रहती।

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