डिप्रेशन के शिकार हुए कॉमेडियन कपिल शर्मा, जानें क्‍या है बड़ा कारण

कपिल शर्मा अपनी निजी जिंदगी की कुछ समस्‍या को लेकर काफी स्‍ट्रेस हैं। दुनिया को हंसाने वाले कपिल शर्मा आखिर क्‍यों दुखी हैं, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है, शायद इसकी वजह आप भी जानना चाह रहे होंगे। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उनके डिप्रेशन की वजह क्‍या है, और इससे कैसे निजात पाया जा सकता है।
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डिप्रेशन के शिकार हुए कॉमेडियन कपिल शर्मा, जानें क्‍या है बड़ा कारण


इंडियन टेलीविजन के कॉमेडी किंग कपिल शर्मा इन डिप्रेशन यानी अवसाद से घिर गए हैं। करोंड़ों लोगों के चेहरे पर खुशी लाने वाले कपिल इन दिन खुद काफी दुखी चल रहे हैं, इसका कारण उनकी रील लाइफ नहीं बल्कि रियल लाइफ है। जी हां, कपिल शर्मा अपनी निजी जिंदगी की कुछ समस्‍या को लेकर काफी स्‍ट्रेस हैं। दुनिया को हंसाने वाले कपिल शर्मा आखिर क्‍यों दुखी हैं, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है, शायद इसकी वजह आप भी जानना चाह रहे होंगे। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उनके डिप्रेशन की वजह क्‍या है, और इससे कैसे निजात पाया जा सकता है।

कपिल के डिप्रेशन की वजह

जाने मानें अखबार, मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉमेडियन कृष्‍णा अभिषेक, कपिल की इस हालत के लिए काफी बुरा फील कर रहे हैं और उनका मानना है कि कपिल की फिल्म 'फिरंगी' के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाने की वजह से उनकी मानसिक स्थिति पर असर हुआ है। हालांकि, कृष्णा ने इस बात का भी खुलासा किया कि वह एल्कोहल लेते हैं और मानते हैं कि उन्हें अब ट्वीट करना बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही कृष्णा मानते हैं कि डिप्रेशन से जूझ रहे इंसान को इस तरह से परेशान करना और उनके बारे में गलत लिखना सही नहीं है। बता दें, इस मामले में कपिल ने अनकी एक्स गर्लफ्रेंड प्रीति सीमोन को भी शामिल किया। दरअसल, कपिल ने प्रीति और उनकी बहन नीति सिमोन के साथ-साथ एक जर्नलिस्ट के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज की है।  

वहीं प्रीति का साथ देते हुए कृष्णा ने कहा कि, प्रीति ने कभी कपिल के खिलाफ कुछ नहीं कहा। यहां तक कि उन्होंने मुझे मेरे शो ड्रामा कंपनी के वक्त भी कभी कपिल से जुड़े जोक्स नहीं करने दिए। वह मुझे हमेशा ऐसा करने से रोकती थीं। वह भी यही चाहती है कि कपिल को अच्छे से अच्छा ट्रीटमेंट मिले और वह एक बार फिर से अपनी जिंदगी सही तरीके से जी सकें।

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अवसाद के कारण और लक्षण

अवसाद रोग का कोई एक ज्ञात कारण नहीं है। फिर भी अवसाद के कारणों में आनुवंशिकता, बायोकेमिकल, वातावरण और मनोवैज्ञानिक संबंधी मिश्रित घटकों का समावेश होता है। अनेक शोधों के अनुसार अवसाद से संबंधित बीमारियां मस्तिष्क के विकार हैं। किसी भी काम में मन न लगना।ज़िन्दगी के लिए एक उलझा हुआ नज़रिया होना। बिना कारण वज़न का बढ़ना या कम होना। खान पान की आदतों में बदलाव करना। आत्महत्या के उपाय करना और आत्महत्या के बारे में सोचना। मन की एकाग्रता खोना, मन का एकाग्र न हो पाना आदि अवसाद के लक्षण होता है। परिवार में यदि किसी को अवसाद के लक्षण दो सप्ताह तक दिखाई दें, तो बिना देरी के मनोचित्सक या मनोवैज्ञानिक या दोनो की सलाह लेनी चाहिये।

डिप्रेशन से कैसे पाएं छुटकारा

  • खुद को दिनभर हल्के फुल्के कार्यों में या व्यायाम में व्यस्त रखें। ऐसे कार्य करें, जिसमें आपका मनोरंजन हो और आपको खुशी मिले जैसे कि फिल्म देखना, बॉल गेम खेलना। अपनी रूचि के अनुसार सामाजिक, धार्मिक या अन्य कार्यकमों में हिस्सा लें।
  • अवसाद का एक कारण सही वक्त पर लक्ष्य पूरे न होना भी होता है। इससे बचने के लिए यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। बड़े बड़े कार्यों को छोटे छोटे हिस्सों में बांटे, कुछ काम की प्राथमिकताएं निर्धारित करें और ऐसा कार्य करें, जिसे संपन्न करने की आपमें पूर्ण क्षमता हो।
  • अन्य लोगों के साथ समय बिताएं और किसी भरोसेमंद मित्र या रिश्तेदार के साथ अपनी गुप्त बातों को बताएं। अपने आपको सबसे अलग थलग करने की कोशिश न करें और दूसरों को आपकी मदद करने दें।
  • इस बात की उम्मीद रखें कि आपकी मनोदशा धीरे धीरे सुधरेगी। शीघ्रता से सुधरने की आशा न रखें। अपने अवसाद से एक झटके में बाहर आने के चमत्कार की अपेक्षा न करें। अक्सर ऐसा पाया जाता है कि इलाज के दौरान मनोदशा में खास बदलाव आने से पहले मरीज की नींद और भोजन करने की इच्छा में सुधार आता है।
  • अवसाद की स्थिति में अक्सर लोग महत्वपूर्ण निर्णयों में गलती कर देते हैं। जैसे कि शादी या तलाक से संबंधित निर्णय, ब्रेकअप के निर्णय या फिर नौकरी बदलना। निर्णय लेने में थोड़ा वक्त लें। पहले अवसाद से बाहर निकलें। अपने निर्णयों को अपने उन शुभचिंतकों के साथ बाटें, जो आपको भलीभांति जानते हों और आपकी स्थिति का सही आकलन करें।
  • इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि इलाज के दौरान जैसे जैसे आपकी स्थिति में सुधार होने लगेगा, वैसे वैसे आपके मन में नकारात्मक विचारों के स्थान पर सकारात्मक विचार आने लगेंगे।

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