कहीं प्यार में आपके साथ भी तो नहीं हो रहा 'इमोशनल अत्याचार' जानें 5 जरूरी बातें

अक्‍सर शोषण शब्‍द सुनते ही हम सबके मन में शारीरिक शोषण ही आता है। शोषण सिर्फ शारीरिक ही नहीं,बल्कि मानसिक और इमोशनली भी होता है। जब कोई व्‍यक्ति अपनी बातों व गुस्‍से से आपको तकलीफ पहुंचाता है या फिर आपसे अपनी बात मनवाता है और आपको नियंत्रित करने की कोशिश करता है, उसे भावानात्‍मक शोषण कहते हैं।
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कहीं प्यार में आपके साथ भी तो नहीं हो रहा 'इमोशनल अत्याचार' जानें 5 जरूरी बातें

अक्‍सर शोषण शब्‍द सुनते ही हम सबके मन में शारीरिक शोषण ही आता है। शोषण सिर्फ शारीरिक ही नहीं,बल्कि मानसिक और इमोशनली भी होता है। जब कोई व्‍यक्ति अपनी बातों व गुस्‍से से आपको तकलीफ पहुंचाता है या फिर आपसे अपनी बात मनवाता है और आपको नियंत्रित करने की कोशिश करता है, उसे भावानात्‍मक शोषण कहते हैं। कई रिश्तों में जहां प्यार होता है, वहां तकरार भी देखने को मिलती है। लेकिन प्यार में लड़ाईयां कुछ हद तक ही ठीक लगती हैं। बहस या लड़ाई ज्यादा बढ़ जाएं, तो आपके पार्टनर की बातें आपके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने लगती हैं। ऐसे में कई कपल्स का प्यार भरा रिश्ता एब्यूजिव रिलेशनशिप में बदल जाता है। जिस रिश्ते में इमोशनल ब्लैकमेलिंग के कारण आपको रिश्ते में रहना कई बार बहुत घुटन भरा भी लगता है। आइए हम आपको बताते हैं, कि कैसे किसी रिश्ते में इमोशनल शोषण शुरू होता है।

बार-बार कोसना या ताने मारना

अगर आप अपने पार्टनर को इज्जत दे रहे हैं, लेकिन बदले में आपको इज्जत नहीं मिल रही, तो यह बात आपके सम्‍मान को ठेस पहुंचाती है। जिससे रिश्‍ते में दूरियां भी बढ़ती हैं। प्यार में एक—दूसरे को रिस्पेक्ट देना बहुत जरूरी है। लड़ाईयां एक तरफ है और इज्जत देना एक तरफ। पाटर्नर का आपको बार-बार कोसना, ताने मारना, आपको गलत ठ‍हराना और आप पर चिल्‍लाना। यहीं से रिश्‍ते में भावनात्‍मक शोषण की शुरूआत होती है।

इगनोरिंग

किसी भी रिश्ते में दोनों पार्टनर को एक—दूसरे की बातों को तव्वजो देना बहुत जरूरी है। यदि आपका पार्टनर अपनी बात को आपसे मनवाता है और आपकी बातों को इग्नोर कर देता है, तो इस बात को अनदेखा न करें। इससे आपके सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। पार्टनर का भावनात्‍मक तौर पर आपसे खुद को दूर रखना और आपमें व आपकी बातों में कोई दिलचस्‍पी न दिखाना भी भावनात्‍मक शोषण के लक्षण हैं।

जबरदस्ती बात मनवाना

कई कपल्स में पार्टनर अपनी बात मनवाने के लिए जबरदस्ती करते है। जैसे कई कपल्स के बीच एक—दूसरे पर अपनी इच्छाएं और फैसले थोपे जाते हैं, जो सरासर गलत है। किसी भी रिश्ते में दोनों की भावनाओं, फैसले और इच्छाओं का सम्मान देना जरूरी है। इसके अलावा आपसे ऐसी उम्‍मीदें रखना जो पूरा करना संभव न हो या आपको ये जताना कि आप किसी काम के लायक नहीं हो।   


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इमोशनल ब्लैकमेलिंग

कई कपल्‍स अपनी बातों को मनवाने के लिए अपने पार्टनर को इमोशनल ब्‍लैकमेल करते हैं। इमोशनल ब्लैकमेलिंग के चलते कई बार मर्जी ना होते हुए भी आप अपने पार्टनर की बात मान लेते हैं, जबकि आपको उस चीज में बिलकुल भी खुशी नहीं होती है।

बेवजह लडाईयां

कई कपल्‍स में बेवजह की लड़ाईयां शुरू हो जाती हैं। हर छोटी बात को समझदारी के साथ बात करके सुलझाने के बजाय, बातों को लड़ाई का रूप देना भी भावनात्‍मक शोषण का एक लक्षण है। जिससे कपल्‍स के बीच लड़ाईयां होती हैं और दूरियां बनती है।


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भावनात्‍मक शोषण के नुकसान

  • भावनात्‍मक शोषण रिश्‍ते में प्‍यार को खत्‍म कर, रिश्‍ते को खोखला बनाता है।
  • ऐसे रिश्‍ते में रह रहे लोग अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं, जिससे कई लोग तनाव के शिकार हो जाते हैं। 
  • कोई भी रिश्‍ता प्‍यार में ही पनप पाता है, यदि कपल्‍स में मानसिक व भावनात्‍मक शोषण हो, तो रिश्‍ता टूटने की कगार पर होता है।
  • भावनात्‍मक शोषण कई बार व्‍यक्ति को गलत कदम उठाने के लिए भी मजबूर करता है। इसलिए अपने रिश्‍ते को बचाने के लिए इन परिस्‍थितियों में पार्टनर के साथ बात प्‍यार व समझदारी के साथ खुलकर बात करें।

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