पॉकेट पर्स को लोग अक्सर अपने पीछे वाले पॉकेट में ही रखते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो आपको अपनी ये आदत अभी से बदल देनी चाहिए। दरअसल पर्स में लोग नोट के अलावा ढेर सारे कार्ड्स, सिक्के और कई बार पहचान पत्र आदि रखते हैं जिनके कारण पर्स काफी मोटा हो जाता है। ऐसे में जब आप बैक पॉकेट में पर्स रखे हुए कहीं बैठते हैं, तो इससे आपके लोअर बॉडी का बैलेंस बिगड़ जाता है। इसलिए पीछे की पॉकेट में पर्स रखने से आपको कई तरह की शारिरिक परेशानियां हो सकती हैं।
इसके अलावा इस तरह बैठने से कुछ विशेष नसें दब जाती हैं जो आपके लिए कई तरह की शारीरिक समस्याएं पैदा कर सकती हैं। पीछे की बजाय पर्स आपको हमेशा आगे की जेब में रखना चाहिए। आइये आपको बताते हैं कि पीछे की पॉकेट में पर्स रखने से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं।
हो सकता है साइटिका रोग
जब आप पर्स को पिछली जेब में रखकर बैठते हैं, तो इससे कमर पर दबाव पड़ता है। चूंकि कमर से ही कूल्हे की साइटिका नस गुजरती है इसलिए इस दबाव के कारण आपके कूल्हे और कमर में दर्द हो सकता है। इससे आपके हिप ज्वाइंट्स में मौजूद पिरिफॉर्म मसल्स पर भी दबाव पड़ता है। जब आप लगातार कई घंटे पीछे की पॉकेट में मोटा पर्स रखकर बैठते हैं, तो मोटा ये नसें पर्स और हिप के बीच में दब जाती है और फिर दर्द का कारण बनती हैं।
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रुक सकता है ब्लड सर्कुलेशन
हमारे शरीर में नसों का जाल है जो एक अंग से दूसरे अंग को जोड़ती हैं। कई नसें ऐसी भी होती हैं जो दिल की धमनियों से होते हुए कमर और फिर कूल्हे के रास्ते से पैरों तक पहुंचती हैं। पीछे की पॉकेट में पर्स रखकर लगातार बैठने से इन नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे कई बार खून का प्रवाह रुक जाता है। ऐसी स्थिति लंबे समय तक बने रहने से नसों में सूजन भी बढ़ सकती है।
खराब हो सकती है रीढ़ की हड्डी
बैक पॉकेट में वॉलेट होने की वजह से शरीर का बैलेंस ठीक नहीं बनता है और व्यक्ति सीधा नहीं बैठ पाता है। इस कारण ऐसे बैठने से रीढ़ की हड्डी भी झुकती है। इस वजह से स्पाइनल जॉइंट्स, मसल्स और डिस्क आदि में दर्द होता है। ये ठीक से काम नहीं करते हैं। इतना ही नहीं ये धीरे-धीरे इन्हें डैमेज भी करने लगते हैं।
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बढ़ जाता है फोर्मिस सिंड्रोम का खतरा
पैंट की पिछले पॉकेट में पर्स रखने से पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नाम की बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में मरीज को असहनीय दर्द होता है। पर्स के साथ घंटों बैठे रहने से पायरी फोर्मिस मसल्स दब जाती और पैरों में तेज दर्द होने लगता है। युवा इस बीमारी का अधिक शिकार हो रहे है। यदि आप भी ऐसी गलती कर रहे है तो समय रहते अपनी आदत बदल लें। पायरी फोर्मिस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है। इस बीमारी के सबसे अधिक मरीजों की संख्या उन लोगों की है जो घंटों तक बैठने का काम करते है।
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