
मुधमेह यानि कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी के रूप में उभर रही है जिसका प्रकोप कम होने के बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि यह रोग पूरी तरह से लाइफस्टाइल से जुड़ा हुआ है लेकिन यह रोग जैनेटिक माध्यम से भी फैलता है। यानि कि जिन लोगों के माता-पिता या फिर परिवार में किसी को मधुमेह होता है तो बच्चों में भी उसके होने के काफी चांस बढ़ जाते हैं। आज हम एक रिपोर्ट के आधार पर आपको डायबिटीज से संबंधित चौंकाने वाले आंकड़े बता रहे हैं।
एक रिसर्च में पता चला है कि भारत में तकरीबन मौजूदा वक्त में 32 लाख लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं। जिनमें करीब 10 प्रतिशत गर्भवती स्त्रियां हैं। एक सर्वे के अनुसार 20-29 आयु वर्ग की स्त्रियों की तुलना में 30 से 39 आयु वर्ग की गर्भवती स्त्रियों में इसका प्रभाव ज्य़ादा देखा जा रहा है। भारतीय स्त्रियों की तादाद दूसरे देशों के मुकाबले 11.3 गुना ज्य़ादा है। बॉडी मास इंडेक्स के 30 से अधिक होने, गर्भावस्था में मधुमेह होने, यूरिन में शुगर होने और पारिवारिक सदस्यों के मधुमेह से ग्रस्त होने पर डॉक्टर डायबिटीज स्क्रीनिंग की सलाह देते हैं। कई बार पहले इसके लक्षण नहीं दिखते लेकिन गर्भावस्था में हाई ब्लडशुगर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
डायबिटीज के लक्षण
थकान होना, अचानक वज़न कम होना, अत्यधिक प्यास लगना, घाव का जल्दी न भरना, बार-बार और अधिक पेशाब लगना, तबियत खराब रहना, आंखों की रोशनी का धुंधला होना और त्वचा के रोग होना आदि। इन लक्षणों में से अगर 2 भी आपको अपने शरीर में दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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