ग्लूटेन फ्री डाइट का चलन आजकल लोगों में तेजी से बढ़ रहा है। आपको बाजार में ऐसे तमाम प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे, जो ग्लूटेन फ्री होने का दावा करते हैं। इसके साथ ही शहरों में कई रेस्टोरेंट्स भी अपने मेन्यू में ग्लूटेन फ्री डिशेज को शामिल कर रहे हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्लूटेन फ्री डिशेज का चलन लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। आइए आपको बताते हैं ऐसा क्यों।
क्यों ट्रेंड में आया ग्लूटेन फ्री डाइट
बाजार में मौजूद चीजों और टीवी पर दिखाए गए विज्ञापनों से हम बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं। 'शुगर फ्री', 'फाइबर रिच', 'सोडियम लेस', 'ऑर्गेनिक एंड प्योर' जैसे न जाने कितने शब्द हैं, जो आजकल मार्केट में छाए हुए हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और अच्छे ग्राहक के तौर पर हम इन शब्दों से बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं। लेकिन खाने-पीने में ऐसे बहुत से तत्व हैं, जो एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए जरूरी हैं। लेकिन मार्केटिंग के इन शब्दों के चक्कर में फंसकर हम उन तत्वों को लेना छोड़ देते हैं, जिनका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। कुछ ऐसा ही शब्द है 'ग्लूटेन फ्री डाइट'।
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ग्लूटेन फ्री डाइट की जरूरत किन्हें
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि ग्लूटेन क्या है। ग्लूटेन एक विशेष प्रकार का प्रोटीन है, जो कई अनाजों जैसे गेंहूं, जौ आदि में पाया जाता है। ये प्रोटीन उन लोगों के लिए खतरनाक है जिन्हें सीलिएक रोग होता है। सीलिएक डिजीज एक तरह की एलर्जी है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में ग्लूटेन की थोड़ी मात्रा भी खतरनाक हो सकती है क्योंकि ये छोटी आंत को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे शरीर में पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। चूंकि गेंहूं दुनिया के ज्यादातर देशों में मुख्य आहार (रोटी, ब्रेड, पास्ता, बिस्किट आदि) के रूप में इस्तेमाल होता है इसलिए सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन फ्री डाइट की सलाह दी जाती है, यानी ग्लूटेन फ्री डाइट की जरूरत उन लोगों को होती है जो एक विशेष प्रकार की बीमारी, जिसे सीलिएक डिजीज कहते हैं, से प्रभावित होते हैं।
केवल 1% लोगों के लिए जरूरी ग्लूटेन फ्री डाइट
सीलिएक डिजीज कोई आम बीमारी नहीं है। दुनियाभर में लगभग 1% लोग ही इस बीमारी से प्रभावित हैं। ऐसे में सीलिएक डिजीज के रोगियों के लिए तो ग्लूटेन फ्री डाइट सही है मगर ज्यादातर लोग, जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी की समस्या नहीं है, उन्हें ग्लूटेन फ्री डाइट का चुनाव नहीं करना चाहिए या कम से कम अपने डॉक्टर से इस संदर्भ में पूछ कर ही ग्लूटेन फ्री डाइट का चुनाव करना चाहिए। ये अनुवांशिक बीमारी है इसलिए कई बार मां-बाप से बच्चों में पहुंच सकती है।
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ग्लूटेन के संबंध में भ्रम
आम लोगों में ग्लूटेन के संबंध में कई तरह की भ्रांतियां हैं, जैसे- ग्लूटेन से सूजन की समस्या हो जाती है, ग्लूटेन डायबिटीज का कारण बनता है, ग्लूटेन से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है आदि। लेकिन हाल में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपे एक अध्ययन के मुताबिक ग्लूटेन का कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी रोगों) से कोई संबंध नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ग्लूटेन बिल्कुल न लेने या कम मात्रा में लेने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों नुकसानदायक है ग्लूटेन फ्री डाइट
अगर आपको सीलिएक डिजीज नहीं हैं, तो ग्लूटेन फ्री डाइट आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। गेंहूं में फाइबर, प्रोटीन और ऐसे कई मिनरल्स होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। डाइट्री फाइबर हमारे पाचन के लिए जरूरी है। शोधों के अनुसार साबुत अनाजों के सेवन से कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा कम होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसे लोगों को ग्लूटेन फ्री डाइट लेने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, जिन्हें ग्लूटेन एलर्जी वाले रोग न हों।
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