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किडनी डोनेशन कैसे होता है? जानें किडनी डोनेशन से जुड़ी जरूरी बातें और सावधानियां

Kidney Donation in Hindi: किडनी डोनेशन कर आप किसी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं, जानें किडनी डोनेशन कैसे होता है?
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किडनी डोनेशन कैसे होता है? जानें किडनी डोनेशन से जुड़ी जरूरी बातें और सावधानियां

Kidney Donation in Hindi: किडनी शरीर का एक ऐसा अंग है, जो इंसान को स्वस्थ रहने और जिंदा रहने के लिए बहुत जरूरी है। असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण हमारी किडनियां खराब हो जाती हैं। किडनी फेलियर होने या किडनी खराब होने के कारण इंसान की मौत भी हो जाती है। आज के समय में चिकित्सा विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है, कि कई गंभीर बीमारियों या समस्याओं में डॉक्टर मरीज के अंग को बदल कर उसकी जान बचा लेते हैं। हमारे शरीर में 2 किडनियां होती हैं, इनमें से एक किडनी अगर खराब हो जाए या निकाल दी जाए तो भी इंसान जिंदा रहता है। किसी भी मरीज की दोनों किडनियां खराब होने पर उसे किसी दूसरे व्यक्ति की किडनी लगाई जाती है। इस प्रक्रिया को किडनी ट्रांसप्लांट कहते हैं। आज इस लेख में हम जानेंगे कि किडनी डोनेशन कैसे होता है? कौन से लोग किडनी डोनेट कर सकते हैं और इस प्रक्रिया में किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?- What Is Kidney Transplant?

किडनी ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर मरीज की दोनों किडनियों के खराब होने पर दूसरे व्यक्ति की किडनी उसे लगाते हैं। मरीज की उम्र बढ़ाने के लिए और शरीर को सही ढंग से काम करने के लिए किडनी सही होना जरूरी है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉ. समी कहते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है और हमेशा इसे एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।

Kidney Donation Procedure in Hindi

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किडनी डोनेशन कैसे होता है?- Kidney Donation Procedure in Hindi

किसी भी मरीज की दोनों या एक किडनी खराब होने पर उसे किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। इसके लिए किसी स्वस्थ व्यक्ति के किडनी की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के लिए लोग स्वेच्छा से अपनी किडनी डोनेट करते हैं। कई लोग मौत के बाद अपने शरीर के सभी अंगों को दान कर देते हैं, इसमें किडनी डोनेशन भी शामिल होता है। इसके अलावा किसी भी सगे संबंधी या अपने को किडनी की जरूरत पड़ने पर परिवार के लोग अपनी किडनियां दान करते हैं। किसी भी व्यक्ति की किडनी डोनेशन के लिए दोनों में से कोई एक किडनी ली जा सकती है। डॉक्टर्स पूरी तरह से शरीर की जांच करने के बाद डोनेशन के लिए किडनी निकालते हैं। डोनेशन से पहले मरीज की जांच के लिए किडनी के स्प्लिट फंक्शन का आकलन रेनोग्राम टेस्ट किया जाता है। जांच में सब कुछ सही होने के बाद व्यक्ति अपनी किडनी डोनेट कर सकता है।

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किडनी डोनेशन में कितना समय लगता है?- Kidney Donation Procedure Time in Hindi

किडनी डोनेशन की पूरी प्रक्रिया संपन्न होने में हर डोनर को अलग-अलग समय लग सकता है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर 2 से 3 हफ्ते का समय लगता है। सबसे पहले किडनी डोनेशन करने वाले व्यक्ति की पूरी जांच होती है और इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत दस्तावेजों को तैयार किया जाता है और उसके बाद सब कुछ सही होने पर सर्जरी के माध्यम से डॉक्टर किडनी को निकालते हैं। किडनी डोनेशन की प्रक्रिया में किडनी को मिनिमली इनवेसिव मेथड से निकलते हैं, इसलिए इस पूरी प्रक्रिया में मरीज को दर्द कम होता है। सर्जरी के बाद डोनर को लगभग 4 से 5 दिन तक अस्पताल में रखा जा सकता है, उसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाता है।  

किडनी डोनेशन के बाद सावधानियां- Precautions to Take After Kidney Donation in Hindi

किडनी डोनेट करने के बाद इंसान को कुछ दिनों तक विशेष सावधानियों का ध्यान रखने की जरूरत है। व्यक्ति को नियमित रूप से अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और हर महीने जांच जरूर करानी चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी या समस्या होने पर व्यक्ति को ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा हेल्दी डाइट और पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए। किडनी डोनेशन के बाद किसी भी तरह की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com) 

 

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