2025 तक मोटे बच्चों के मामले में भारत दूसरे नम्बर पर होगा

अगर इसी तरह से मोटापे की बीमारी देश में बढ़ते रही तो 2025 तक मोटे बच्चों के मामले में भारत दूसरे नम्बर पर होगा। अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र पीडियाट्रिक ओबेसिटी में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में 2025 तक मोटे बच्चों की संख्या करोड़ों में पहुंचने की संभावना जताई गई है। शोध पत्र के अनुसार, भारत में साल 2025 तक मोटापे से पीड़ित बच्चों की संख्या 1.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इसी के साथ 184 देशों की सूची में भारत मोटे बच्चों के मामले में दूसरे स्थान पर आ जाएगा।   मोटापा बढ़ने का कारण बच्चों में मोटापा बचपन से ही घर कर रहा है। बचपन में मोटापे की समस्या के कारण बच्चों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कॉलेस्ट्राल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। शोध में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि वो युवा जो मोटे हैं उनमें 70 फीसदी हृदय रोग के होने का खतरा भी अधिक होता है। मोटापे की स्थिति मोटे और हेल्दी बच्चे में अंतर समझना जरूरी है। क्योंकि कई बार लोग ऐसी खबर पढ़कर अपने हेल्दी बच्चे को भी पतला करने में लग जाते हैं। मोटापा उस स्थिति को कहते हैं जिसमें एक बच्चा अपनी उम्र और समान ऊंचाई के सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक भारी होता है। जबकि हेल्दी बच्चा पतले बच्चों की तुलना में अधिक भारी और मोटे बच्चों की तुलना में थोड़ा पतला होता है। अगर बच्चा थाड़ा भारी है लेकिन सारी एक्टिवीटिज़ को बिना थके कर लेता है तो बच्चा हेल्दी है। क्योंकि मोटे बच्चे किसी भी काम को करने में जल्दी थक जाते हैं।   Read more Health news in Hindi.
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2025 तक मोटे बच्चों के मामले में भारत दूसरे नम्बर पर होगा

अगर इसी तरह से मोटापे की बीमारी देश में बढ़ते रही तो 2025 तक मोटे बच्चों के मामले में भारत दूसरे नम्बर पर होगा। अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र पीडियाट्रिक ओबेसिटी में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में 2025 तक मोटे बच्चों की संख्या करोड़ों में पहुंचने की संभावना जताई गई है। शोध पत्र के अनुसार, भारत में साल 2025 तक मोटापे से पीड़ित बच्चों की संख्या 1.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इसी के साथ 184 देशों की सूची में भारत मोटे बच्चों के मामले में दूसरे स्थान पर आ जाएगा।

 

मोटापा बढ़ने का कारण

बच्चों में मोटापा बचपन से ही घर कर रहा है। बचपन में मोटापे की समस्या के कारण बच्चों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कॉलेस्ट्राल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। शोध में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि वो युवा जो मोटे हैं उनमें 70 फीसदी हृदय रोग के होने का खतरा भी अधिक होता है।

मोटापे की स्थिति

मोटे और हेल्दी बच्चे में अंतर समझना जरूरी है। क्योंकि कई बार लोग ऐसी खबर पढ़कर अपने हेल्दी बच्चे को भी पतला करने में लग जाते हैं। मोटापा उस स्थिति को कहते हैं जिसमें एक बच्चा अपनी उम्र और समान ऊंचाई के सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक भारी होता है। जबकि हेल्दी बच्चा पतले बच्चों की तुलना में अधिक भारी और मोटे बच्चों की तुलना में थोड़ा पतला होता है। अगर बच्चा थाड़ा भारी है लेकिन सारी एक्टिवीटिज़ को बिना थके कर लेता है तो बच्चा हेल्दी है। क्योंकि मोटे बच्चे किसी भी काम को करने में जल्दी थक जाते हैं।

 

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