डिप्रेशन एक ऐसा रोग है जिसे लोग सिर्फ सुस्ती और उदासी समझ लेते हैं। जबकि यह इतना गंभीर रोग है कि इसका प्रभाव डिप्रेशन होने के कई समय और बाद में भी दिखाई देता है। दरअसल, कनाडाई पॉप स्टार जस्टिन बीबर पिछले कुछ समय से डिप्रेशन नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके लिए वह ट्रीटमेंट भी ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि डिप्रेशन के दौरान वह काफी अकेलापन और तन्हा महसूस कर रहे हैं। जस्टिन बीबर ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक पुरानी फोटो को शेयर करते हुए लिखा है कि जब से उन्हें डिप्रेशन हुआ है वह काफी संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि वह जिस चीज से गुजर रहे हैं उस बारे में अपने फैन्स को अपडेट करना चाहते हैं। जस्टिन ने कहा कि वह काफी अलग-थलग और अजीब महसूस कर रहे हैं। वह सिर्फ इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि मैं हमेशा फिर से सफल शुरुआत करता रहा हूं इसलिए मैं चिंतित नहीं हूं। बस मैं चाहता हूं कि आप लोग मेरे लिए प्रार्थना करो। भगवान हमेशा भरोसेमंद रहे हैं और आपकी प्रार्थना वास्तव में काम करती है।
जस्टिन बीबर ने पिछले दिनों में दिए एक इंटरव्यू में इस बात को साफ कर दिया था कि उनके डिप्रेशन की वजह शादी बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी हैली बहुत समझदार है जबकि वह थोड़े इमोशनल हैं। उन्होंने कहा कि 13 साल की उम्र में मिले नेम और फेम की वजह से वह खुद को अच्छी तरह से समझ नहीं पाए। जितना नतीजा यह है। उन्होंने कहा कि म्यूजिक में बिजी होने के कारण वह भूल गए थे कि वह कौन हैं, क्या चाहता हैं और आगे क्या और कैसे करना है।
डिप्रेशन में कैसे रहें खुश
डिप्रेशन कोई दुख अवस्था नहीं, बल्कि खुद एक दुख है। किसी फ्लू या बुखार की तरह ये कहीं से भी और कभी भी बाहर आ सकता है, और आपको जकड़ सकता है। हालांकि इस बात को सोचने का एक और तरीका है, समझ लें कि आपका दोस्त डिप्रेशन के साथ एक अपमानजनक रिश्ते में फंसा है और आप उसकी निम्न स्थितियों को समझ सकते हैं। डिप्रेशन ने आपके दोस्त के सामाजिक जीवन को अपंग कर दिया है और उसके दोस्तों से उसे दूर कर दिया है। अब वो उसके जीवन में सब कुछ अधिक तनावपूर्ण बना रहा है, वो अब खुद को शक की निगाह से देखने लगा है, और सब कुछ मुश्किल हो गया है। डिप्रेशन ने आपके दोस्त को हस हद तक पहुंचा दिया है जहां उसके लिये सब कुछ बेमानी हो गया है। आपको इस स्थिति को मझते हुए ही काम करना है।
टॉप स्टोरीज़
मरीज से कोई डिमांड न करें
जब कोई इंसान डिप्रेशन से जूझ रहा होता है तो उसे किसी भी प्रकार की बंदिश और भी भड़का देती है। तो उनके सामने मांगे रखने या अल्टिमेटम देने आदि से बचें। उनके लेट-बैक एटिट्यूड से तंग आकर उन्हें धमकी देने, कि आप उनसे दूर हो जाएंगे, उन्हें वक्त दें। थोड़ा वक्त उनका अकेले और थोड़ा अपने साथ। ध्यान रहे, इतिहास गवाह है कि सच्चे प्यार से आप कुछ भी जीत सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : चिंता और घबराहट संबंधी दवाएं हो सकती हैं हानिकारक, विशेषज्ञ की लें सलाह
पैम्पर करना न भूलें
किसी की भावनाओं को समझने के लिये आपको सच्चे मन से उसे समझना होगा। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंसान की इंसानियत केवल तभी जागती है, जब वह जीवन से हारने लगता है। ज्यादातर इंसानों में दुख को जाने बिना परिपक्वता नहीं आती। अगर आपको उदासी के बारे में पता है और आपको पीड़ा का भी अहसास है, तो बस उसी स्थिति में आप एक परिपक्व इंसान बन सकते हैं। वरना न तो कभी आप यह समझ पाएंगे कि आपके साथ क्या हो रहा है, और न ही कभी आप जान पाएंगे कि आसपास के लोगों के साथ क्या घटित हो रहा है। बिना दर्द को जाने कभी आपको करुणा का अहसास नहीं होता।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Other Diseases In Hindi